जनता जनार्दन जिंदाबाद। मतदाता और उंट वास्तव में एक से हैं, जाने किस करवट बैठ जाएं। बसपा का हाथी और कांग्रेस का पंजा क्या मोटरसाइकिलवा के पहिया के नीचे यूं कुचले जाएंगे, भला कल्पना भी की थी किसी ने। पर हो गया। महंगाई से ञस्त जनता बिना पेट्रोल के भी मुलायम की मोटरबाइक पर ठप्पा लगा ही आई। सपा की इस जीत के असल हकदार अखिलेश माने जा रहे हैं। यंग ब्लड, यंग एनर्जी। हाथी की तो चिंघाड साइलेंट मोड में आ ही गई है। पीठ थपथपाने वाली बात यह है कि राहुल गांधी ने हार का जिम्मा अपने सर लिया है। वरना कांग्रेस के बडबोले नेता तो ऐसे में डिप्लोमेटिक जवाब ही देते हैं। पब्लिक कहती है तो कहे कि महंगाई भ्रष्टाचार और दिग्विजय ने कांगेस की मिटटी की है पर युवराज राहुल को अब भी बधाई देनी ही होगी कि उन्होंने न सिर्फ ठीकरा अपने सर लेने की हिम्मत दिखाई बल्कि बहुत के लिए अखिलेश यादव को बधाई दी।