जयपुर, 13 नवम्बर। उद्योग आयुक्त श्री मुक्तानन्द अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार को राजस्थान सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद की बैठक में प्रदेश के 10 लघु उद्योगोें और भुगतानकर्ताओं के बीच आपसी सहमति से भुगतान का निर्णय करते हुए लंबे समय से चले आ रहे लाखों रुपयों के बकाया भुगतान विवादों का निस्तारण कर बड़ी राहत दी गई है। बैठक में परिषद के सदस्य राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक श्री एमएस महनोत, अतिरिक्त निदेशक उद्योग श्री अविन्द्र लढ़डा ने भी हिस्सा लिया। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार सूक्ष्य एवं लघु उद्योगों से सामान प्राप्त करने वाले उद्योगों या संस्था को राशि का भुगतान 45 दिन में किया जाना जरुरी है। भुगतान नहीं होने की स्थिति में संबंधित पक्ष उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में गठित सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद में ऑनलाईन वाद प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर सकते हैं। एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार 45 दिन में भुगतान नहीं करने वाले पक्ष को मूलधन एवं विलंबित अवधि की बैंक ब्याज दर की 3 गुणा दर से ब्याज का भुगतान करना होता है।
श्री अग्रव्राल ने बताया कि सूूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के विलंबित भुगतानाें से संबंधित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए राज्य में अब एक की जगह चार सूक्ष्म एवं लघु परिषदों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक एक ही सुविधा परिषद होने से उद्यमियों के प्रकरणों पर सुनवाई कर निस्तारण करने में लंबा समय लग जाता था।
आयुक्त श्री अग्रवाल ने बताया कि एसएम इकाइयों के समय पर भुगतान नहीं होने व भुगतान विवादों के प्रकरणों के निस्तारण के लिए यह परिषद दोनों पक्षों को सुनकर आपसी समझाइश, आर्बिटेशन या अवार्ड जारी कर प्रकरणों का निस्तारण कर सकती ळें परिषद की बैठक में उपनिदेशक श्रीमती निधि शर्मा ने भी हिस्सा लिया।