शीश महल
चालीस खंभों पर टिकी इस खूबसूरत इमारत को शीशे के टुकड़ों को बहुत ही सुंदर भित्तिचित्रकला के अनुरूप सजाया गया है। इन शीशों की संख्या लाखों में आंकी जाती है। यहां अगर अंधेरे में मोमबत्ती जलाई जाए तो चारों ओर लाखों प्रकाश-पुंज जगमग हो जाते हैं। यही इस महल की खूबसूरती है। शीशे की बारीकी वाले काम की खूबसूरती के कारण ही इसे शीशमहल के नाम से जाना जाता है। दिलीप कुमार अभिनीत फिल्म मुगले आजम के मधुबाला पर फिल्माए मशहूर गीत ’जब प्यार किया तो डरना क्या’ की वह खूबसूरत लोकेशन याद कीजिए। गीत में शीश महल की खूबियों को बखूबी उजागर किया गया है। कई रंगों के ये शीशे जब रोशनी में जगमगाते हैं तो लगता है किसी ने दमकते बेशकीमती रत्नों और आभूषणों की मंजूषा खोल दी है।
Sheesh Mahal Amber
[jwplayer config=”myplayer” file=”http://player.vimeo.com/external/63498534.sd.mp4?s=ff28d129d2d2a0a5afaf9ae37138579f” image=”http://www.pinkcity.com/wp-content/uploads/2012/06/Sheesh-Mahal.jpg” ]Sheesh Mahal Amber
आज जो शीश महल का निखरा रूप दिखाई देता है वह 1970 से 80 के दौरान यहां प्रशासन की ओर से किए गए जीर्णोद्धार के कारण भी है। लेकिन यह दावे से कहा जा सकता है कि अपने निर्माण के समय मौलिक रूप में यह आज से कहीं बेहतर होगा। क्योंकि इसकी सजावट में शीशों के साथ कीमती रत्नों का भी प्रयोग किया गया था। हॉल के चारों ओर की दीवार पर संगमरमर पर की गई कारीगरी भी जादू पैदा करती है। महल की खिड़कियों झरोखों से मावठे और आमेर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। जयमंदिर के ठीक सामने पश्चिमी की ओर दूसरी इमारत है सुख मंदिर।
आशीष मिश्रा
पिंकसिटी डॉट कॉम…
Add Comment