आखिरकार 21 दिन बाद शहर में सोने चांदी का कारोबार शुरु हुआ। शनिवार को सुबह जौहरी बाजार में अपनी कारों से उतर कर दुकान के शटर खुलवा रहे कारोबारियों के चेहरे पर सोने जैसी ही चमक थी। उनसे भी ज्यादा खुशी उन कारीगरों के चेहरे पर थी जो रोज कुआं खोद कर पानी पीने वाली कहावत का पूरा करते हैं। शुक्रवार को वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से आल इंडिया सराफा कमेटी की सकारात्मक बैठक के बाद शहर के सराफा कारोबारियों ने भी हडताल वापस ले ली और शनिवार को काम धंधा शुरु कर दिया। शनिवार से ही शहर के आम नागरिक को भी राहत की सांस लेने को मिली क्योंकि सराफा कारोबारियों के आंदोलन के कारण वे विभिन्न मांगलिक अवसरों पर कोई आभूषण नहीं खरीद पा रहे थे। गौरतलब है कि 16 मार्च को केन्द्रीय बजट में प्रणव मुखर्जी ने सोने पर आयात शुल्क बढा दिया था। इसके साथ ही ज्वलैरी के नॉन ब्रांडेड आइटम पर उत्पात शुल्क भी लगा दिया गया था। जिसका पूरे देश भर में विरोध हुआ। सराफाकर्मी 17 मार्च से ही काम बंद कर के बैठे थे। पहले तो उन्होंने पांच दिन का बंद घोषित किया था बाद में अनिश्चित कालीन बंद की घोषणा कर दी थी।