दूसरा दशक के तत्वावधान में बुधवार को फलोदी में “बच्चों के साथ नाटक व शिक्षा के आयाम” विषय पर दस दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई । राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण साझा अभियान व यूनिसेफ, राजस्थान के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में फलोदी सहित 12 गांवों के किशोर-किशोरियां भाग ले रहे हैं ।
इस कार्यशाला के संभागी किशोर-किशोरियां नाटक बनाने की बारीकियों के साथ समाज की समस्याओं, खूबियों को समझने के साथ, समस्या समाधान के तरीकों पर भी गंभीरता से विचार करेंगे । कार्यशाला के दौरान बनने वाली नाटक की टोली समाज को नाटक के माध्यम से अपना संदेश देगी ।
कार्यशाला की शुरुआत करते हुवे यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अंकुश सिंह ने कहा कि समाज और समुदाय तक अपनी बात पहुंचाने के लिये सामान्यतः हम एक तरीका अपनाते हैं वह है अपनी बात कहना । बड़ी बात यह होती है कि पहले हम समझें कि हम कहना क्या चाहते हैं ? इससे पहले सुनने वाले को जानना जरूरी है ।
कार्यशाला की निर्देशक मूमल तंवर ने बताया कि कार्यशाला के दौरान किशोर-किशोरियों के साथ नाटक बनाने, लिखने और निर्देशन करने की प्रक्रिया पर बात होगी । इस कार्यशाला में मूमल के साथ हिमांशु व्यास, चेल्सी पाठक व विपिन जांगिड़ सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं । साझा अभियान के विजय गोयल का कहना था कि नाटक से अधिकारों की प्रति जागरूकता आएगी । दूसरा दशक के मुरारीलाल थानवी सभी का आभार व्यक्त किया ।


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Ms Mumal Tanwar, resource person, 9772754829
Mr Murari Lal ji, Doosra Dashak, organiser 9602289783