जयपुर, 6 नवम्बर। सामूहिक विवाह आयोजनों में होने वाले विवाहों के पंजीयन की व्यवस्था आयोजन वाले दिन अनिवार्य रूप से की जानी आवश्यक होगी। जिला कलक्टर श्री जगरूप सिंह यादव ने इस सम्बन्ध में बुधवार को विवाह पंजीयन अधिकारी, नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् एवं ग्राम विकास अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
श्री यादव ने बताया कि राजस्थान सामूहिक विवाह एवं अनुदान नियम 2018 के अन्तर्गत होने वाले सामूहिक विवाह आयोजनों में विवाह पंजीयन अधिकारी को स्वयं आवश्यक रूप से उपस्थिति रहने के निर्देश दिए गए हैंं। उन्होंने बताया कि नियमानुसार सामूहिक विवाह का आयोजन करने वाली संस्था को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन आयोजनों में होेने वाले विवाहों के पंजीकरण के लिए ‘राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2009 के अन्तर्गत वांछित सभी दस्तावेज पंजीयन आवेदन के साथ संलग्न कर दिए जाएं। सभी आयोजनों में विवाह पंजीयन अधिकारी उपस्थित रहकर पंजीयन की कार्यवाही करेंगे। श्री यादव ने बताया कि नियमानुसार विवाह के पंजीकरण के लिए विवाह उपरान्त 15 दिवस मिलते हैं लेकिन नियमों की समझ नहीं होने, विवाह उपरान्त के रीति रिवाजों की व्यस्तता में यह समय निकल जाने पर राज्य सरकार द्वारा विवाहित जोडे़ को दिया जाने वाला अनुदान मिलने में कठिनाई होती है।