राजस्थान को रिफायनरी मिल गई है। एचपीसीएल बोर्ड ने बाड़मेर में रिफायनरी को मंजूरी दे दी है। 14 मार्च को जयपुर में एमओयू के बाद रिफायनरी पर काम शुरू हो जाएगा। यह रिफायनरी चार साल में बनकर तैयार हो जाएगी। बाड़मेर के बायतु में प्रस्तावित यह रिफायनरी तीन हजार एकड़ भूमि पर निर्मित होगी। इसपर 37,230 करोड रुपए की लागत आएगी। इस रिफायनरी की उत्पादन क्षमता 90 लाख टन प्रतिवर्ष होगी। रिफायनरी जैसे बड़े प्रोजेक्ट से लैस राजस्थान देश का 15 वां प्रदेश बन जाएगा, देश की यह 26 वीं रिफायनरी होगी। इस रिफायनरी से रोजगार के दो लाख नए अवसर पैदा होंगे। यहां से 11 तरह के बायोप्रोडेक्ट निकलेंगे और 129 अलग अलग उत्पादों की सैकड़ों इकाइयां लगेंगी। रिफायनरी 2016 से तेल रिफाइन करना आरंभ कर देगी।
मतलब, राजस्थान विकास के घोड़े पर सवार है। जिस राजस्थान को बंधन और थार की मार से झुलसा प्रदेश माना जा रहा था, वही थार अब सोना उगलेगा। पश्चिमी राजस्थान में बाड़मेर रिफायनरी का रास्ता साफ हो गया है। ऑयल इंडिया जैसलमेर सेक्टर से प्रतिदिन 30 हजार बैरल ऑयल निकालने का लक्ष्य लेकर बढ़ रहा है और केयर्न बाड़मेर में प्रतिदिन 10 लाख घन मीटर गैस का उत्पादन करने लिए कमर कसे हुए है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बहुत जल्द राजस्थान की तस्वीर कैसी होगी। आपको याद होगा कि पश्चिमी राजस्थान के लोग दशकों से उनके साथ भेदभाव होने का आरोप लगाते आए हैं। बीकानेर से तो एक लहर उठ खड़ी हुई थी। पश्चिमी राजस्थान को ’मरू प्रदेश’ के रूप में अलग राज्य का दर्जा देने की। ऊंटों के काफिले बीकानेर के धोरों से राजधानी जयपुर तक आए थे।
और अब देखिए, विकास की लहर चली तो ऐसा लगा कि सच में भगवान जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। अगर इतिहास पर गौर करें तो बाड़मेर और जैसलमेर जिले आरंभ से अति पिछड़े जिलों और बंजर धरती के नाम से पुकारे जाते रहे। लोग वहां से रोजगार के लिए पलायन करते रहे। 2009 तक इन जिलों में तेल का उत्पादन शून्य था। केवल दो वर्षों में ही हुए तेल दोहन ने राजस्थान को देश का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक प्रदेश बना दिया। पहला स्थान सम्रुद के साथ लगे महाराष्ट्र का है और दूसरा राजस्थान का। राजस्थान की तेल उत्पादन कंपनियों ने सवा तीन लाख बैरल प्रतिदिन के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इस तरह हम बहुत जल्द नम्बर वन बन जाएंगे।
राजस्थान में कुछ अरसे से क्रूड ऑयल का उत्पादन तो रहा था लेकिन रिफायनरी नहीं होने से हमारे विकास का रास्ता आधा था। अब रिफायनरी आने और अन्य दो बड़े प्रोजेक्टों पर काम बढ़ने से राजस्थान की प्रगति तीव्र गति से होगी। हमारी रिफायनरी देश की सबसे आधुनिक वैक्स ऑयल तकनीक पर आधारित होगी। यह रिफायनरी आने से लाखों की संख्या में लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और सैंकड़ो छोटी बड़ी कंपनियां भी इस रिफायनरी के आसपास आएंगी। रिफायनरी के आरंभिक चरण में लगभग चालीस हजार करोड़ का निवेश होगा। यह निवेश बढ़कर एक लाख करोड़ भी हो सकता है। रिफायनरी से राज्य की राजस्व आय में तीव्र बढोतरी होगी। विकास के इस सफर में केयर्न की ओर से प्रतिदिन निकलने वाली दस लाख घन मीटर गैस, जैसलमेर में हवा से बनाई जाने वाली बिजली और जोधपुर में सौर ऊर्जा के प्लांट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। और अब रिफायनरी के आने से तो प्रदेश की काया ही बदल जाएगी। राजस्थान का इतिहास एक नए सिरे से लिखा जाएगा, जिसमें पलायन, गरीबी, बेरोजगारी, सूखा और बंजर जैसे शब्द नहीं होंगे।
राजस्थान के बाड़मेर में रिफायनरी के प्रस्ताव को एचपीसीएल कंपनी के बोर्ड ने मंगलवार 5 मार्च को मंजूरी दे दी। इसे प्रदेश के विकास के लिए बड़ा फैसला माना जा रहा है। इससे पश्चिमी राजस्थान सहित पूरे प्रदेश के विकास को गति मिलेगी। उधर, एचसीपीएल बोर्ड की स्वीकृति के बाद केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा माइली ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फोन पर बधाई दी। गहलोत ने उनका शुक्रिया अदा किया। माइली 13 मार्च को जयपुर आएंगे और 14 मार्च को गहलोत और मोइली की मौजूदगी में रिफायनरी के लिए एमओयू होगा। बाडमेर में रिफायनरी लगाने को लेकर प्रदेश सरकार लंबे समय से प्रयास कर रही थी। पिछले दिनों केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद प्रोजेक्ट के वायबिलिटी गैप को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने 15 साल के लिए 56,040 करोड़ का पैकेज ब्याज रहित कर्ज के रूप में दिया था। एचपीसीएल बोर्ड की बैठक में करीब दो घंट की चर्चा के बाद मुहर लगाई गई। रिफायनरी के लिए बाड़मेर के बायतु क्षेत्र में लीलाला, जादुओं की ढाणी, सबरामणी में जमीनें अवाप्त की जा रही हैं। रिफायनरी में राज्य की 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी। शेष 74 प्रतिशत में एचपीसीएल, ओएनजीसी व इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के शामिल होने की संभावना है।
बाड़मेर में खुशी की लहर-
- बाड़मेर में रिफायनरी की घोषणा के बाद लोगों ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया।
- बाड़मेर के बायतु में रिफायनरी आने से बाड़मेर की तस्वीर बदल जाएगी।
- बात 2004 की है। देशी विदेशी तेल कंपनियों ने राजस्थान में तेल खोज के लिए लाइसेंस तो ले लिए थे। लेकिन खोज का काम नहीं कर रही थी। तब राजस्थान के विभिन्न संगठनों, मीडिया और जागरुक लोगों ने अभियान चलाकर केंद्र और राज्य सरकारों को बाध्य किया।
- इसी माह आरंभ हो जाएगा गैस उत्पादन- केयर्न इंडिया के राजस्थान ब्लॉक से प्राकृतिक गैस का उत्पादन मार्च के अंत तक शुरू होगा। कंपनी ने पेट्रोलियम मंत्री से गैस की कीमत तय करने और बिक्री की अनुमति मांगी है। कंपनी प्रतिदिन 10 लाख घन मीटर गैस का उत्पादन करेगी।
- ऑयल इंडिया के पूनम-1 को अनुमति-हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने राजस्थान में ऑयल इंडिया प्रालि की तेल खोज को वाणिज्यिक घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इस तेल क्षेत्र को पूनम-1 नाम दिया गया है। यहां प्रतिदिन 30 हजार बैरल तेल का उत्पादन हो सकेगा।
बस इतने कदम दूर-
- सीसीईए में रिफायनरी की पत्रावली को 3-4 दिन में मंजूरी मिलेगी। 14 मार्च को एमओयू होगा। इसके साथ ही रिफायनरी लगाने की तैयारियां शुरू हो जाएंगी।
- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को शिलान्यास के लिए आमंत्रित करने सीएम दिल्ली जा सकते हैं। अगले माह शुरू हो सकता है काम।
- रिफायनरी लगाने में करीब 4 साल लगेंगे। इस अवधि में उत्पादित तेल की ब्रिकी के लिए टर्मिनल मार्केट व अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
फायदे होंगे ये-
- पश्चिमी राजस्थान होगा औद्योगिक इकाइयों का हब
- एक लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार
- क्रूड ऑयल से मिल रही सालाना 5 हजार करोड की आय चार गुना बढ़ेगी।
रिफायनरी से खुलेंगे समृद्धि के द्वार-
बाड़मेर में रिफायनरी स्थापित करने की थार के बाशिंदों एवं प्रदेश सरकार की बहुप्रतीक्षित मांग पर एचपीसीएल संचालक मंडल की बुधवार को बैठक हुई। बैठक में स्वीकृति की मुहर लगने के साथ ही रिफायनरी को लेकर लंबे समय से जारी असमंजस भी खत्म हो गया है।
सबसे पहले होगा यह-
इस स्वीकृति के बाद बायतु क्षेत्र में लीलाला, जादुओं की ढाणी और सबरामणी की ढाणी में हाइड्रोकार्बन संयंत्र के प्रयोजनार्थ की जाने वाली करीब दस हजार बीघा भूमि की अवाप्ति प्रक्रिया तेज होगी।
अभी तेल पाइप लाइन सलाया तक-
बाड़मेर के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल से गुजरात के सलाया ताक अभी तेल का परिवहन पाइप लाइन के जरिए हो रहा है। वहां से तेल रिफाइन होने के लिए रिफायनरी तक भेजा जा रहा है। बाड़मेर में रिफायनरी लगने के बाद यहां का तेल यहीं रिफाइन होगा। करीब नौ मिलियन टन क्षमता वाली रिफायनरी के लिए और तेल की जरूरत रहती है। तो सलाया तक बिछाई गई पाइप लाइन का उपयोग बाड़मेर तक किया जा सकता है।
जमीनें फिर होंगी आसमान पर-
अब बाड़मेर में जीमनों के दामें में और बूम आएगा। भावों में वृद्धि से यहां के बाशिंदों को जमीनों के रुपए मिलेंगे। इसके अलावा निर्माण और अन्य क्षेत्रों की विभिन्न निजी कंपनियों के आने से यहां सूने पड़े मकानों और होटलों में फिर रौनक आ जाएगी। इससे पहले एल एण्ड टी समेत बड़ी कंपनियों के यहां मौजूदगी के दौरान मकानों के किराए चालीस हजार से एक लाख तक पहुंच गए थे। बाड़मेर में आलीशान मकान भी बड़ी संख्या में तैयार हो गए थे। यहां खुली नई होटल्स की डिमांड भी बढ़ जाएगी। बायतु क्षेत्र में पिछले चार माह से जमीनों के दाम कम हो गए थे। लेकिन कुछ दिन पहले पुन: बढ़ गए। बाड़मेर से जोधपुर, जैसलमेर और अहमदाबाद मार्ग पर स्थित जमीनों के दाम भी बढ़ेंगे।
इनका कहना है-
‘रिफायनरी संबंधी बाधाएं दूर हुई हैं। अब जल्दी ही घोषणा हो जाएगी। केंद्र राज्य सरकार, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयासोंसे बाड़मेर और राजस्थान के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा।'
हरीश चौधरी, सांसद बाड़मेर
‘रिफायनरी को एचपीसीएल के बोर्ड में मंजूरी मिल गई है। अब इसके लिए एमओयू किया जाएगा।'
सुधांश पंत, पट्रोलियम व खान सचिव
‘बाड़मेर में रिफायनरी से पेट्रो केमिकल, पेट्रो इंजीनियरिंग, मेट्रो मेडिसनल रिसर्च, हीटिंग ऑयल इंडस्ट्रीज को बल मिलेगा। रिफायनरी मदर ऑफ इंडस्ट्री है। इससे नेफ्था निकलता है, जिससे पेट्रोल बनता है। यहां नेफ्था, पेट्रोल, डीजल, केरोसीन और एविएशन फ्यूल बनेगा। 30 से 40 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे राजस्थान रिफाइन हो जाएगा।'
जगदीश मेहता, पूर्व एमडी मंगलोर रिफायनरी