जयपुर-स्थानीय खरीददारी ( Ethnic Place )
जब आप किसी नए शहर में जाते हैं तो पहला सवाल आपके मन में क्या उठता है। आप सोचते हैं कि इस शहर से आप क्या खरीदें ताकि वे सुनहरी यादें आपके साथ हमेशा जुड़ी रहें। खैर, हम गुलाबी नगरी जयपुर की बात कर रहे हैं, जयपुर आकर हमें यह नहीं सोचना पड़ता कि
यहां आकर क्या खरीदा जाए। बल्कि हमारी सोच हो सकती है कि क्या ना खरीदा जाए।
जयपुर वाकई खरीददारी के लिए बेहतरीन शहर है। शाही शादियों के लिए खरीददारी करने के लिए भी जयपुर से अच्छी कोई जगह नहीं। जयपुर के बाजार से शादियों का सामान खरीदकर सेलिब्रिटी अपने शादी समारोह को और रौनक दे देते हैं। बॉलिवुड की शादियां हों या देश के बड़े सेलिब्रिटियों का विवाह जयपुर से खरीददारी से अछूता नहीं रहता। हाल ही सैफ अली खान और करीना कपूर के विवाह में जयपुर के पान ने अपनी शान पेश की थी।
जयपुर का खान-पान, वस्त्र और आभूषण सभी में एक विशेष आभा है जो दुनिया को अपनी ओर खींचती है। वह है राजस्थानी संस्कृति और पंरपराओं की महक शामिल होना। जयपुर के लहंगे-चुनरी, प्रिंटेड कुर्ता, साफा शेरवानी और जरी की साडियां टीवी सीरियल्स और हिन्दी फिल्मों में बहुतायत से देखने को मिलती हैं। इसे राजस्थानी फैशन या जयपुरी फैशन के नाम में देश भर से पसंद किया जाता है। जयपुर का गोटेदार लहंगे ने न सिर्फ वस्त्रों को पसंद करने वालों बल्कि गीत-संगीत में भी स्थान पाकर शब्दों को अमर कर दिया है। याद कीजिए यह फेमस गीत तो आपने सुना होगा-’ये गोटेदार लहंगा, निकलूं जब डाल के।’ यहां लहंगे पर की गई बारीक कढाई और गोटावर्क का ही कमाल है कि देशभर में जयपुरी फैशन ने अपना जादू जगा रखा है। टीवी पर भी ऐसा कोई डेली सोप देखने को नहीं मिलता जिसपर जयपुरी फैशन का असर ना हो। बालिका वधु को इस संदर्भ में याद किया जा सकता है। राजस्थानी पृष्ठभूमि पर बने इस सीरियल में राजस्थान की वेशभूषा और आभूषणों ने भी दुनियाभर में धूम मचाई। फिल्म अभिनेत्रियां हो या फिल्म निर्माता, वे भी राजस्थान के वस्त्राभूषण की आलंकरिकता से मोहित रहे। आशुतोष गोवारीकर की भव्य फिल्म ’जोधा अकबर’ का वास्तविकता देने के लिए जयपुर के ऑरिजनल पारंपरिक गहनों और वस्त्रों का प्रयोग किया गया था। इससे भी पहले ’चाईना गेट’ फिल्म में ’छम्मा छम्मा’ गीत की राजस्थानी पैजनियां सबके सिर चढ़कर बोल चुकी है।
वर्ष 2007 में फिल्म अभिनेत्री ऐश्वर्या रॉय ने अपने विवाह में जयपुर की फेमस कुंदन ज्वैलरी पहनी थी। ’जोधा अकबर’, ’उमराव जान’ आदि फिल्मों में जयपुर की बेमिसाल कुंदनकारी, नक्काशी, जरीवर्क और बारीक कला को खूबसूरती से दर्शाया गया था।
कुंदन केसरी दक्षिण एशिया क्षेत्र में पहना जाने वाला खूबसूरत आभूषण है। जयपुर में कुंदनवर्क बेहतरीन होता है और दुनियाभर में यहां का कुंदनवर्क बहुत पसंद किया जाता है। जयपुर में रत्नों का व्यवसाय भी बड़ी तादाद में होता है। यहां का गहनों में रत्न जड़ने का कार्य दुनियाभर में अपनी पहचान और धाक रखता है।
जयपुर स्थापना के समय यहां की अर्थव्यवस्था को हमेशा सुचारू रखने के लिए महाराजा सवाई जयसिंह ने जयपुर शहर में जौहरियों और रत्नों का कार्य करने वाले कुशल कारीगरों को बसाया। यहां आभूषणों में रत्न जड़ने की परंपरा सदियों पुरानी है। इसी परंपरा का निर्वाह आजतक किया जाता है। इसी कारण जयपुर के आभूषण बेमिसाल हैं।
जयपुर की ज्वैलरी की प्रदर्शनियां बैंकॉक, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में लगाई जाती हैं। जयपुर में भी हर साल ‘जयपुर ज्वैलरी शो' का आयोजन किया जाता है। इस बड़े समारोह में देश-दुनिया से खरीददार बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।
जयपुर में लाखकारी, मीनाकारी, धातु के वर्तन और उत्पाद, चमडे से बने उत्पाद, रत्न और कीमती पत्थर, संगमरमर से बने सामान, लकड़ी पर की गई कारीगरी और कालीन विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान रखते हैं।
जयपुर में सोने और चांदी के आभूषणों के अलावा आर्टीफीशियल ज्वैलरी भी बड़ी मात्रा में निर्मित और निर्यात की जाती है। आभूषणों की इस अनुपम दुनिया में आपका स्वागत है। जयपुर आईये और यहां के पुराने शहर के साथ साथ एमआई रोड, राजा पार्क और शहर भर के मॉल्म में खरीददारी जरूर करें।
ब्रांडेड कपड़े खरीदने के लिए भी एमआई रोड आदर्श जगह है। परकोटा में बापू बाजार में भी आप कपड़े और अन्य सुंदर उत्पादों की खरीद कर सकते हैं। जयपुर में खरीददारी करने की खास बात यह है कि आप अपनी जेब के अनुसार सस्ती या महंगी, दोनो तरह की खरीददारी कर सकते हैं।
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