बचपन से एक बात बार-बार सुनती आ रही हूँ की #अति हर प्रकार से बुरी है… #कोरोना ने हमे सिखाया की एक दूसरे के अति नजदीक ना जाये नहीं तो यह दोनों के लिए ही नुकसानदायक हो सकता हैं। रिश्तों में भी एक सामान्य दूरीं होना जरुरी है जिससे उनको फलने फूलने की जगह मिलती रहे..वर्तमान में इसे एक दूसरे को #स्पेस देना भी कहते है ताकि संबंधों में प्यार की जगह बनी रहे। प्रकृति भी हमे यह बात सिखाती है कि दो पौधों के बीच में थोड़ी दूरी रखनी चाहिए जिससे वो पूरी तरह खिल सकें.. सूरज एवं चाँद के बीच में भी समय की दूरीं है ताकि दोनों अपना पूरा प्रभाव दिखा सकें.. जब इस दूरीं के बीच में कोई अन्य ग्रह आ जाता है तो ग्रहण की स्तिथि बन जाती है जो नुकसानकारी होती है.. दो बच्चों के बीच में भी एक निश्चित अंतराल रखने की सलाह दी जाती है जिससे दोनों जीवन अच्छी तरह से परिपक्व हो पाएँ.. यहां तक की मनुष्य को ठीक से देखने के लिए भी वस्तु से एक निश्चित दूरीं रखना आवश्यक होता है अन्यथा वह नज़रों से ओझल या धुंधली हो जाती है..
बस यही #दूरीं जब हम #सड़क पर होते है तब बना कर नहीं रखते जिसका खमियाज़ा #दुर्घटना के रूप में भरना पड़ता है जिसमे बहुत बार मानव जीवन का नुकसान हो जाता है.. आप सब ने जीवन में कभी ना कभी सड़क पर चलने वाले भारी वाहनों के पीछे लिखा हुआ देखा होगा की #कीपडिस्टैंस – दूरीं बना कर चले.. हैं ना! पर सच में हम सब सड़क पर दूसरे वाहन से कितनी दूरी बना कर चलते है?? यह मुझे यहां उल्लेख करने की आवश्यक्ता नहीं हैं.. परिणाम सिर्फ एक ही होता हैं.. अति नज़दीकी एक बड़ी जानलेवा दुर्घटना में परिणित हो जाती हैं.. तो समाधान क्या है? बहुत सरल है जैसे कोरोना ने हमारे व्यवहार में बदलाव ला दिया है कि एक दुसरे से #दोगज की दूरीं और चेहरे पर सुरक्षा के लिए #मास्क पहनना अब आदत में शुमार हो गया है बस बिलकुल उसी तरह सड़क पर आगे चल रहे वाहन से #2सेकंड जितनी दूरीं बना कर चलें और अपनी सुरक्षा के मद्देनजर #हेलमेट अथवा #सीटबेल्ट का उपयोग करने की आदत डाल ले तो खुद भी #सुरक्षित और दुसरे भी सुरक्षित!!
कुछ साल पहले कहीं एक कहानी पड़ी थी की एक बार जंगल में आग लग गयी थी.. सारे जीव जंतु अपने सामर्थ्य अनुसार उस आग को बुझाने का प्रयास कर रहे थे.. एक छोटी सी चिड़िया भी अपनी चोंच में पानी भर कर उस आग को बुझाने का प्रयत्न कर रही थी..उसके इस कार्य को देख कर हाथी ने कहा कि अरे ओ चिड़िया! यह आग बहुत बड़ी हैं.. तुम इसे नहीं बुझा पाओगी बल्कि तुम्हारे जलने का ख़तरा ज्यादा हैं.. तुम नाहक़ ही मेहनत कर रही हो.. तब चिड़िया ने हाथी से कहा कि मैं जानती हूँ की मेरे इस प्रयास से यह आग़ नहीं बुझेगी परंतु जब भी इस आग बुझने का इतिहास लिखा जायेगा.. मेरा नाम आग बुझाने वालों में गिना जायेगा ना की आग लगाने वालों में..
तो दोस्तों एक छोटी सी चिड़िया हमें यही सन्देश दे रही है कि भले ही देखने में ऐसा प्रतीत हो की हमारे छोटे से प्रयास से इस विकराल समस्या का समाधान होने वाला नहीं है.. हो सकता है कि आपकी बात ठीक भी हो परंतु फिर भी आप #समस्या का हिस्सा बनना चाहते है या #समाधान का?? निर्णय आपका अपना हैं।
अंत में पुनः थोड़ी #दूरीं बनाकर रखें फिर चाहे वो #घर हो या #सड़क। स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें, इसी शुभकामना के साथ 🙏🙏
प्रेरणा की कलम से ✍️✍️