अमानी शाह वन क्षेत्र में गश्त के दौरान शनिवार दोपहर वन विभाग की टीम ने दुर्लभ प्रजाति की दो गोह के साथ एक युवक को पकड़ा। जब टीम ने उसकी तलाशी ली तो दो गोह या स्थानीय भाषा में पाटागोह (मॉनिटर लिजार्ड) मिले। विभाग के अधिकारियों ने जब कड़ाई से पूछताछ कि तो आरोपी सुरेश सांसी ने बताया कि सड़कों के किनारे बैठे नीम हकीम इनका दवाइयों में इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए वो जंगल से शिकार कर गोह को ले जा रहे थे। वन विभाग ने इस युवक को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। कुछ लोग इसे खाने के लिए भी खरीदते हैं। दो से पांच हजार रु. तक में इसका बच्चा बिकता है। यह जहरीली नहीं होती और जमीन के अंदर रहती है। यह दीवार, पेड़ पर बेहद मजबूती से चिपक जाती है। इसकी पूंछ पकड़कर कोई लटक भी जाए तो भी नीचे नहीं गिरता। मालवा के जंगलों में गोह बेहद कम बची है। इसके अलावा शक्तिवर्धक दवाओं में भी काम आती है।