विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर महात्मा गांधी अस्पताल में जुटे कैंसर विशेषज्ञ
कैंसर शोध के लिए महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी का अमेरिकी यूनिवर्सिटीज से हुआ करार
जयपुर। कैंसर से डरने की नहीं बल्कि बचने की जरूरत है। कैंसर एवं थायराइड ऐसी बीमारी है जिनका निदान व उपचार संभव है। उन्होंने बताया कि युवाओं में यदि कैंसर का प्रथम चरण में पता चल जाता है तो 80 प्रतिशत तक ठीक होने की संभावना रहती हैं। जबकि तीसरी स्टेज के बाद उपचार की सफलता बीस प्रतिशत तक ही रह जाती है। यह जानकारी एम्स नई दिल्ली के नेशनल कैंसर इन्सीट्यूट निदेशक प्रो. जी.के. रथ ने दी। उन्होंने कहा कि देश में जागरूकता की वजह से कैंसर की दर में कमी आ रही है। प्रदूषण कैंसर के एक बडे कारक के रूप में सामने आ रहा है।
डॉ. रथ महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एण्ड टेक्नोलोजी, नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट, एम्स नई दिल्ली, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलोजी, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित की जा रही तीन दिवसीय ’वल्र्ड कॉन्ग्रेस ऑन कैंसर -2018’ के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। डॉ. रथ ने कहा कि बच्चों के 80 प्रतिशत कैंसर का सफलतापूर्वक उपचार किया जा सकता है।
देश में चण्डीगढ ऐसा शहर है जहां मूंह के कैंसर के रोगी बहुत कम पाए जाते है। उडीसा, आसाम, पश्चिम बंगाल सरीखे राज्यों जहां तम्बाखू का अधिक सेवन किया जाता है वहां मुंह कैंसर के सर्वाधिक रोगी पाए जाते है। 30 प्रतिशत कैंसर का पहले ही पता चल जाता है वहीं 70 प्रतिशत कैंसर का प्रारम्भिक चरण में पता नहीं चल पाता है। शरीर के अन्दुरूनी कोशिकाओं में होने वाले कैंसर का पता नहीं चल पाता है।
माउंट सिनाई, अमेरिका से आए प्रो स्टीवन जे बुराकॉफ ने बताया कि बच्चेदानी के कैंसर के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। 9 से 26 वर्ष तक की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए वैक्सीन लगाये जाने चाहिए। इससे कैंसर का खतरा पांच प्रतिशत तक सीमित रह जाता है। कैंसर की संभावना को पूरी तरह खत्म करने के लिए वैक्सीन भी तैयार किये जा रहे हैं। संभावना यह है कि मात्र 10 वर्ष में कैंसर पर काबू पा लिया जाएगा।
कैंसर से जीतने के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों से महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी के हुए करार –
आयोजक डॉ अनिल सूरी एवं डॉ. एम एल स्वर्णकार ने बताया कि कार्यशाला में पहले दिन दस प्रेजेंटेशन किये गये जिसमें कैंसर पर चल रही शोध पर चर्चा की गई। उद्घाटन समारोह में डॉ बुराकॉफ, डॉ. रॉबर्ट क्लार्क, डॉ. रेमॉन पार्सन्स, डॉ. एम सी मिश्रा, डॉ. हरि गौतम, डॉ सुधीर सचदेव, डॉ. अरूण चौगुले, डॉ हेमंत मल्होत्रा, डॉ डीपी सिंह, डॉ मनीष चौमाल, डॉ. गुमानसिंह, डॉ दिनेश यादव, डॉ. संजय शर्मा, डॉ अनुश्री पूनिया आदि विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
वीरेन्द्र पारीक
डाइरेक्टर, मार्केटिंग एण्ड पब्लिक रिलेशन्स
मो. 9929596601, 8107041111