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11 साल बाद श्रवण नक्षत्र

हर बार बहन भाई के प्‍यार में आडे आने वाली भद्रा इस बार नहीं सताएगी। पंडितो के अनुसार इस बार पूरे दिन राखी का मुहूर्त रहेगा। शुभ व लाभ के चौघडिए में राखी बांध जाए तो बेहतर रहेगा। वैसे पूरा दिन ही शुभ है। हर बार होता यह है कि भद्रा अधिकांश समय मुहूर्त  पर भारी पड जाती  है। इस बार भद्रा के संकट से राहत मिल गई है। अब गुरवार को श्रावण मास की पूण्रिमा के दिन राखी का त्‍यौहार मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां बुधवार को दिखी। छोटे बडे, जयपुर के हर बाजार में भीड थी। मिठाई गिफट और राखियों की दुकानों पर तो पैर रखने की जगह नहीं थी। रेलवे स्‍टेशन और बस अडडे पर भी जमकर भीड थी।


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