नौकरी के लिए चारसौबीसी करने के ढेरों उदाहरण मिल रहे हैं। गुरुवार को राजधानी में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया। एक सब-इंस्पेक्टर ने इस संबंध में कथित इंस्पेक्टर के खिलाफ माणकचौक थाने में मामला दर्ज कराया है। सब-इंस्पेक्टर का आरोप है कि इंस्पेक्टर अनुसूचित जाति का है। जबकि उसने अनुसूचित जन जाति का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी ले ली। फर्जी दस्तावेजों से नौकरी लेने का आरोपी इंस्पेक्टर प्रेमचंद अजमेर में जिला विशेष शाखा में तैनात हैं। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में सीआईडी सीबी में तैनात सब-इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह ने माणकचौक थाने में मामला दर्ज कराया है। प्रेमचंद ने 20 अगस्त 1979 को टोंक में अनुसूचित जाति वर्ग से कांस्टेबल की नौकरी प्राप्त की। इसके बाद 1983 में सहायक उप निरीक्षक सीधी भर्ती परीक्षा मे अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी ले ली।