नेशनल हैंडलूम डे, “हैंडलूम क्राफ्ट एंड आर्ट” विषय पर लाइव टॉक में परंपरा को संरक्षित करने की आवश्यकता पर चर्चा हुई
जयपुर, 7 अगस्त 2020। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने कहा था कि किसान सिर्फ खेती करके कभी आगे नहीं बढ़ सकता। यही कारण है कि गांधी ने ‘खादी ग्राम उद्योग‘, ‘कुटीर उद्योग‘ और ‘हथकरघा उद्योग‘ की शुरूआत की। यह बात कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने कही। उन्होंने यह भी घोषणा की कि 70 वर्ष से अधिक आयु के कारीगर 4 हजार रुपए की नियमित मासिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए कला एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से कला एवं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार को अपना आवेदन भेज सकते हैं।
कला एवं संस्कृति मंत्री नेशनल हैंडलूम डे के अवसर पर ‘हैंडलूम क्राफ्ट एंड आर्ट' विषय पर आयोजित लाइव टॉक में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हैंडलूम उद्योग कई लोगों को रोजगार देता है और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य के कई कारीगर पुरस्कृत हुए हैं और उनके असाधारण काम के लिए उन्हें पहचान मिली है।
इस लाइव टॉक में लेखक और टेक्सटाइल स्कॉलर रीटा कपूर चिश्ती भी शामिल हुईं, जिन्होंने कला एवं संस्कृति विभाग की सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा के साथ चर्चा की। कार्यक्रम का आयोजन कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा जवाहर कला केंद्र (जेकेके) और आईएएस लिटरेरी सोसाइटी के सहयोग से किया गया।
इस अवसर पर रीटा कपूर चिश्ती ने कहा कि हैंडलूम इंडस्ट्री के कारीगरों को सबसे पहले अपनी नींव मजबूत करनी चाहिए, तभी वे ऎसे टॉप क्लास प्रोडक्ट बना पायेंगे जो दुनिया भर में जाना जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि किस तरह का हैंडवर्क टॉप श्रेणी का होता है इसका भी बेंचमार्क होना चाहिए ताकि कारीगरों को उस क्वालिटी के प्रोडक्ट बनाने के लिए प्रोत्सहित और सहयोग दिया जा सके।
Source - Press Release DIPR Date: August 7, 2020 ID: 209483