कोर्ट ने भ्रूण हत्या मामले पर बरती सख्ती
राजस्थान हाइकोर्ट ने कन्या भ्रूण हत्या को लेकर सोनोग्राफी सेंटरों के खिलाफ सख्त रूख अपनाया है। कोर्ट ने सभी सोनोग्राफी मशीनों पर चार महीने में साइलेंट ऑब्र्जवर और एक्टिव ट्रैकर लगाने के आदेश दिए हैं। साथ ही अदालत ने सरकार को तुरंत प्रभाव से सोनोग्राफी सेंटरों से एफ फॉर्म ऑनलाइन भरने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश अरूण मिश्रा और न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार जैन की पीठ ने वरिष्ठ वकील एसके शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए साफ किया कि ऎसा नहीं करने पर सरकार सोनोग्राफी सेंटरों के लाइसेंस रद्द करे। मामले पर अगली सुनवाई 28 मई को होगी। शर्मा की याचिका में सोनोग्राफी सेंटरों पर साइलेंट ऑब्र्जवर और एक्टिव ट्रैकर लगाने की मांगी की गई थी। राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि पूरे प्रदेश में सोनाग्राफी मशीनों पर छह माह में एक्टिव ट्रैकर लगाने के आदेश दिए जा चुके हैं लेकिन कोर्ट ने छह माह को ज्यादा समय मानते हुए राज्य सरकार को चार माह में सभी सोनोग्राफी सेंटरों पर एक्टिव ट्रैकर लगाने का आदेश दिया।
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