जयपुर, 15 नवम्बर। जिला कलक्टर श्री जगरूप सिंह यादव ने कहा है कि मोर न केवल हमारा राष्ट्रीय पक्षी है बल्कि प्रकृति की नायाब कलाकारी का उत्कृष्ट उदाहरण है और इसके संरक्षण के लिए जनजागरूकता समेत कई स्तर पर संगठित प्रयास किए जाने की जरूरत है। इसके लिए किसानों को कीटनाशक से उपचारित बीज खुले में नहीं डालने के लिए समझाइश करने की सबसे ज्यादा जरूरत है।
श्री यादव ने शुक्रवार को जिला कलक्टे्रट में मोर संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात रखी। उन्होंने कहा कि मोरों की ज्यादातर मौत जहरीला दाना या बीज चुगने से होती है। किसान द्वारा फसल के लिए कीटनाशक से उपचारित बीज को काम लेने के बाद बचे हुए बीज को खुले में डाल दिया जाता है जो उनके लिए घातक साबित होता है। श्री यादव ने वन विभाग के अधिकारियों को किसानों एवं आम व्यक्तियों को मोर संरक्षण के लिए समझाइश करने के लिए आईईसी गतिविधियां बढाने को कहा। उन्होंने कीटनाशक से उपचारित बीजों के पैकेट पर मानव के उपयोग के लिए नहीं लिखे जाने के साथ ही पशु, पक्षियों के उपयोगार्थ नहीं की चेतावनी भी लिखे जाने के लिए आधिकारियों को निर्देश प्रदान किए। उप वन संरक्षक डॉ.कविता सिंह द्वारा घायल मोरों की चिकित्सा के लिए साधनों की कमी का मामला उठाए जाने पर जिला कलक्टर ने सांसद कोष से एम्बुलेंस वाहन स्वीकृत कराने के लिए सांसद से आग्रह करने का समाधान दिया एवं अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम श्री इकबाल खान, चतुर्थ श्री शंकरलाल सैनी, चतुर्थ श्री अशोक कुमार, डीएफओ श्री मनफूल सिंह समेत वन एवं पर्यावरण, चिकित्सा, शिक्षा एवं पुलिस समेत सम्बद्ध विभागों के अधिकारियों एवं एनिमल वेलफेयर ऑफिसर श्री मनीष सक्सेना, वल्र्ड संगठन की उप निदेशक नम्रता ने हिस्सा लिया। स्टेट जिला कलक्टर ने इस मौके पर मोर संरक्षण पोस्टर का विमोचन भी किया।
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