5 lakh students will join MGSU digital library
शिक्षा क्षेत्र

प्राचार्य-संवाद’ कार्यक्रम

नयी शिक्षा नीति को लागू करना हमारा राष्ट्रीय दायित्व

कक्षाओं को जीवंत और रोचक बनाने की जरूरत- दीक्षित

एमजीएसयू डिजिटल लाइब्रेरी से जुड़ेंगे 5 लाख स्टूडेंट्स

नव शिक्षा-सत्र से स्टूडेंट को जारी होगा यूनिक नंबर

हनुमानगढ़, 13 सितम्बर।
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित का मानना है कि नयी शिक्षा नीति-2020 हम सभी देशवासियों के लिए एक बड़ा अवसर है जो दशकों बाद मिला है; और इसे लागू करने में सहयोग करना सभी भारतीयों का राष्ट्रीय दायित्व है। क्योंकि ये बहु-प्रतीक्षित नीति शिक्षा जगत में एक नए युग का सूत्रपात करेगी। प्रो. दीक्षित आज श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय परिसर में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर से सम्बद्ध हनुमानगढ़ जिले में संचालित समस्त महाविद्यालयों के प्राचार्य गण के साथ ‘प्राचार्य-संवाद' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन और नवाचार की दिशा में नयी शिक्षा नीति एक कारगर कदम है जिसके सुपरिणाम शीघ्र ही परिलक्षित होंगे। उन्होंने जानकारी दी कि नव शिक्षा-सत्र से प्रत्येक स्टूडेंट को यूनिक नंबर जारी होगा, साथ ही विश्वविद्यालय से जुड़े करीब 5 लाख स्टूडेंट्स आने वाले समय में एमजीएसयू डिजिटल लाइब्रेरी से जुड़ेंगे। श्री दीक्षित ने प्राचार्य परिचय-सत्र में सभी जिज्ञासाओं पर विश्वविद्यालय की रीति-नीति और संभावित समाधानों पर विस्तृत विवेचना की। उन्होंने कहा कि नक़ल की प्रवृत्ति पर व्यापक अंकुश लगाना सरकार की इच्छा शक्ति पर निर्भर है।

कुलपति आचार्य दीक्षित ने कोरोना वायरस जनित वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद से स्टूडेंट्स के नियमित कक्षाओं में निरंतर कम होते रुझान पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इसे टीचर्स एक चुनौती के रूप में स्वीकार करें और वे अपने सतत प्रयासों से कक्षाओं को जीवंत और रोचक बनाने का काम करें, जहां स्टूडेंट्स को नियमित तौर पर कुछ न कुछ नया सीखने और जानने को मिले। उन्होंने एनईपी-2020 में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, मल्टीपल एंट्री और एग्जिट ऑप्शन, लर्निंग आउटकम करिकुलम फ्रेमवर्क, पुनर्मूल्यांकन व्यवस्था, मूल्यांकन मानदेय पर भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।

महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरुण प्रकाश शर्मा और परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजाराम चोयल ने नयी शिक्षा नीति के सम्बन्ध में तकनीकी जानकारी प्रस्तुत की। उपस्थित संभागियों को बताया गया कि नयी शिक्षा नीति में सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद 45 दिनों तक चलने वाली परीक्षा अब 15 दिनों में ही संपन्न होगी। साथ ही एनुअल एग्जाम सिस्टम की बजाय सेमेस्टर सिस्टम में स्टूडेंट्स में तनाव कम होगा और उनके पास स्टडीज में कई विकल्प होंगे।

इससे पूर्व एसकेडी यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन दिनेश कुमार जुनेजा ने अतिथियों के स्वागत भाषण में बताया कि नयी शिक्षा नीति में स्किल डेवलपमेंट के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। नयी शिक्षा नीति के अनुरूप एसकेडी यूनिवर्सिटी में पाठ्यक्रमों का संचालन शुरू किया जा चुका है.
कार्यक्रम में एसकेडी यूनिवर्सिटी में शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विक्रम सिंह औलख द्वारा लिखित एजुकेशनल साइकोलॉजी पुस्तक का विमोचन अतिथियों ने किया। ये पुस्तक शिक्षा संकाय के स्टूडेंट्स के लिए उपयोगी साबित होगी।

इस अवसर पर एसकेएन एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, जोबनेर पूर्व वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर जेएस संधू, सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन जितेंद्र गोयल, गुरु गोबिंद सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट की वाइस प्रेसीडेंट श्रीमती कृष्णा यादव, एसकेडी यूनिवर्सिटी के वाइस चेयरपर्सन वरुण यादव और राजकीय एनएम पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विनोद जांगिड़ सहित सौ से अधिक प्राचार्य गण उपस्थित थे।कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के अतिरिक्त कुलसचिव डॉ. विट्ठल बिस्सा और सञ्चालन डॉ. अर्चना तंवर ने किया।

जन संपर्क विभाग
श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय
88750 66000

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