सुझाव Hindi

खाद्य वस्तुओं में मिलावट की समस्या के समाधान हेतु सुझाव

दिनांक : 14 मार्च, 2019

आदरणीय श्रीमान अशोक गहलोत साहब,
माननीय मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार,
जयपुर।

विषय: खाद्य वस्तुओं में मिलावट की समस्या के समाधान हेतु सुझाव। आम जनता के लिये सार्वजनिक खाद्य वस्तु जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना हो।

मान्यवर,

खाद्य वस्तुओं में मिलावट एवं अशुद्धता के कारण प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोग बीमार होते हैं जिनमें से सैंकड़ों लोगों की अकाल मृत्यु तक हो जाती है। सरकार के स्तर पर अथक प्रयास किये जाने के बावजूद भी खाद्य वस्तुओं की अशुद्धता एवं मिलावट का समाधान नहीं हो पा रहा है। इसलिये मिलावट एवं अशुद्धता की जांच के लिये जनता को सार्वजनिक रूप से सस्ते एवं सुलभ खाद्य वस्तु जांच केन्द्र उपलब्ध कराये जावें जहां पर कोई भी व्यक्ति किसी भी खाद्य वस्तु का थोड़ा सा नमूना और सामान्य जांच शुल्क (केवल 10-20 रूपये) देकर उस खाद्य वस्तु की शुद्धता की रिपोर्ट तत्काल प्राप्त कर सके तो आम जनता को शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकेंगे।

मिलावटी, अशुद्ध/खराब खाद्य सामग्री बेचने वाले दोषी को कड़ी से कड़ी सजा देने का दायित्व सरकार का है जो जनता के सहयोग से, स्थाई स्वतंत्र खाद्य वस्तु जांच प्रयोगशालाओं से सम्भव है।

फूड सेफ्टी एण्ड स्टेन्डर्डस एक्ट, 2006 की धारा 43 के अंतर्गत भी यह प्रावधान है कि खाद्य प्राधिकारी, नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड द्वारा एक्रीडिटेड खाद्य प्रयोगशालाओं एवं अन्वेषण संस्थानों को नमूनों की जांच के लिये अधिसूचित कर सकता है।

सरकार द्वारा स्वयं अथवा पीपीपी मोड पर ऐसी स्वतंत्र प्रयोगशालाऐं स्थापित की जावें अथवा किसी संस्था को जांच के लिये लाइसेंस दिया जावे तो शुद्ध के लिये युद्ध अभियान में सरकार के साथ-साथ जनता की भागीदारी हो सकेगी। स्वतंत्र जांच प्रयोगशालाएं होने से जनता केवल सरकारी अधिकारियों के भरोसे नहीं रहेगी। स्वयं के स्तर पर जांच करवाकर खाद्य पदार्थ की शुद्धता के प्रति आश्वस्त हो सकेगी।

स्वतंत्र स्थाई खाद्य वस्तु जांच प्रयोगशाला में जांच के समय खाद्य पदार्थ का नमूना ले जाने वाले व्यक्ति से दुकानदार का नाम नहीं पूछा जावे क्योंकि दुकानदार का नाम मालुम होने के बाद प्रयोगशालाकर्मी द्वारा पक्षपात किया जा सकता है। केवल जांच कराने वाले व्यक्ति का नाम लिखा जावे और जांच हेतु खाद्य पदार्थ का नमूना व निर्धारित शुल्क जमा करवाकर तत्काल रिपोर्ट दे दी जावे।

यद्यपि ऐसी स्वतंत्र जांच प्रयोगशाला द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर कोई कानूनी कार्रवाई सम्भव नहीं होगी किन्तु जांच से यदि यह पता लगेगा कि दुकानदार अथवा निर्माता से खरीदी गई खाद्य वस्तु में मिलावट है तो उपभोक्ता उस वस्तु का उपभोग नहीं करेगा और बीमार भी नहीं होगा। इसके अलावा वह दुकानदार को रिपोर्ट दिखाकर उस खराब अशुद्ध वस्तु को लौटाकर पैसे वापिस लेने एवं दुकान से पूरी अशुद्ध वस्तु को हटाने के लिये कह सकेगा। इसके साथ ही अशुद्ध वस्तु बेचने वाली दुकान का स्वयं तो बहिष्कार करेगा ही, अन्य ग्राहकों, परिचितों को भी दुकानदार द्वारा बेची जा रही अशुद्ध वस्तु की जानकारी देकर उनसे भी बहिष्कार करा सकेगा जो कि एक दुकानदार के लिये बहुत बड़ी प्रत्यक्ष सजा है। इसके अलावा उपभोक्ता, सरकार के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भी दुकानदार की शिकायत कर सकेगा।

स्वतंत्र स्थाई खाद्य वस्तु जांच प्रयोगशालाओं से दुकानदारों को भी लाभ होगा। छोटे और मध्यम दुकानदार अपने स्वयं के स्तर पर खाद्य वस्तु का निर्माण नहीं करते हैं बल्कि तैयार वस्तु लाकर बेचते हैं। उन्हें स्वयं यह पता नहीं होता है कि वह जो खाद्य वस्तु बेच रहे हैं वह पूर्णत: शुद्ध है अथवा नहीं। यदि स्वतंत्र प्रयोगशाला होगी तो वह भी अपने बिक्री योग्य खाद्य पदार्थ की जांच करवाकर शुद्धता के प्रति आश्वस्त हो सकेंगे।

इससे एक ओर जहां उपभोक्ता अशुद्ध खाद्य वस्तु खाकर बीमार होने से बचेगा वहीं मिलावट करने वाले दुकानदारों में यह भय होगा कि उनके द्वारा बेची जा रही खाद्य वस्तु की किसी भी ग्राहक द्वारा जांच कराई जा सकेगी।
ऐसी प्रयोगशालाओं में यदि सभी प्रकार के खाद्य वस्तुओं की जांच सम्भव ना हो सके तो, प्रारम्भ में मुख्य-मुख्य खाद्य वस्तुओं की जांच की व्यवस्था से प्रयोगशाला प्रारम्भ की जा सकती है, बाद में आवश्यकता के अनुसार सुविधा बढ़ा कर अन्य वस्तुओं की जांच की व्यवस्था भी की जा सकती है ताकि शुरू में ही अधिक आर्थिक भार न पड़े।

इससे सरकार को बहुत लाभ होगा क्योंकि प्रयोगशाला स्थापित होने के बाद शुद्ध के लिये युद्ध अभियान में सरकार के साथ जनता का दायित्व एवं भागीदारी भी सम्मिलित हो जावेगी। अशुद्ध वस्तु खाकर लोग बीमार नहीं पड़ेंगे तो चिकित्सालय, चिकित्सक, दवाईयों आदि के व्यय कम होंगे। जागरूक उपभोक्ता स्वयं स्वस्थ होगे और अन्य को भी स्वस्थ रखने में सहयोग करेंगे। भ्रष्टाचार एवं मनमानी पर अंकुश लगेगा तथा कुछ लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

अत: निवेदन है कि आम जनता को खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित कराने के लिये स्वतंत्र सार्वजनिक खाद्य वस्तु जांच प्रयोगशालाएं स्थापित कराई जावें ताकि आम जनता वहां अपनी खाद्य वस्तु का नमूना एवं सामान्य शुल्क देकर अपनी खाद्य वस्तु की शुद्धता की जांच करवा सके।

भवदीय,

(प्रहलाद कुमार गुप्ता)
मो0 9414920926
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