शिक्षिकाओं और एजुकेटर्स के जीवन कौशल को लगे ‘पंख'
सरकार और यूएनएफपीए की कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अभिनव पहल
प्रदेश की 316 केजीबीवी की 40,000 बालिकाएं कर रहीं गुणवत्तायुक्त शिक्षा हासिल
जयपुर। प्रदेश में बालिकाओं और किशोरियों के जीवन कौशल को बढ़ाने, उन्हें जागरूक करने और स्वास्थ्य एवं जेंडर संबंधी अधिकारों के बारे में निर्णय लेने में सशक्त बनाने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से पंख परियोजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की ओर से प्रदेश के सभी जिलों के 316 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की शिक्षिकाओं और पीयर एजुकेटर्स की क्षमतावर्धन के लिए विभिन्न आवासीय कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। गौरतलब है कि इन केजीबीवी विद्यालयों में 40,000 बालिकाएं गुणवत्तायुक्त शिक्षा हासिल कर रही हैं। इस योजना के तहत कुल 11 थीमों पर काम किया जा रहा है।

यूएनएफपीए-राजस्थान के स्टेट प्रोग्राम एनालिस्ट कुमार मनीष ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में केजीबीवी की 190 शिक्षिकाओं और 978 पीयर एजुकेटर्स के लिए जयपुर, उदयपुर, सवाई माधोपुर, कोटा और जोधपुर में चार दिवसीय आवासीय क्षमतावर्धन कार्यशाला का आयोजन किया। इसका संचालन यूएनएफपीए और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की ओर से समर्थित प्रशिक्षित ट्रेनर की ओर से किया गया। कार्यशाला में किशोरियों के जीवन कौशल को बढ़ाने तथा स्वास्थ्य एवं जेंडर संबंधी अधिकारों के बारे में निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाया गया। वहीं सुरक्षित व असुरक्षित स्पर्श, हिंसा, सोशल मीडिया का सुरक्षित उपयोग, पोषण, स्वास्थ्य, जेंडर आधारित भेदभाव तथा प्रजनन पर प्रशिक्षण दिया गया। यूएनएफपीए की ओर से शिक्षिकाओं और पीयर एजुकेटर्स को विभिन्न संसाधन सामग्री भी वितरित की गई।
कल्याण सिंह कोठारी, मीडिया कंसल्टेंट
मो.: +91 94140 47744
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