
मूलतः करौली (राजस्थान) में 2 फरवरी, 1953 को “नन्दा भगत” परिवार में जन्मे स्व. श्री प्यारे लाल भगत एवं श्रीमती धूपी देवी के पुत्र डा0 प्रहलाद कुमार गुप्ता, एक सामाजिक कार्यकर्ता, सेवाभावी व्यक्तित्व और भारतीय संस्कृति के वाहक हैं। राजधानी जयपुर की दर्जनों सामाजिक, साहित्यिक एवं संास्कृतिक संस्थानों से जुड़े श्री गुप्ता ने अग्रवाल समाज, विश्व-व्यापी संस्था स्काउटिंग, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इण्डिया, आल राजस्थान को-ऑप. बैंक एम्पलाईज यूनियन, पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इण्डिया, पुष्पांजलि कॉलोनी विकास समिति और अन्य कई संस्थाओं के पदाधिकारी व कार्यकर्ता के रूप में पहचान बनाई है। उससे ऐसा लगता है कि आप अपने आपमें एक संस्था हैं।
आप वर्ष 1986 से प्रति वर्ष गणेश चतुर्थी के अवसर पर एक ऐसे महोत्सव का आयोजन करते हैं जिसमें भगवान गणेशजी की भव्य झांकी सजाने के साथ-साथ गणेशजी पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिता यथा गणेश कहानी प्रतियोगिता, गणेश चित्र प्रतियोगिता तथा भजनों एवं देशभक्ति गीतों पर आधारित सांस्कृतिक संध्या में बिना किसी जातिगत भेदभाव के ऐसे सैंकड़ों छात्र-छात्राओं को मंच उपलब्ध करवाते हैं जिन्हें आसानी से कहीं मंच उपलब्ध नहीं हो पाता है।
डा. गुप्ता द्वारा अपनी पत्नी प्रोफेसर (डा0) राधा गुप्ता की प्रेरणा एवं सहयोग से अपने सांगानेर जयपुर में स्थित शिक्षा सागर कॉलोनी के भूखण्ड पर कमरे व हॉल बनवाकर 26 फरवरी, 2017 से श्रमिक एवं निर्धन वर्ग के कक्षा 8 तक के लगभग 100 बच्चों को प्रतिदिन 2 घण्टे निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है जिसमें स्वयं के अतिरिक्त 4 वेतनभोगी शिक्षकों की सेवाएं भी ली जा रही हैं। बच्चों को कापी, पेन, स्लेट, पेन्सिल आदि स्टेशनरी भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। विद्यालय में पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ डा. गुप्ता बच्चों को अनेक प्रकार के योग व्यायाम एवं आसनों का अभ्यास कराते हैं। जिससे प्रभावित होकर राजस्थान स्वास्थ्य योग परिषद, जयपुर द्वारा इस सेवा विद्यालय को निःशुल्क योग प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। भारतीय संस्कारों की शिक्षा भी दी जाती है
आपने कई मौलिक एवं चिन्तनशील विचार समाज को दिये हैं। अनुभवी लेखक एवं कवि के रूप में सैंकड़ों रचनाएं राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, डेली न्यूज, समाचार जगत, सामाजिक पत्रिका अग्रोदक, सहकार पुकार, सेवा धाम, योग सौरभ, अग्र सौरभ, आदि के साथ-साथ राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।
आपकी महाराजा अग्रसेनजी एवं अग्रवाल समाज से संबंधित स्वरचित एवं अन्य कवियों की रचनाओं सहित 50 गीतों के संकलन सहित ’अग्रसेन गीतांजलि’ नामक पुस्तक की 1000 प्रतियां वर्ष 2001 में प्रकाशित हुई थी। अग्रवाल समाज के जनक महाराजा अग्रसेनजी की जीवनी पर आपके निर्देशन में श्री हरीश शर्मा द्वारा लिखित एवं स्व. श्री महेन्द्र जैन के परामर्श से परिशोधित नाटक ’’युग प्रवर्तक महाराजा अग्रसेन’’ की 1100 प्रतियां अग्रवाल समाज समिति, जयपुर द्वारा प्रकाशित कराई जाकर एक भव्य समारोह में 20 दिसम्बर 2020 को विमोचन किया गया।
आप अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इण्डिया, राजस्थान स्वास्थ्य योग परिषद के आजीवन सदस्य है। पूर्वी राजस्थान अग्रवाल सम्मेलन के मुख्य प्रवक्ता एवं जयपुर महानगर एवं देहात जिला अग्रवाल सम्मेलन मंत्री रह चुके हैं। पत्रकारिता स्नातक (बीजेएमसी) में कोटा विश्वविद्यालय में ’’द्वितीय स्थान’’ प्राप्त करने पर अग्रवाल समाज द्वारा सम्मानित किया गया। जनसम्पर्क के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इण्डिया, जयपुर चेप्टर द्वारा 21 अप्रेल, 2013 को आयोजित जनसम्पर्क दिवस पर ’’उत्कृष्टता सम्मान’’ से सम्मानित किया गया।
1973 में जीव विज्ञान की उपाधि प्राप्त करने के बाद आपने विधि स्नातक, श्रम विधियों में डिप्लोमा, सहकारिता में डिप्लोमा, सीएआईआईबी, संस्कृत में स्नात्कोत्तर, पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर (एमजेएमसी), प्राकृतिक एवं योग चिकित्सा में डिप्लोमा के साथ-साथ कम्प्यूटर का बृहद ज्ञान अर्जित किया है।
राजस्थान टैक्सटाईल मिल्स भवानी मण्डी, बाणिज्यिक कर विभाग जयपुर, राजस्थान राज्य विद्युत मण्डल में सेवाएं देने के बाद दि राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लि., जयपुर में 33 वर्ष की सेवाओं के बाद वरिष्ठ प्रबन्धक (जनसम्पर्क) के पद से सेवानिवृत एवं वर्तमान में दि राजस्थान अरबन को-ऑपरेटिव बैंक्स फैडरेशन लि., जयपुर में प्रबन्धक के पद पर कार्यरत हैं।