वैसे तो हर बुधवार गणपति का दिन होता है लेकिन इस बार का बुधवार कुछ खास रहा। गणेश चतुर्थी के दिन बुधवार को शहर के हर छोटे बडे मंदिर में गणेश भगवान के जयकारे गुंजयामान हुए। प्रथम पूज्य की अगवानी में पूरा शहर डूबा रहा। हर ओर गणपति के जयकारों की गूंज सुनाई पड़ी। । शहर में प्रमुख गणेश मंदिरों के अलावा शुभ मुहूर्त में घर-घर में भगवान गणेश की आराधना की गई। गणेश चतुर्थी पर शहर के मंदिर गणपति मात्रिका, अष्टोत्तरशत नामावली की वैदिक ऋचाओं से गूंज उठे। इस बीच गढ़ गणेश मंदिर, लाल डूंगरी गणेश मंदिर, मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, नहर के गणेश मंदिर, सिद्धि विनायक मंदिर, दिल्ली रोड के बंगाली बाबा आत्माराम ब्रह्मचारी गणेश मंदिर सहित शहर भर के मंदिरों में विभिन्न आयोजन हुए। इस दौरान मंदिरों में मेले का सा माहौल है। मोतीडूंगरी गणेश जी मनोहारी पोशाक में नजर आए। वहीं, भगवान गणेश स्वर्ण मंडित मुकुट और चांदी की धोती में आकर्षक मुद्रा में नजर आ रहे थे। इस अवसर पर मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में विभिन्न झांकियों में मनोहारी पोशाकों के साथ आरती की गई। मंदिर में तड़के से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया, जो देर शाम तक चलता रहा। प्रथम पूज्य की एक झलक देखने के लिए भक्त उत्साह के साथ आगे बढ़ते ही जा रहे हैं। मंगला झांकी में मानो श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा हो। इस मौके पर जगह-जगह से मोतीडूंगरी गणेश ध्वजा पदयात्राएं पहुंची।
