आवासीय योजना : इंदिरागांधी नगर योजना, जयपुर
राजस्थान हाउंसिंग बोर्ड राजस्थान के प्रमुख शहरों में आवासीय कॉलोनियां बसाने के लिए प्रतिबद्ध है। राजस्थान हाउसिंह बोर्ड ने हाल ही जयपुर में इंदिरा गांधी नगर, जगतपुरा में 664 एमआईजी और एलआईजी बहुमंजिला आवासीय फ्लैट योजना लांच की है। यह योजना गत वर्ष दिसंबर में अमल में लाई गई और अब वर्तमान में यह तेजी से पूरी की जा रही है।
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड का कार्य सभी लोगों को सस्ते आवास उपलब्ध कराना और आवास की गारंटी देना है। राजस्थान हाउसिंग बोर्ड समय समय पर मध्यम और निचले वर्ग के लिए ऐसी ही सस्ती आवासीय योजनाएं लाता है। इंदिरा गांधी आवासीय योजना में मिडिल इनकम ग्रुप और लो इनकम ग्रुप के फ्लैटृस के लिए मार्च 2013 तक बड़ी संख्या मे आवेदन किए गए हैं।
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड, जयपुर द्वारा प्रस्तुत इस बहुमंजिला फ्लैट योजना इंदिरा गांधी नगर के सेक्टर 10 में इन आवासों में 88 एलआईजी मल्टीस्टोरी रेजीडेंशियल फ्लैट हैं जो 450 वर्ग फीट में बने हुए हैं। ये फ्लैट योजना एक लाख सालाना से ढाई लाख सालाना इनकम के आवेदकों के लिए है। जबकि 216 एमआईजी मल्टीस्टोरी रेजीडेंशियल फ्लैट सेक्टर 6 में 715 वर्ग फीट में बने हुए हैं। ये फ्लैट ढाई लाख से साढे 4 लाख सालाना इनकम के आवेदकों के लिए है। इसके अलावा 360 एमआईजी मल्टीस्टोरी रेजीडेंशियल फ्लैट 1451 वर्ग फीट आकार के हैं। सेक्टर 8 में बने ये फ्लैट साढे 4 से 6 लाख सालाना इनकम के लोगों के लिए हैं।
हाउसिंग बोर्ड इन एलआईजी, एमआईजी-ए और बी योजनाओं में फ्लैट का अलॉटमेंट प्राय: लॉटरी सिस्टम के आधार पर करता है। इंदिरा गांधी आवासीय परियोजना के इन फ्लैट का अलॉटमेंट भी मार्च 2013 में लॉटरी सिस्टम से ही किया गया। इंदिरा गांधी रेजीडेंशियल स्कीम इंदिरागांधी नगर, जगतपुरा में सेक्टर 6, 8 और 10 में विस्तृत है।
योजना के ब्रॉशर मय आवेदन एक्सिस बैंक, सेंट्रल बैंक और इंडिया, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, इंडसइंड, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियम बैंक और इंडिया से उपलब्ध कराए गए।
किसानों से सीधे जमीनें खरीदने पर विचार-
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड अब प्राइवेट बिल्डरों की तरह आवासीय योजनाओं के लिए किसानों से सीधे बात करके उनकी जमीनें खरीदेगा। हाउसिंग बोर्ड अवाप्ति की टेढी राह से छुटकारा पाना चाहता है। आपप्ति की प्रक्रिया वहीं अपनाई जाएगी जहां खातेदार की जमीन किसी योजना में आ रही है और वह देने से आनकानी कर रहा है। इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भी भेजा है। प्रस्ताव को बोर्ड मीटिंग में पहले ही सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। अब सरकार से अनुमति मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
खातेदार को योजना क्षेत्र में 25 प्रतिशत विकसित भूमि देने की नीति के तहत ही किसानों से सीधे जमीनें ली जाएंगी। उनमें भी स्वेच्छा से भूमि समर्पित करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें अवाप्ति की प्रक्रिया नहीं होगी और किसान से सीधे जमीन ले ली जाएगी। अवाप्ति प्रक्रिया लंबी होने से इसमें समय लगता है और जमीनों के दाम बढ जाते हैं। इससे किसान भी जमीन देने में आनकानी करने लगते हैं। अगर किसानों को तुरंत मुआवजा या विकसित भूमि मिल जाए तो कोई परेशानी भी नहीं होगी।
बंद सड़क पर सरकार ने जवाब मांगा
जयपुर में रिद्धि सिद्धि चौराहे से मानसरोवर की ओर जाने वाली स्लिप लेने पर बाउंड्रीवाल बनाने का मामला सोमवार को सरकार तक पहुंच गया। नगरीय विकास विभाग ने इस संबंध में राजस्थान आवासन मंडल से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। नगरिय विकास विभाग के अधिकारीके अनुसार हाउसिंग बोर्ड की रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर का कहना है कि जिस लेन को बंद करने की बातें की जा रही हैं वह हाउसिंग बोर्ड की संपत्ति थी और उसका बेचान पहले ही किया जा चुका है। जहां तक आम रास्ते की बात है तो आम रास्ता रिद्धि सिद्धि से टी प्वाइंट तक बना हुआ है।
हाउसिंग बोर्ड ने ही बनाई थी लिंक रोड
शिप्रा पथ से मोहनपुरा पुलिया तक लिंक रोड हाउसिंग बोर्ड ने ही बनाई थी। अब एक निजी संस्था को जमीन आवंटन की फिर से बहाली होने के बाद उसे निजी संस्था मालिक ने बंद किया है। संस्थान को स्कूल के लिए 9300 वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई थी। लिंक रोड बंद करने का मामला तूल पकडने और पार्षद के अलावा अभय पुरोहित आदि के नेतृत्व में प्रदर्शन किए गए। इसके बाद सरकार ने रिपोर्ट मांगी तो मानसरोवर के जोन डिप्टी कमिश्नर ए एक खान ने कमिश्नर को रिपोर्ट दी। कमिश्नर ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में बताया कि पहले स्कूल के लिए जमीन आवंटित की थी लेकिन बाद में आवंटन निरस्त होने पर हाउसिंग बोर्ड ने ही स्लिप लेन निकाल दी थी। लेकिन रिपोर्ट में यह खुलासा नहीं किया है कि आखिर निरस्त आबंटन की बहाली किसने और किस नियम के तहत की। बोर्ड की कार्यप्रणाली और रिपोर्ट के आधार पर हाउसिंग बोर्ड प्रबंधन विवादों में आ गया है।
शिप्रापथ लिंक रोड फिर बनाई
जयपुर में स्थानीय लोगों और कई संगठनों के विरोध के चलते नगर निगम ने आखिर शुक्रवार की सुबह शिप्रापथ से मोहनपुरा पुलिया को जोडने वाली स्लिप लेन पर बनाई गई निजी संस्था की चारदीवारी तोड दी। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों की मौजूदगी में डेढ घंटे चली कार्रवाई के बाद निगम के दस्ते ने दोपहर में मलबा हटाकर रोड को दुरूस्त करना आरंभ किया। चार दिन से बंद स्लिप लेन शाम को फिर शुरू हो गई। गौरतलब है कि हाउसिंग बोर्ड ने जून 2012 में संस्था का आवंटन निरस्त कर दिया था। अब यह सवाल खडा हो गया है कि रोड के लिए काम आ रही जमीन का क्या होगा कयोंकि इस 9300 वर्गमीटर जमीन पर निजी संस्था को मालिकाना हक हाउसिंग बोर्ड ने ही दिया है। जमीन की राशि संस्था को लौटाई जाए या रोड जितनी जमीन दूसरी जगह दी जाए। बोर्ड प्रशासन इस कवायद में लग गया है।
हाउसिंग बोर्ड बनाएगा दस्तकार नगर के घर
जयपुर विकास प्राधिकरण की नायला में आवासों का निर्माण राजस्थान हाउसिंग बोर्ड कराएगा। इस योजना में दस्तकारों के लिए 750 आवास बनाए जाने हैं। जेडीए नायला में कुल 26.01 हेक्टेयर जमीन पर योजना विकसित करने जा रहा है। आवासों के निर्माण के लिए मंडल द्वारा निविदाएं जारी की जा चुकी हैं। इसके कार्यादेश जून 2013 में जारी कर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए अलग से योजना विकसित करने की बजट घोषणा की थी। मकान आवंटन की कार्रवाई अल्पसंख्यक मामलात विभाग करेगा।
आवासन मंडल
आवासन मंडल की कॉलोनियों के हस्तांतरण के समय भविष्य में शहरी निकायों को कुछ भूमि भी मिलेगी। इस भूमि से होने वाली आय से निकाय कॉलोनी में सफाई और सडक मरम्मत जैसे काम करा सकेंगे। हस्तांतरित कॉलोनियों की समस्त खाली भूमि शहरी निकायों को देने के राज्य सरकार के तीन साल पुराने आदेश को अब तक हवा में उड़ा रहे आवासन मंडल ने अपनी मुट्ठी ढीली की है। मंडल प्रशासन ने तय किया है कि आने वाले समय में जो कॉलोनी शहरी निकाय को हस्तांतरित की जाएगी उसमें आवासीय और व्यावसायिक उपयोग के लिए प्रस्तावित भूमि की पांच पांच प्रतिशत भूमि निकाय को सौंपी जाएगी।
हाउसिंग बोर्ड बनाएगा 15000 मकान
राजस्थान आवासन मंडल पंद्रह हजार मकान बनाएगा। मंडल के चेयरमैन परसराम मोरदिया ने गुरूवार को मंडल मुख्यालय पर बोर्ड कक्ष में वृत व खंड कार्यालयों की राज्य स्तरीय वार्षिक समीक्षा बैठक ली। मोरदिया ने अफसरों को निर्देश देते हुए कहा कि सरकार ने बजट में पंद्रह हजार आवासों की घोषणा की, उसके अनुरूप वर्ष 2013-14 में पंद्रह हजार आवासों का लक्ष्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
वकीलों को ग्रुप हाउसिंग में मिलेंगे मकान
प्रदेश में वकीलों को ग्रुप हाउसिंग योजना के तहत सभी शहरों में मकान आबंटति किए जाएंगे। राज्य मंत्रिमंडल ने वकीलों के लिए बनी आवास नीति का अनुमोदन कर दिया। केबिनेट ने नई कृषि नीति पर मुहर लगाने के साथ ही सभी बजट घोषणाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करने पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में उत्तराखंड त्रासदी के प्रभावित परिवारों के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई मंत्रियों को 15 से 20 जुलाई तक अपने प्रभार वाले जिलों में ही रहने और जिलों में दौरे के समय सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करने को कहा गया है।