थोक व खुदरा व्यापारियों को एमएसएमई दायरे में लाने से पैदा होगा विनिर्माण संकट
मिशन मोड पर चल रही महत्वाकांक्षी योजनाओं पर पड़ेगा बुरा असर
सरकार अपने अपरिपक्व निर्णय पर पुनर्विचार करे – एलयूबी
नागपुर/जयपुर 5-7-2021
सूक्ष्म और लघु उद्योगों के विकास हेतु कार्यरत देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय संगठन लघु उद्योग भारती ने थोक व खुदरा व्यापारियों को एमएसएमई का दर्जा देने पर चिंता प्रकट की है।संगठन का मानना है कि भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के इस अपरिपक्व फैसले से मिशन मोड पर चल रही महत्वाकांक्षी योजनाओं पर बुरा असर पड़ सकता है। एलयूबी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलदेवभाई प्रजापति ने कहा है कि केंद्र सरकार की मेक-इन-इंडिया, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर-भारत जैसी महत्वपूर्ण संकल्पनाओं के वास्तविक परिणाम प्राप्त करने के लिए विनिर्माण गतिविधियों में ग्रोथ होना बेहद जरूरी है लेकिन 2 जुलाई को इस आशय की घोषणा के बाद सूक्ष्म एवं लघु विनिर्माण उद्योग पर विपरीत प्रभाव पड़ने के पूरे आसार हैं।
श्री प्रजापति ने कहा कि देश में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए उपलब्ध प्राथमिकता क्षेत्र ऋण एवं वरीयता ऋण-सुविधा पहले ही अपर्याप्त है। उसमें व्यापारी इकाइयों का समावेश होने से न केवल उपलब्ध ऋण राशि में बंटवारा होगा, बल्कि सूक्ष्म एवं लघु विनिर्माण उद्योगों की आर्थिक समस्या भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि देश में विनिर्माण गतिविधियों में कमी होने और आयात, री-पैकेजिंग, असेम्बलिंग क्षेत्र और अप्रत्यक्ष व्यापार-वृत्ती में भारी मात्रा में वृद्धि होगी और रोजगार में गिरावट के साथ सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में संतुलन बनाये रखना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय महासचिव गोविन्द लेले ने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्षेत्र लघु उद्योगों तक ही सीमित होना चाहिए। देश की अर्थव्यवस्था में व्यापार की भूमिका का महत्व सभी स्वीकार करते हैं, और उसे प्रोत्साहन की आवश्यकता भी है, लेकिन उसके लिये सम्बद्ध मंत्रालय एवं विभाग अलग से कार्य योजना निश्चित करें।
एलयूबी राजस्थान के अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने एमएसएमई मंत्रालय के इस निर्णय के बारे में संगठन के मत को और स्पष्ट करते हुए कहा कि एक ही विभाग के अंतर्गत निर्माण, व्यापार और सेवा-क्षेत्र का घालमेल देश में विनिर्माण क्षेत्र को निश्चित रूप से कमजोर करेगा और वैश्विक कंपनियों के लिए भारत में बाजार उपलब्ध कराने के नए रास्ते खोलेगा।
डॉ. संजय मिश्रा
मीडिया कोऑर्डिनेटर
लघु उद्योग भारती राजस्थान
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