चार दिन से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा रखा है। जन जागरण यात्रा को लेकर उपजे विवाद में आलाकमान के दखल के बाद अब वसुंधरा खेमा बैकफुट पर है। उनके निवास पर इस्तीफा देने वाले समर्थकों की भीड़ गायब हो चुकी है। मंगलवार को वसुंधरा से मिलने गिने चुने विधायक और भाजपा कार्यकर्ता ही पहुंचे। इसमें डॉ दिगम्बर सिंह, सूर्यकांता व्यास,भवानी सिंह राजावत और राधेश्याम गंगानगर शामिल हैं। तीन दिन के पॉलीटिकल ड्रामे के बाद वसुंधरा गुट की हुई फजीहत के कारण इन सभी ने मीडिया से दूरी बनाए रखी। वहीं जन जागरण यात्रा को लेकर शुरू हुए विवाद में अनुशासन का पाठ भूलने वाले भाजपा नेताओं पर गाज गिर सकती है। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ने अनर्गल बयानबाजी करने और इस्तीफे सौंपने वाले नेताओं के मामले अनुशासन समिति को सौंप दिए हैं। समिति इस्तीफा देने वालों के मीडिया में छपे नाम और बयान को आधार बनाकर भी कार्रवाई करेगी।