शहर में साफ-सफाई, कचरा संग्रहण-परिवहन एवं निगम की अन्य योजनाओं पर जोनवार नजर रखेंगे जिला प्रशासन के अधिकारी
जयपुर, 4 नवम्बर। जयपुर शहर में समय पर कचरा नहीं उठने, फोगिंग की कमी के कारण डेंगू के सम्बन्धी शिकायतों, फूड सेफ्टी एक्ट की पालना, नगर निगम के वैयक्तिक लाभों से जुड़ी योजनाओं एवं अन्य कार्याें पर निगरानी एवं समन्वय के लिए जिला प्रशासन के एसडीएम, एसीएम स्तर के अधिकारियों को जोनवार नियुक्त किया जाएगा।
जिला कलक्टर श्री जगरूप सिंह यादव ने सोमवार को हुई बैठक में इस सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। श्री यादव ने बैठक में शहर में डेंगू की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए निगम एवं सीएमएचओ कार्यालय द्वारा की जा रही कार्यवाही को नाकाफी बताया एवं एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टाले जाने पर नाराजगी जाहिर की। श्री यादव ने बैठक में सीएमएचओ के गैर हाजिर रहने पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिए कि जिला स्तरीय अधिकारी बिना पूर्व सूचना के बैठक से अनुपस्थित न रहें। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को डेंगू नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं माइक्रो प्लानिंग रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।
इस पर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष इसी अवधि में डेंगू के 1805 मामले आए थे जो इस बार 44 प्रतिशत घट कर 1012 ही रह गए हैंं। साथ ही जिले में अधिक प्रभावित क्षेत्रों को सूचीबद्ध कर एंटीलार्वा एक्टिविटी कर ली गई हैंं। टेमीफ्लू एवं स्क्रब टाइफस सम्बन्धी अन्य दवााओं की उपलब्धता पूरी है।
श्री यादव ने सम्पूर्ण शहर में डेंगू नियंत्रण के लिए की जा रही एंटी लार्वा एक्टिविटी, फोिंगंग, मच्छरों के नियंत्रण के लिए कैमिकल की उपलब्धता, डेंगू प्रसार की वार्षिेक एवं क्षेत्रीय स्थिति, किए जा रहे सर्वे, लगाई गई टीमें, डेंगू केस आने पर चिकित्सा विभाग एवं नगर निगम उठाए जाने वाले कदमों के बारे में सविस्तार जानकारी प्राप्त की।
श्री यादव ने कहा कि मच्छरों एवं डेंगू के प्रसार को रोकना चिकित्सा विभाग एवं नगर निगम दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसलिए प्रयास सम्मलित रूप से किए जाएं और किए जा रहे कार्यों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार भी किया जाए ताकि आम जन जागरूक हो सके।
जिला कलक्टर ने शहर में कचरे के उठाव की स्थिति पर भी नाराजगी जाहिर की। शहर में कचरे में बढोतरी के निगम अधिकारियेां के तर्क पर उन्होंने कहा कि कचरा जनसंख्या की बढोतरी के हिसाब से बढता है। कचरा उठाव के लिए जिम्मेदार कम्पनी पर नियंत्रण में कमी की नगर निगम के सिस्टम की खामी को इस तर्क से नहीं छिपाया जा सकता। उन्होंने शहर में सफाई व्यवस्था, घर-घर कचरा संग्रहण एवं इस कचरे के परिवहन, फूड सेफ्टी एक्ट पालना एवं निगम सम्बन्धी वैयक्तिक लाभ से जुड़ी योजनाओं में समन्वय के लिए जोनवार एसडीएम एवं एसीएम स्तर के अधिकारी लगाने के निर्देश दिए। श्री यादव ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को जिले में सुधारी गई सड़कों की सूची विभागीय वेबसाइट पर डालने के निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग द्वारा पिछले वर्षों में किए गए पौधारोपण की सौंपी गई सूची के अनुसार पौधों के सर्वाइवल की जांच एसडीओ रूरल से कराने के निर्देश दिए। साथ ही स्वयं भी दौरा करने की मंशा जताई।
एनओसी नहीं तो सीज करें मैरिज गार्डन
जिला कलक्टर श्री यादव ने नगर निगम अधिकारियों को बिना फायर एनओसी संचालित हो रहे मैरिज गार्डन्स को सीज करने के निर्देश दिए हैं। श्री यादव ने कहा कि अगले सप्ताह से शादियों का सीजन प्रारम्भ जाएगा। सभी मैरिज गार्डन्स के पास फायर एनओेसी होना आवश्यक है। पूर्व में भी मैरिज गार्डन्स में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैंं। अगर कोई भी मैरिज गार्डन बिना अग्नि सुरक्षा प्रावधानों के चलता मिला तो उसे सीज कर दिया जाए। श्री यादव ने आयोजनकर्ताओं से भी अपील की है कि वे मैरिज गार्डन बुक कराते समय फायर एनओसी अवश्य देखें।
एडवाइजरी की अक्षरक्षः पालना करे एनएचएआई
जिला कलक्टर ने एनएचएआई के अधिकारियों को जिले में उनके टोल पर यात्रियों की सुविधा के लिए व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के सम्बन्ध में पिछले दिनों जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई एडवाइजरी का पालन करने के लिए पुनः निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि टोल पर कार्मिकों को बिना प्रशिक्षण, वर्दी एवं कम समय के लिए नहीं लगाया जाए। तीन मिनट से ज्यादा समय वाहनोंं को निकलने में नहीं लगना चाहिए। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि 1 दिसम्बर से एक लेन के अलावा सभी में फास्ट टेग व्यवस्था यानी इलेक्ट्रॉनिक टोल व्यवस्था हो जाएगी। सोमवार से ठिकरिया एवं टोक रोड पर यारलीपुरा में भी अधिकतर लेन केा फास्ट टेग कर दिया गया है। इस पर श्री यादव ने कहा कि सभी गाडियों में फास्ट टेग लगने एवं सिस्टम ऑटोमेटेड होने तक लोगों को खराब व्यवस्थाअेां के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। इसलिए एडवाइजरी की अक्षरक्षः पालना सुनिश्चत की जाए।
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