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राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर

राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर ( Rajasthan University, Jaipur )

राजस्थान विश्वविद्यालय को आरयू के नाम से भी जाना जाता है। यह राज्य का सबसे बड़ा केंद्रीय विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय स्थानीय, राष्ट्रीय और विदेशी  छात्रों को पाठ्यक्रम शिक्षा के साथ साथ शोध शिक्षा भी प्रदान करता है। यह देश की सबसे खूबसूरत और सुविधापूर्ण यूनिवर्सिटीज में से एक है। राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के सबसे व्यस्ततम मार्गों में से एक जेएलएन मार्ग पर स्थित है। राजस्थान विश्वविद्यालय एनएएसी द्वारा ए प्लस मान्यता प्राप्त है। विश्वविद्यालय में 37 पीएचडी कार्यक्रमों, 20 एम फिल, 28 मास्टर्स डिग्री प्रोग्राम और राज्य में 14 स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम कराने में उत्तम रिकॉर्ड रखता है। इस विश्वविद्यालय से 6 घटक कॉलेज, 11 अनुसंधान कॉलेज, 305 संबद्ध कॉलेज और 37 विभिन्न स्नातकोत्तर विभाग जुड़े हैं।
राजस्थान विश्वविद्यालय की स्थापना 8 जनवरी 1947 को राजपूताना विश्वविद्यालय के नाम से हुई। बाद में 1956 में इसे राजस्थान विश्वविद्यालय नाम दिया गया। अपनी स्थापना के बाद से इस विश्वविद्यालय ने लगातार प्रगतिपूर्ण गुणात्मक विस्तार किया है। 285 एकड जमीन में फैला यह भव्य विश्वविद्यालय यूजीसी से मान्यता प्राप्त है और राजस्थान के सात जिलों से शैक्षिक कार्यक्रमों से जुड़कर शिक्षा का सबसे बड़ा एजुकेशन हब बन गया है। यहां का विशाल पुस्तकालय भी अपने आप में एक शोध प्रयोगशाला से कम नहीं है। यहां हजारों महत्वपूर्ण पुस्तकें, ई-जर्नल्स, रिपोर्ट और चार लाख से अधिक शोध पत्र और दस्तावेंजों का संग्रह है। हाल ही यहां की दुर्लभ पुस्तकों का डिजिलाईजेशन भी किया जा रहा है, ताकि शोध के विद्यार्थी घर बैठे ऑनलाईन  इन दुर्लभ पुस्तकों का अध्ययन कर सकें।

स्नातकोत्तर स्तर पर भी इस विश्वविद्यालय मे कई विषय संकाय हैं-

भाषा संकाय :
अंग्रेजी, क्षेत्रीय अध्ययन, तुलनात्मक साहित्य, यूरोपीय भाषाएं, संस्कृति अध्ययन, दर्शन, उर्दू, संस्कृति, फारसी, हिन्दी और अनेकानेक भाषाएं शामिल हैं।

कॉमर्स :
फैकल्टी ऑफ कॉमर्स संकाय में लेखा और व्यावसायिक सांख्यिकी, आर्थिक प्रशासन और वित्तीय प्रबंधन के विभाग शामिल हैं।

शिक्षा संकाय :
शिक्षा संकाय में शिक्षा, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान, शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान, व्यस्क और सतत शिक्षा कार्यक्रम आदि शिक्षा संकाय से जुड़े हैं।

ललित कला :
ललित कला संकाय में नाटक विभाग, चित्रकला विभाग, शिल्प विभाग, ग्राफिक्स डिजाईन, इतिहास एवं शोध, प्रिंट मेंकिंग और संगीत संकाय शामिल हैं।

विधि संकाय :
विधि संकाय में कानून के संकाय शामिल हैं, विश्वविद्यालय परिसर में लॉ कॉलेज की शिक्षा भी प्राप्त की जा सकती है। इन विभागों में कानून, अपराध और न्याय संकाय शामिल हैं।

प्रबंधन संकाय :
प्रबंधन संकाय में छात्र मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इन संकाया में भी पोद्दार प्रबंधन संस्थान शामिल है।

विज्ञान संकाय :
विज्ञान संकाय से भी  कई विभाग संबंद्ध हैं, इनमें वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, भू विज्ञान, जीनोम विज्ञान, गृह विज्ञान, गणित, भौतिकी, मनोविज्ञान, सांख्यिकी, भूतल विज्ञान, जूलोजी और हीप्स के लिए इंदिरागांधी केंद्र विभाग शामिल हैं।

सामाजिक विज्ञान संकाय :
सामाजिक विज्ञानों में नागरिक शास्त्र, इतिहास, पुरातत्व, संचार और पत्रकारिता, जनसाख्यिकी, अर्थशास्त्र, शिक्षा अनुसंधान और विकास, भूगोल, भारतीय  संस्कृति, औद्योगिक संबंध, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान, राजनीति विज्ञान, लोक प्रशासन, समाज शास्त्र, जेंडर स्टडीज आदि शामिल हैं।

बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन संकाय :
बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के केंद्रों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, मानव संसाधन प्रबंधन, वाणिज्य बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और कार्यकारी एमबीए आदि में स्नातकोत्तर और प्रौद्योगिकी कवरिंग, नैनो प्रोद्योगिकी, अभिसरण विभाग, यांत्रिकी, तंत्रिका विज्ञान, जैव प्रोद्योगिकी, जैव सूचनाविज्ञान, जैव रसायन और आण्विकी जीव विज्ञान, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी प्रबंधन आदि में पीएचडी संकाय शामिल हैं।

राजस्थान विश्वविद्यालन ने समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निबाही है। विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक कार्यक्रमों से अपना विशेष योगदान साठ से ज्यादा वर्षों से दे रहा है। समय के साथ यह विश्वविद्यालय लगातार  अपने शिक्षा कार्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण सुधार कर रहा है।

राजस्थान हैरिटेज – डिजिटलाइजेशन ऑफ रेयर बुक्स

जयपुर। भारत सरकार के सूचना व तकनीकी विभाग और संवाद व तकनीकी मंत्रालय ने दुर्लभ दस्तावेजों की डिजिटल संरचना के लिए इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी है। जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में रखी दुर्लभ पुस्तकों का इस प्रोजेक्ट के तहत डिजिलाइजेशन आरंभ हो गया है। इन दिनों लाईब्रेरी में दशकों पुरानी किताबों का डिजिलाइजेशन किया जा रहा है। अब तक आबू कलेक्शन का डिजिलाइजेशन हो चुका है। प्रोजेक्ट का डिजिलाइजेशन केंद्र वनस्थली विद्यापीठ में बनाया गया है। डिजिलाइजेशन से पुस्तकें पढ़ने के इच्छुक छात्र घर बैठे कंप्यूटर पर क्लिक करके मनचाही पुस्तकें पढ़ सकते हैं। इस प्रक्रिया से छात्रों को विश्वविद्यालय गए बिना ही दुर्लभ पुस्तकों का अध्ययन ऑनलाईन करने की सुविधा मिल जाएगी। शोध के विद्यार्थियों को भी इससे लाभ मिलेगा।

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  • भूगोल विद्यार्थियों के लिए रिसर्च के नए आयाम

    राजस्थान विश्वविद्यालय के भूगोल डिपार्टमेंट और गोवा के मडगांव के पार्वतीबाई चोगुले कॉलेज के भूगोल विभाग के बीच एक सहमति पत्र साइन किया गया है। इन दोनों विभागों के बीच फैकल्टी एक्सचेंज, स्टूडेंट्स इंटरेक्शन प्रोग्राम, नई फील्ड में रिसर्च और जाइंट रिसर्च को बढावा मिलेगा। डिपार्टमेंट का पहली बार किसी दूसरे कॉलेज से एमओयू किया गया है। एमओयू के तहत दोनो विश्वविद्यालयों के बीच फैक्लटी एक्सचेंज और स्टूडेंट इंटरेक्शन प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे। प्रोग्राम के तहत राजस्थान विवि के विद्यार्थियों को रिमोट सेंसिंग, ज्योग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम जैसे टैक्नीकल विषयों को जानने और समझने का मौका मिलेगा। गोवा में ट्यूरिज्म के साथ साथ माइनिंग इंडस्ट्री भी काफी उन्नत है। वहां के विद्यार्थी मिनरल एक्सप्लोरेशन के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। विद्यार्थी और फैकल्टी एक्सचेंज से राजस्थान विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ट्यूरिज्म और माइंस में रिसर्च करने का मौका मिलेगा। राजस्थान विश्वविद्यालय में फिलहाल रिमोट सेंसिंग और जीआईएस जैसी टैक्नोलॉजी ही पढाई जा रही है। अब स्टूडेंट को राजस्थान विश्वविद्यालय की फैकल्टी के साथ ही पार्वती बाई चोगुले कॉलेज की एक्सपर्ट फैकल्टी भी टैक्नोलॉजी के बारे में बताएगी।

  • केंद्रीय पुस्तकालय होगा हाईटेक

    राजस्थान विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी एशिया की बेस्ट लाइब्रेरीज में से एक है। लेकिन इसे व्यवस्थित करने की जरूरत हमेशा से रही है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ’मीट द ऑथर्स’ कार्यक्रम करने की शुरूआत करने जा रहा है। इसके साथ ही किताबों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। लाइब्रेरी हाइटेक हो इसके लिए कंप्यूटर लैब तैयार की जाएगी। विवि प्रशासन की ओर से प्रशासन को प्रपोजल भी भेजा जा चुका है।
    राजस्थान विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी साठ साल पुरानी है। यहां पांच लाब किताबें उपलब्ध हैं। वर्तमान में राजस्थान विवि की लाइब्रेरी को और उपयोगी बनाने के लिए एक बड़े प्रोजेक्ट को अमल में लाने की तैयारी चल रही है। इसके तहत विवि प्रशासन प्रसिद्ध पुस्तकों के लेखकों को आमंत्रित करेगा और लेखक सीधे तौर पर पाठकों से जुड़कर उनके सवालों के जवाब देंगे। इसके साथ साथ लाइब्रेरी को हाईटेक कर सभी पुस्तकों के मैटर को इंटरनेट पर डाला जाएगा ताकि एक ही बुक को एक समय में एक से ज्यादा स्टूडेंट ऑनलाइन पढ सकें और उन्हें लाइब्रेरी आकर वक्त भी जाया न करना पडे। विवि प्रशासन लाइब्रेरी में ’मीट द ऑथर्स’ और कंप्यूटर लैब जैसे प्रस्तावों को अमल में लाकर इसकी महत्ता और बढाना चाहती है।

    मीट द ऑथर्स-
    कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है। इसके जरिए राजस्थान विवि के विद्यार्थियों को यहां रखी गई किताबों को लिखने के प्रयास के बारे में बताया जाएगा। इसमें प्रदेशभर के लेखकों के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय लेखकों को भी आमंत्रित किया जाएगा। वे स्टूडेंट और स्टाफ के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे। इसमें यहां रखी गई किताबों के साथ साथ अन्य लेखक भी शामिल होंगे।

    किताबों की प्रदर्शनी-

    राजस्थान विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में दुनिया भर की अव्वल किताबें हैं। जिनके बारे में विद्यार्थियों को पूरी जानकारी नहीं है। ऐसी ही बेहतरीन किताबों की जानकारी देने के लिए लाइब्रेरी में किताबों की एग्जीबीशन भी लगाई जाएगी। जिसमें अलग अलग कैटेगिरी की किताबों को सजाया जाएगा। एक कैटेगिरी की किताबों को एक सप्ताह तक डिसप्ले किया जाएगा। इसके बाद दूसरी कैटेगिरी को चुना जाएगा।

    कंप्यूटर लैब-
    यहां कंप्यूटर लैब भी तैयार की जाएगी। लैब के लिए 25 कंप्यूटर मुहैया कराने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को चिट्ठी लिखी गई है। अनुमति मिलने के बाद जल्दी ही लैब तैयार हो जाएगी। जिसमें स्टूडेंट ऑनलाइन रिसर्च करेंगे। किताबों की जानकारी भी ऑनलाइन मिल सकेगी। साथ ही ग्रीनरी को प्रमोट किया जाएगा। इसके लिए लाइब्रेरी के गेट और चौक में प्लांट्स सजाए जाएंगे।

  • प्रवेश की तैयारियां आरंभ
    जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया की तैयारी आरंभ हो गई है। इसके लिए केंद्रीय प्रोस्पेक्टस कमेटी और पीजी प्रवेश कमेटी का गठन किया गया है। प्रोस्पेक्टस इस साल भी ऑनलाइन रहेगा। हालांकि सीमित मात्रा में प्रिंट कॉपियां भी तैयार की जाएंगी। पिछले साल भी छात्रों की मांग रही थी कि ऑनलाइन के साथ ही प्रिंट कॉपियां भी वितरित की जाएं।

    पांच नए उप प्राचार्य
    राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षक संघ की ओर से किए जा रहे विरोध और प्रशासनिक कार्य बहिष्कार के बीच विवि प्रशासन ने व्यवस्थाएं करना आरंभ कर दिया है। शनिवार को संघटक कॉलेजों में पांच नए उप प्राचार्यों की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया। इनमें से कइ्र प्रोफेसर्स को उप प्राचार्य का जिम्मा दिया जा रहा है। साथ ही सभी कॉलेज प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा कार्यों की गंभीरता को देखते हुए किसी भी शिक्षक का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाए। केंद्र अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि अवकाश पर रहने वाले शिक्षकों की प्रतिदिन कुलसचिव कार्यालय में सूचना दी जाए।

  • विश्वविद्यालय में स्थापित होगी शोध पीठ

    मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को युवा उद्यामिता प्रोत्साहन योजना लांच की। यह योजना युवाओं को स्वरोजगार के लिए कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराएगी। ऋण प्राप्त करने के लिए बेहतर प्रोजेक्ट बनाकर प्रतियोगिता जीतनी होगी। वित्त निगम की यह येाजना एक मई से ऑनलाइन आवेदन के साथ आरंभ हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने दुनिया में राजस्थान का नाम रोशन करने वाले शेखावाटी से गए उद्यामियों के नाम से राजस्थान विवि में एक शोध पीठ स्थापित करने की घोषणा की है। इसकी स्थापना पर पांच करोड रू खर्च होंगे। जिसमें ढाई करोड रू राज्य सरकार देगी जबकि ढाई करोड रीको देगी। शोध पीठ के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा। जो दो तीन महीने में इसकी रूपरेखा तय करेगी।

  • विश्वविद्यालय ने एसएलपी दायर की

    राजस्थान विवि में 278 सहायक प्रोफेसरों के पदोन्नति के लिफाफे खोलने का फैसला अब सुप्रीम कोर्ट करेगा। इस संबंध में विवि प्रशासन ने एसएलपी दायर कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है। अब इसपर सुनवाई होगी। एडवोकेट जनरल जीएस बाफना की राय के आधार पर लिफाफे खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का निर्णय लिया गया था। इसके आधार पर विवि सुप्रीम कोर्ट गई। उधर, लिफाफे खोलने की मांग पर शिक्षकों ने 13 दिन भी धरना जारी रखा।

  • यूनिवर्सिटी कैंपस बनेगा ’नो स्मोकिंग जोन’
    जयपुर में राजस्थान यूनिवर्सिटी कैंपस ’नो स्मोकिंग जोन’ बनने जा रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस संबंध में निर्देश भी जारी कर दिए हैं। परिसर में स्टूडेंट्स और कर्मचारियों को स्मोकिंग करते अमूमन देखा जा रहा था। जिससे विवि की इमेज पर गलत प्रभाव पड़ रहा था। नए सत्र में यूनिवर्सिटी कैंपस में तंबाकू और मादक पदार्थों का सेवन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। कोई भी टीचर स्टूडेंट या कर्मचारी स्मोकिंग करता पकड़ा गया तो यूनिवर्सिटी या कॉलेज प्रशासन अपने स्तर पर कार्रवाई करेगा। ऐसा करने वाले को पहले टोका जाएगा और अगर इससे भी वे नहीं माने तो पुलिस कार्रवाई की जाएगी। कैंपस में स्मोकिंग रोकने के लिए जगह जगह कैमरे भी लगाने की तैयारी है।

  • राजस्थान विश्वविद्यालय की लैब में जली छात्रा

    राजस्थान विश्वाविद्यालय के विज्ञान भवन स्थित आरसी महरोत्रा कैमेस्ट्री लैब में चार दिन पहले हादसे में शांध छात्रा जल गई। पास कार्य कर रही अन्य छात्रा का भी हाथ जल गया। इस गंभीर हादसे के बावजूद रसायन विज्ञान विभाग लापरवाही को छिपाने में जुटा है। बुधवार को कुलपति की विजिट के दौरान भी उन्हें हादसे के बारे में नहीं बताया गया। हिदायत दी कि बात बाहर नहीं जानी चाहिए। लैब में नाइट्रोजन के सिलेंडर में कुछ मात्रा में मिली ऑक्सीजन को रिमूव करने के दौरान ये हादसा हुआ। बबलिंग के समय नाइट्रोजन के रेग्यूलेटर को निर्धारित मात्रा में खोल दिया गया। अचानक सल्फ्यूरिड एसिड बाहर निकल आया और इसने छात्रा को चपेट में ले लिया।

  • विदेशी विशेषज्ञ देंगे नुस्खे

    राजस्थान विश्वविद्यालय में विदेशी एक्सपर्ट से विद्यार्थी इंग्लिश के टिप्स लेंगे। ये एक्सपर्ट लाइन लांग लर्निंग विभाग की ओर से शुरू हुए चालीस दिवसीय कैंप का हिस्सा बनेंगे। कैंप की शुरूआत कार्यवाहक कुलपति डॉ मधुकर गुप्ता ने मंगलवार को की। शिविर में 70 से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। प्रोफेसर शशि सहाय ने बताया कि यहां कक्षा तीन से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को अंग्रेजी, गणित, कंप्यूटर और व्यक्तित्व विकास की शिक्षा दी जाएगी। विभाग की ओर से हर वर्ष यह कैंप आयोजित किया जाता है। जिसमें स्कूली विद्यार्थियों को कैंपस में लाकर कक्षाएं लगाई जाती हैं।

  • शोध छात्रा को और आर्थिक मदद

    राजस्थान विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र विभाग की लैब में झुलसी छात्रा को आखिरकार विश्वविद्यालय ने और मदद दे दी है। विभाग की ओर से छात्रा को 30 हजार रूपए और दिए गए हैं। विभागाध्यक्ष प्रो आरवी सिंह ने बताया कि इसके साथ ही छात्रा को छात्र सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत दस हजार रूपए की आर्थिक मदद भी जल्द ही दे दी जाएगी। गौरतलब है कि 9 मई को यहां रसायन शास्त्र की लैब में यह छा़त्रा झुलस गई थी और विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामला दबाने का प्रयास किया था। बाद में मीडिया में खबर उछलने पर छात्रा को दस हजार की मदद दी गई थी जो उसके परिजनों ने नाकाफी बताई थी।

  • विश्वविद्यालय में बनेंगे स्मार्ट क्लासरूम

    विश्वविद्यालय में होने वाले विकासों की चर्चा हो रही है। साथ ही यहां स्मार्ट क्लासरूप विकसित किए जाने पर भी जोर देने की बात चल रही है। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को ब्लैकबोर्ड पर नहीं बल्कि स्मार्ट क्लासरूम में पढाया जाएगा। प्रशासन की ओर से साधारण क्लासरूम की जगह अब स्मार्ट क्लासरूम में पढाई कराने की तैयारी कराई जा रही है। दिल्ली और मुंबई विश्वविद्यालयों की ही तर्ज पर यहां भी स्मार्ट कक्ष होंगे। इससे न केवल छात्रों को बल्कि टीचर्स को भी फायदा होगा। पूरा कक्ष संचार के विभिन्न माध्यमों से सुसज्जित होगा।

  • राजस्थान विश्वविद्यालय होगा वाई-फाई

    राजस्थान विश्वविद्यालय को यूपीई स्कीम से मोटी ग्रांट मिली है। इस ग्रांट का उपयोग राजस्थान विश्वविद्यालय के विकास के लिए किया जाएगा। इसमें सबसे ज्यादा राशि कैंपस और उसके संघटक कॉलेजों में ई-गवर्नेंस, परीक्षा सुधार और नेटवर्किंग को बढाने के लिए खर्च की जाएगी। विश्वविद्यालय में वाई फाई कनेक्टीविटी के विस्तार पर भी कार्य किया जाएगा। कैंपस में स्थित सभी हॉस्टल में भी वाई फाई नेटवर्क एक्सेस पॉइंट्स लगाए जाएंगे। विश्वविद्यालय में फिलहाल सीसीटी एमसीएम डिपार्टमेंट, विज्ञान भवन, सोशल साइंस, ह्यूमैनिटी ब्लॉक, पीजी स्कूल ऑफ कॉमर्स, लाइब्रेरी, वीसी सचिवालय, प्रशासनिक भवन सहित आधे कैंपस में कंप्यूटर वाईफाई की सुविधा मौजूद है। अगले चरण में भूगोल, फाइन आर्ट विभाग व अन्य विभागों की इमारतों को भी ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

  • राजस्थान विश्वविद्यालय में ये होगा विकास

    जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय को 50 करोड रूपए का अनुदान मिलने के बाद यहां स्मार्ट क्लास रूम, पेपरलेस वर्क, पढाई के साथ ही विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर, शोध सुविधाओं के विकास, विभागों में ई-कनेक्टिविटी, सीसीटीवी और बायोमेट्रीक सुविधाओं का विकास और लाइब्रेरी का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसमें फोकस एरिया पर 15 करोड, इकॉलोजी और इकॉनामी पर 2.76 करोड, लैंग्वेज लिटरेचर एवं कल्चर कंपरेटिव स्टडीज पर 1.75 करोड, प्रमोशन ऑफ इफेक्टिव गवर्नेंस, परीक्षा, रिफॉर्म्स नेटवर्क पर 15.33 करोड, लर्निंग क्वालिटी पर 2.80 करोड, अकादमिक विकास और ढांचे पर 11.9 करोड और अन्य सुविधाओं पर 48 लाख रूपए खर्च होंगे।

  • राजस्थान विश्वविद्यालय को मिलेंगे 50 करोड़

    जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय की सूरत जल्द ही बदली बदली नजर आएगी। विश्वविद्यालय को यूनिवर्सिटी फोर पॉटेंशियल एक्सीलेंस के तहत पचास करोड मिलने वाले हैं। यह पैसा विश्वविद्यालय के इन्फ्रास्ट्रक्चर, परीक्षा, प्रवेश, शोध और अन्य सुविधाओं के विकास पर खर्च किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति डॉ मधुकर गुप्ता का कहना है कि पहले एग्जिस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाएगा। बजट बचेगा तो नए इन्फ्रास्ट्रचर का प्लान करेंगे। विभागों से जैसे जैसे प्रपोजल आ रहे हैं वैसे वैसे सेंक्शन दे रहे हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय को फिलहाल 25 करोड रूपए ही मिले हैं। ये रूपए मिले एक साल से भी ज्यादा हो गया है। लेकिन अभी तक विकास शुरू नहीं हुआ है।

  • 1 जुलाई से लगेंगी कक्षाएं

    राजस्थान विश्वविद्यालय में 1 जुलाई से कक्षाएं लगना आरंभ हो जाएगा। सत्र 2013-14 के एडमिशन की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। इस बार 7 जून से विवरणिका को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इसी के साथ यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। इसके लिए विवरणिका का 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। और इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। सात जून से विवरणिका को यूनिवर्सिटी की साइट पर ऑनलाइन किया जाएगा। सत्र 2013-14 की कक्षाएं हमेशा की तरह 1 जुलाई से ही लगने लगेंगी। सत्र समय पर शुरू हो इसके लिए विवरणिका को भी समय रहते तैयार कर लिया गया है। हालांकि यूनिवर्सिटी में अभी परीक्षाएं चल रही हैं।

  • रात में भी खुल रहा है विश्वविद्यालय का पुस्तकालय

    राजस्थान विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अब यहां के केंद्रीय पुस्तकालय में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पढाई कर सकते हैं। इससे उन विद्यार्थियों को फायदा हो रहा है जो दिन के बिजी शेड्यूल के कारण पढाई नहीं कर पाते। फिलहाल यह योजना प्रयोग के तौर पर शुरू की गई है। इसलिए विद्यार्थियों को बुक इश्यू नहीं की जा रही हैं। विद्यार्थियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया और निरंतरता के चलते इस प्रकिया को आगे बढाया जाएगा। फिलहाल 300 विद्यार्थियों को ही यहां रात में पढाई करने के लिए आज्ञा दी जाएगी। असुविधाओं से बचने के लिए विद्यार्थियों के लिए स्पेशल गेट पास बनाए जाने की योजना भी है, इसके अलावा रात में नियमित पढने वाले विद्यार्थियों की फाइल भी नजदीकी थाने में दी जाएगी।

  • जयपुर में जल्द सरकारी कॉलेज

    जयपुर के विद्यार्थियों की बरसों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। शहर में जल्दी ही एक सरकारी कॉलेज खुलेगा। सरकारी कॉलेज के लिए सरकार ने स्टाफ और भवन के लिए बजट स्वीकृत कर दिया है। जयपुर में इसी सत्र से कॉलेज शुरू करने के लिए कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने तैयारी भी शुरू कर दी है। कॉलेज के लिए शैक्षणिक और अशैक्षणिक पद भी स्वीकृत कर दिए गए हैं और नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल बजट में 15 नए सरकारी कॉलेजों की घोषणा की थी। कॉलेज से राजस्थान विश्वविद्यालय पर आ रहा विद्यार्थियों का अतिरिक्त भार कम हो जाएगा।

  • प्रयोगशालाएं हो सुरक्षित

    जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र विभाग की लैब में छात्रा के जलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रयोगशालाओं की सुध लेने के निर्देश दिए हैं। कुलसचिव निष्काम दिवाकर ने कार्यवाहक कुलपति मधुकर गुप्ता के हवाले से सभी विभागों, संघटक कॉलेजों, अध्ययन केंद्रों आदि को निर्देश जारी कर प्रयोगशालाओं में सुरक्षा मानकों का पालन करने को कहा है। विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय से जुड़े वरिष्ठ विशेषज्ञों का कहना है कि प्रयोगशालाओं में मापदंडों की पालना बहुत कम की जा रही है। इसकी मुख्य वजह संसाधनों की कमी है। विशेषज्ञों की राय में विवि को विशेष योजना बनाकर सुरक्षा उपकरणों की खरीद करनी चाहिए।

  • प्रमोशन पर मुहर

    राजस्थान विश्वविद्यालय में गुरूवार को सिंडीकेट की विशेष बैठक बुलाई गई। इसमें शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया। कोर्ट के आदेश पर चल रही प्रक्रिया में आखिरकार विवि के शिक्षकों के पदोन्नति लिफाफे खोले गए। बैठक में सहायक प्रोफेसर्स के सीनियर और सलेक्शन ग्रेड के लिफाफे खोले गए। इसके तहत करीब 260 सहायक प्रोफेसर अब एसोसिएट प्रोफेसर बन जाएंगे। सिंडीकेट की बैठक हंगामेदार रही। सभी सदस्य लिफाफे खोलने पर अडे रहे। बैठक के दौरान शिक्षक भी बाहर डटे रहे। उच्च न्यायालय के निर्देश पर ही विवि में 11 से 18 मार्च तक कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत शिक्षकों के साक्षात्कार हुए थे। इसके बाद नियमों को हवाला देकर विवि ने पदोन्नति के लिफाफे खोलने से इंकार कर दिया था।

  • जल्दी बनेंगे रैंप

    राजस्थान विश्वविद्यालय में आने वाले विकलांगों के लिए राहत की खबर है। विश्वविद्यालय के जिन विभागों में रैंप नहीं हैं वहां शीघ्र ही रैंप बनाए जाएंगे। राजस्थान विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति डॉ मधुकर गुप्ता के अनुसार जिन विभागों में रैंप नहीं हैं, उनसे प्रोपोजल मांगा गया है। विभागों से प्रोपोजल आते ही रैंप बनवा दिए जाएंगे।

  • शिक्षकों को प्रमोशन के आर्डर का इंतजार

    राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षपक पदोन्नति संबंधित लिफाफे खुलने के बाद शुक्रवार को शिक्षक प्रमोशन के आर्डर जारी होने का इंतजार करते रहे। लेकिन शुक्रवार शाम तक आर्डर जारी नहीं हो सका। राजस्थान विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जयंत सिंह के अनुसार इस संबंध में शिक्षक कुलसचिव निष्काम दिवाकर से शुक्रवार को मिले तो उन्होंने कानूनी प्रक्रिया पूरी होने की बात कहकर उन्हें वापस भेज दिया। इन शिक्षकों के प्रमोशन करने के लिए राज्य सरकार और हाईकोर्ट दोने के डायरेक्शन मिल चुके हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि विश्वविद्यालय प्रशासन प्रमोशन के संबंध में शनिवार को आर्डर जारी करेगा।

  • विश्वविद्यालय को हाईकोर्ट का निर्देश

    कोर्ट के आदेशों के बाद भी राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों को करियर एडवांस स्कीम का लाभ नहीं देने के मामले में हाईकोर्ट ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया कि वह सिंडीकेट के निर्णय के संबंध में सोमवार तक आदेश जारी कर 29 मई को रिपोर्ट दे। न्यायाधीश आरएस राठौड ने यह अंतरिम आदेश राजस्थान विश्वविद्यालय टीचर्स यूनियन की अवमानना याचिका पर दिया। आदेश के पालन में राजस्थान विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति, उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव, विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार आदि उपस्थित हुए।

  • इंटरव्यू से बाहर न करें प्रार्थियों को-हाईकोर्ट

    हाईकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर भर्ती में 2009 से पहले पीएचडी करने वाले प्रार्थियों को नेट या स्लेट से छूट नहीं देने के मामले में राज्य सरकार, राजस्थान विश्वविद्यालय व यूजीसी को नोटिस जारी कर 30 मई तक जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि तब तक साक्षात्कार चलें तो प्रार्थियों को बाहर नहीं करें। न्यायाधीश पीके लोहरा ने यह अंतरिम आदेश रत्ना कट्टा व एक अन्य की याचिका पर शुक्रवार को दिया। याचिका में कहा गया है कि राजस्थान विश्वविद्यालय सहायक प्रोफेसर भर्ती में 2009 से पहले पीएचडी करने वालों को नेट या स्लेट से छूट नहीं दे रही जबकि दूसरे विश्वविद्यालय दे रहे हैं। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यूजीसी के रेग्यूलेशन को चुनौति देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था, लेकिन खंडपीठ के आदेश के खिलाफ दायर एसएलपी में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिए।

  • कुलसचिव को ढाई घंटे घेरे रखा

    राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षकों के प्रमोशन के ऑर्डर जारी कराने की मांच पर शिक्षकों ने कुलसचिव निष्काम दिवाकर का ढाई घंटे तक घेराव किया और हंगामा किया। नाराज कुलसचिव कमरे से चले गए लेकिन बाद में उन्हें लौटना पड़ा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हंगामा देख पुलिस बुला ली। शिक्षकों का तर्क था कि जब हाईकोर्ट और सिंडीकेट ने प्रमोशन के आदेश दे दिए हैं तो विश्वविद्यालय प्रशासन को आर्डर जारी करने में क्या दिक्कत है। घेराव के बाद दिवाकर ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि सोमवार को इस मामले में निबटारा किया जाएगा।

  • फीस जमा कराने की तिथि बढ़ी

    राजस्थान विश्वविद्यालय में भूगोल विषय की प्रायोगिक परीक्षा का शुल्क जमा कराने से वंचित रहे बीए व एमए के विद्यार्थीं अब बुधवार और गुरूवार तक शुल्क जमा करा सकेंगे। इससे पहले शुल्क जमा कराने से वंचित रहे इन स्वयंपाठी छात्रों के साथ मंगलवार को कई छात्र नेताओं ने कुलपति सचिवालय पर प्रदर्शन किया था। पहले यह तिथि 15 मई थी। लेकिन सूचना नहीं मिलने से कई छात्र शुल्क जमा नहीं करा सके थे।

  • जयपुर के सरकारी कॉलेज में आवेदन 5 जून से

    राजधानी जयपुर के पहले सरकारी कॉलेज के लिए 5 जून से आवेदन प्रक्रिया आरंभ हो जाएग। सहशिक्षा के इस कॉलेज में कला विज्ञान और वाणिज्य तीनों संकायों में कुल 380 सीटें होंगी। आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन होगी। जिसकी अंतिम तिथि 24 जून को होगी। जुलाई से कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। बीए प्रथम वर्ष में यहां हिंदी व अंग्रेजी साहित्य, समाजशास्त्र, अर्थशास़्, भूगोल, राजनीति विज्ञान और इतिहास के विषयों के लिए 160 सीटें होंगी। बीएससी प्रथम वर्ष में गणित, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान में 70 और प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और रसायन विज्ञान में 70 सीटें होंगी। बीकॉम प्रथम वर्ष में भी 80 सीटें होंगी। आवेदन पोद्दार स्कूल गांधीनगर के राजस्थान संगीत संस्थान से लिए जा सकते हैं अथवा कॉलेज शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट से डाउनलोड भी किए जा सकते हैं।

  • राजस्थान विश्वविद्यालय में प्रवेश 10 जून से

    राजस्थान विश्वविद्यालय में सत्र 2013-14 के लिए आवेदन प्रक्रिया 10 जून से आरंभ हो जाएगी। विवि के सभी संघटक कॉलेजो के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन ही होगी। ऑनलाइन आवेदन भरकर हार्ड कॉपी संबंधित केंद्रों पर जमा करानी होगी। पहली प्रवेश सूची 24 जून तक जारी होगी। प्रोस्पेक्टस तैयार हैं और इसे प्रवेश प्रक्रिया के साथ ही ऑनलाइन जारी किया जाएगा।

  • पीजी में प्रवेश आसान

    राजस्थान विश्वविद्यालय ने विभिन्न विभागों में पीजी में प्रवेश में बदलाव कर विद्यार्थियों को राहत देने का प्रयास किया है। विश्वविद्यालय की ओर से इस बार पीजी के प्रवेश दो चरणों में होंगे। पहले चरण में पीजी प्रवेश परीक्षा होगी। जबकि दूसरे चरण में परीक्षा पास करने पर रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ऑनलाइन फार्म भरे जाएंगे। कुलपति सचिवालय में प्रवेश कमेटी की हाल ही हुई मीटिंग में पीजी प्रवेश को दो चरणों में कराए जाने का प्रस्ताव दिया गया था जिसे मान लिया गया।

  • सर्टिफिकेट की फीस बढाई विवि ने

    राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस सप्ताह से विभिन्न दस्तावेज निकालने की फीस तीस प्रतिशत तक बढ़ा दी है। इसका प्रस्ताव पहले ही सिंडीकेट बैठक में पारित किया जा चुका था। अब छोत्रों को डिग्री के अंग्रेजी वर्जन के लिए 130, माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए 90, प्रोविजनल सर्टिफिकेट के लिए 70, डुप्लीकेट मार्कशीट के लिए 90 और नई मार्कशीट के लिए 70 रूपए चुकाने होंगे।

  • कॉमर्स कालेज लिस्ट जारी करेगा

    जयपुर के कॉमर्स कॉलेज ने पहली बार सॉफ्टवेयर से कटऑफ लिस्ट जारी करने का दावा किया है। सभी संघटक कॉलेज 29 जून को पहली कटऑफ लिस्ट जारी करेंगे। जबकि इसकी मदद से कॉमर्स कॉलेज की ओर से आठ दिन पहले 21 जून को ही लिस्ट निकाल दी जाएगी। कटऑफ इसलिए सबसे पहले जारी नहीं की जाएगी कि कॉलेज में नब्बे प्रतिशत से ऊपर मार्क्स हासिल करने वालों को डायरेक्ट एडमिशन मिला है बल्कि इसके लिए कॉलेज ने एडमिशन सॉफ्टवेयर तैयार किया है। कॉलेज की कंप्यूटर साइंस फैकल्टी की ओर से तैयार किए गए इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्टूडेंट का सारा डाटा कंप्यूटर में फीड हो जाएगा।

  • अटकी डाक्यूमेंट्री

    राजस्थान विश्वविद्यालय के इतिहास को परदे पर लाने की सात साल पुरानी योजना सिर्फ कमेटी तक सिमटकर रह गई। इन सात साल में कमेटी की ओर से एक कदम भी आगे नहीं बढाया गया। यूनिवर्सिटी पर डाक्यूमेंट्री का सपलना अब सपनाही बनकर रह गया है। पूर्व वाइस चांसलर प्रो एनके जैने ने डाक्यूमेंट्री के निर्माण के लिए आठ सदस्यों की कमेटी का गठन किया था। अब कमेटी के कई सदस्य तो रिटायर भी हो चुके हैं और बाकी सदस्य इस योजना को ठंडे बस्ते मेंडाल चुके हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय का इतिहास राज्य की सभी विश्वविद्यालयों से पुराना है। 66 साल के राजस्थान विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को डाक्यूमेंट्री में डाला जाना था। लेकिन यह योजना फिलहाल कमेटी से आगे नहीं बढ़ पाई।

  • राजस्थान विश्वविद्यालय में नाटक

    राजस्थान विश्वविद्यालय के नाटक विभाग ने ह्यूमनिटीज हॉल में मंगलवार को नाटक ’कोर्ट मार्शल’ का मंचन किया। समाज में किसी को भी छोटा नहीं समझना चाहिए, क्योंकि सभी को समानता का अधिकार है। इस थीम पर रचे इस नाटक को ड्रामा डिपार्टमेंट के विद्यार्थियों ने यहां मंचित किया। स्वदेश दीपक लिखित इस नाटक का निर्देशन डिपार्टमेंट की हैड डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने किया। नाटक का कथानक एक फौजी के कोर्ट मार्शल पर आधारित था। दरअसल फौजी को उसके आला अधिकारी अपशब्द बोलकर परेशान करते हैं । इस कारण उसके मन में दूसरों के प्रति हीन भावना घर कर जाती है। मानसिक स्थिति खराब होने के कारण वह सीनियर आफिसर को गाली मार देता है। जिससे उसका कोर्ट मार्शल किया जाता है। नाटक विभाग के विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा के रूप में मंचित इस नाटक में यह दिखाने का प्रयास किया गया कि इस दुनिया में सभी लोग समान हैं । कोई भी ऊंचा या नीचा नहीं है। खास तौर पर जाति के आधार पर तो किसी को नीचा नहीं समझना चाहिए। यादि कोई ऐसा समझता है तो यह उसकी कमजोरी और हीनता को इंगित करता है।

  • 26 जून तक आवेदन

    राजस्थान विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेजों में प्रवेश के लिए अब 26 जून तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगां जबकि 29 जून तक चालान सहित हार्ड कॉपी जमा कराई जा सकती है। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क प्रकोष्ठ के अनुसार पीजी कोर्सेज में एडमिशन के लिए होने वाली पीजी एंट्रेंस के कार्यक्रम में भी बदलाव किया गया है। अब 25 जून तक ऑनलाइन और 28 जून तक आवेदन की हार्ड कॉपी जमा होगी। राजस्थान कॉलेज में 24 से 29 जून तक सीधे प्रवेश का प्रतिशत रविवार को जारी किया गया। इसमें सामान्य श्रेणी में 79 से अधिक, एसटी 73 प्रतिशत, ओबीसी और एससी कैटेगिरी में 78 प्रतिशत या इससे अधिक अंक होना जरूरी है।

  • ‌‌‌सीमांकन के लिए प्रशासनिक समिति का गठन

    राजस्थान विश्वविद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में जेडीए, कलेक्ट्रेट, सेटलमेंट एवं यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की एक संयुक्त जांच समिति गठित की गई। यह समिति यूनिवर्सिटी की भूमि का सीमांकन करेगी तथा भूमि चिन्हित कर राजस्व कार्रवाई करेगी। संभागीय आयुक्त और कार्यवाहक कुलपति डॉ मधुकर गुप्ता की अध्ययक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। दरअसल यूनिवर्सिटी की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में यूनिवर्सिटी के अधिकारी और शिक्षकों की एक कमेटी ने कुलपति को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी की 22 एकड भूमि पर आधा दर्जन संस्थानों के कब्जे हैं और कुछ को तो जेडीए ने भूमि आवंटित की थी। इस रिपोर्ट के बाद सब हरकत में आए। तत्कालीन राज्यपाल डॉ संपूर्णानंद ने वर्ष 1961 में राजस्थान यूनिवर्सिटी के विस्तार के लिए 157 एकड भूमि आवंटित की थी। यूनिवर्सिटी को विस्तार के लिए मिली इसी भूमि पर झालाना वाले हिस्से में अतिक्रमण माना गया। बैठक में तय हुआ कि यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के पुराने नक्शों का मिलान जेडीए, राजस्व विभाग, भूमि प्रबंध विभाग से कराकर पैमाइश और पीटी सर्वे कराया जाएगा। राजस्थान विवि की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए विवि के कर्मचारी नेता मो मुस्तफा और जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र सिंह शेखावत आठ साल से संघर्ष कर रहे थे। आठ साल गुजरने के बाद अतिक्रमण पर कार्रवाई की दिशा तय हुई है।

  • राजस्थान कॉलेज की कटऑफ लिस्ट जारी

    राजस्थान विवि के संघटन कॉलेजों में सत्र 2013-14 के लिए चल रही एडमिशन प्रक्रिया में शुक्रवार 28 जून को राजस्थान कॉलेज पहली कटऑफ लिस्ट जारी करेगा। इसमें पहले कामॅर्स कॉलेज अपनी लिस्ट जारी कर चुका है और महारानी व राजस्थन कॉलेज में सीधे प्रवेश के जरिए एडमिशन दिये जा चुके हैं। राजस्थान कॉलेज में शुक्रवार शाम को लिस्ट जारी की जाएगी जो करीब 300 सीटों के लिए होगी। प्रिंसिपल प्रो अल्पना कटेजा ने बताया कि हमने पहले ही बड़ी संख्या में सीधे प्रवेश दे दिया है। अब आज पहली कटआफ लिस्ट जारी की जाएगी। लिस्ट को शनिवार सुबह तक यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर भी देखा जा सकेगा।

  • समर कैंप में भ्रमण

    राजस्थान विश्वविद्यालय के लाईफ लांग लर्निंग विभाग की ओर से आयोजित हो रहे 40 दिवसीय समर कैंप में प्रतिभागियों ने शुक्रवार को पिंकसिटी के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया। कैंप में बीपीएल और गरीब परिवारों के लगभग 100 बच्चे कंप्यूटर, ई लर्निंग, स्पोकन इंग्लिश, गणित, राजस्थानी लोकनृत्य आदि की ट्रेनिंग ले रहे हैं। कैंप का समापन समारोह 1 जुलाई को विश्वविद्यालय के मानविकी पीठ सभगार में शाम 5 बजे से आयोजित होगा।

  • कैंप का समापन

    राजस्थान विश्वविद्यालय के लाइफ लांग लर्निंग विभाग की ओर से लगे 40 दिवसीय फ्री समर कैंप के समापन के अवसर पर सोमवार को कैंप के बच्चों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। मानविकी सभागार में हुए कार्यक्रम में 98 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने स्लाइड शो के माध्यम से कैंप के दौरान की गई गतिविधियों को भी दर्शाया। विभाग की प्रोफेसर शशि सहाया के अनुसार कम्यूनिटी डवलपमेंट प्रोग्राम के तहत लगे कैंप में बच्चों ने उत्साह दिखाया। अंतिम दिन प्राइज बांटे गए। जिसमें बेस्ट कैंपर गर्ल हीना को और बॉय सुधांशु को घोषित किया गया।

  • राजस्थान विश्वविद्यालय की वेबसाइट दो दिन से बंद

    राजस्थान विश्वविद्यालय की वेबसाइट दो दिन सेबंद होने के कारण अभ्यर्थी परेशान हैं। विवि की ओर से बुधवार को बीकॉम प्रथम वर्ष का परिणाम जारी किया गया। इससे पहले बीकॉम द्वितीय और अंतिम वर्ष का परिणाम नहीं देख पा रहे। साथ ही विवि में प्रवेश प्रक्रिया भी बाधित हो रही है। विवि की वेबसाइट संचालन के केंद्र इंफोनेट सेंटर के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में अरनेट इंडिया के कार्यालय की एक मंजिल में आग लगने की सूचना है। विवि की वेबसाइट का डोमेन नेम सर्वर अरनेट से ही जुड़ा है। इसी कारण वेबसाइट बंद है।

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