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रिंग रोड बनकर रहेगी

रिंग रोड को लेकर किसानों और सरकार में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे।  किसान अपनी शर्तों पर अडें हैं और यूडीएच मिनिस्‍टर शांति धारीवाल रिंग रोड का साइज कम करने को तैयार नहीं। इसी बीच जेडीए में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव जी एस संधु की अध्यक्षता में रिंग रोड को लेकर बैठक हुई। इसमें संधु ने कहा कि यदि किसान अपनी जमीनें सुपुर्द नहीं करते हैं तो नहीं करे। रिंग रोड तो बन कर रहेगी। किसान सहयोग करेंगे तो उनको ही फायदा होने वाला है। जेडीए को तो करोड़ों रुपए अतिरिक्त लगाना पड़ेगा। रिंग रोड को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश है कि जेडीए की समन्वय समिति किसानों की सुनवाई करे और उनके मांगों पर निर्णय के बाद रिंग रोड की आगे की कार्रवाई करे। संधु ने बैठक में कहा कि किसानों के देश में सर्वाधिक 25 फीसदी मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों के यह आरोप कि बिल्डरों के फायदा पहुंचाया जा रहा है, यह गलत है। 47 किलोमीटर का रिंग रोड का कॉरिडोर जितना जल्दी बनेगा किसानों के विकसित जमीन से करोड़ों की आमदनी होगी। उन्होंने रिंग रोड पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि समय सीमा में रिंग रोड की जमीन लेने की कार्रवाई की जाए। जितनी देरी होगी रिंग रोड प्रोजेक्ट अटके गा। उन्होंने अब तक केवल 20 फीसदी ही जमीन जेडीए के कब्जे में लिए जाने पर चिंता प्रकट की और कहा कि जमीन लेने की कार्रवाई के लिए सभी जोन युद्ध स्तर पर काम करे।


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