महान तपस्वी व समाज में नैतिकता के तेजी से हो रहे पतन को लेकर पूरे देश भर में अपने हृदयस्पर्शी आलेखों को लेकर विशेष चर्चा में आने वाली महान लेखिका एवं विद्वता की अद्भुत मूर्ति जिन्होंने अभी तक 100 से अधिक पुस्तकें विभिन्न विषयों पर लिखी है, ऐसी पूजनीय स्वस्ति भूषण माताजी का आज राजस्थान विश्वविद्यालय में ज्ञानवर्धक व्याख्यान सुनने का अवसर मिला। उनके व्याख्यान में दर्शाए मार्गदर्शन से निश्चय ही आधुनिक परिवेश में व्यक्ति के जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन आ सकता है।
प्रमुख शासन सचिव समित शर्मा IAS का बहुत ही प्रभावी उद्बोधन भी इस अवसर पर सुनकर उनको उनके उद्बोधन के लिए बधाई देने से अपने आप को नहीं रोक सका, इस व्याख्यान के अवसर पर राजस्थान के अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति कई आईएएस ,वरिष्ठ न्यायधीश, अधिवक्ता, विश्वविद्यालय से जुड़े वरिष्ठ प्रोफेसर , वरिष्ठ चिकित्सक व कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे, पूरे सभागार मैं बैठने के लिए तो छोड़िए खड़े रहने के लिए भी जगह नहीं थी, जैन धर्म के अनुसार साधु संतों को पुष्प की मालाएं स्वागत में भेंट नहीं की जाती है, इस कारण पूज्य स्वस्ति भूषण माताजी के श्री चरणों में श्रीफल भेंट कर उनके स्वागत करने एवं आशीर्वाद पाने के साथ ही माता जी के द्वारा लिखी गई एक पुस्तक “टर्निंग प्वाइंट” प्राप्त करने का मुझे सुखद सौभाग्य प्राप्त हुआ।
राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजीव जैन विश्वविद्यालय के विद्वान शिक्षक प्रो रश्मि जैन, डॉ रोहित कुमार जैन (समाजशास्त्र विभाग) वह साधु समान अपना जीवन जीने वाले विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ आर के जैन सहित इस आयोजन से जुड़े अन्य लोगों के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में राजस्थान विश्वविद्यालय में आयोजित हुए इस भव्य एवं ज्ञानवर्धक कार्यक्रम में मुझे भी अपने सहयोग की छोटी सी आहुति देने का अवसर मिला ।
व्याख्यान के उपरांत भीषण कड़कती धूप में जब लोग घरों से निकलने से भी कतराते हैं ,ऐसे समय में अपने पांव में कुछ भी नहीं पहन कर दोपहर के समय जेएलएन मार्ग की तपती सड़क पर मुस्कुराते हुए पूज्य स्वस्ति भूषण माताजी को पैदल चलते हुए देखना मेरे लिए एक विशेष आश्चर्य का विषय था।
डॉ भूपेंद्र सिंह शेखावत
राजस्थान विश्वविद्यालय
जयपुर