जयपुर, 14 नवम्बर। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने गुरूवार को यहां राजभवन में जयपुर शहर के 130 बच्चों के साथ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की 130वीं जयंती मनाई। राज्यपाल श्री मिश्र ने प्रत्येक बच्चे को महात्मा गांधी की आत्मकथा ‘सत्य के मेरे प्रयोग' की प्रति और टॉफियां भेंट की। राज्यपाल ने बच्चों के प्रश्नों के जबाव भी दिये।
राज्यपाल श्री मिश्र ने बच्चों से कहा कि साहसी बनो, आत्म विश्वास के साथ अपने लक्ष्य की प्राप्ति करो, जीवन में बाधाएं तो आयेंगी ही, लेकिन उनसे घबराना नही है बल्कि दृढ़ता से उन बाधाओं से मुकाबला करोगे तब ही जीवन में सफलता प्राप्त कर सकोगे। राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। इन्हीं बच्चों में से कोई देश का प्रधानमंत्री बनेगा तो कोई राष्ट्रपति होगा। कोई अच्छा लेखक होगा तो कोई अध्यापक बनेगा। आप सभी मिल-जुल कर भारत को विश्व गुरू बनायें। राजभवन में दो घंटे चले कार्यक्रम में बच्चों ने राज्यपाल से सवाल किये।
नेता बनने का फैसला मैंने नही लिया – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि उन्होंने यह कभी नही सोचा था कि वे नेता बनेंगे या राज्यपाल। श्री मिश्र ने एक बच्चे के प्रश्न का जबाब देते हुए कहा कि जब वे बनारस में अध्ययन कर रहे थे, तब वहां वे वरिष्ठ छात्रों के सम्पर्क में आये तो उन्हें जब भी कोई दायित्व मिला, उसे उन्होंने जिम्मेदारी से पूरा किया। राज्यपाल ने कहा कि ‘‘ मेरा ध्येय था कि देश के लिए कार्य करूं। ‘‘ इसी ध्येय पर वे कार्य करते रहे और जब भी कोई जिम्मेदारी उन्हें मिली, उसे निष्ठा व ईमानदारी से पूरा किया।
देश सेवा के लिए जरूरी नही कि नेता ही बने – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि देश सेवा के लिए राजनीति ही एक मात्र क्षेत्र नही है बल्कि जो व्यक्ति जिस क्षेत्र में कार्य कर रहा है, उसे ईमानदारी से पूरा करेगा तो वह भी देश सेवा ही है। यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार के सदस्यों की सेवा कर रहा है तो वह भी देश सेवा ही है।
परोपकार करें, पाप नही – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि अठारह पुराणों का सार तत्व यही है कि परोपकार पुण्य है और किसी को दुःख पहुंचाना पाप। इसलिए जीवन में किसी को कष्ट पहुंचाने का कार्य न करें बल्कि अनुशासन के साथ सहयोगी बने।
मैंने जीवन भर संघर्ष किया, लेकिन सिद्वांतों से डिगा नही – राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि वे गांव में पैदा हुए, गांव में रहे। घर में मिले संस्कारों को अपनाया और जीवन भर नियमों से बंधा रहा। सही काम ही किया। खूब तकलीफें सहन की। कभी मन में अंहकार नही रखा। सिद्वांतों पर ही चला। यही मेरी सफलता का राज है।
कभी वैल में नही गया – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि वे अनेक बार सांसद रहे और विधायक भी रहे। लेकिन सिद्वांतों से समझौता नही किया। राज्यपाल श्री मिश्र ने बताया कि संसद और विधानसभाओं में ‘‘वैल‘‘ एक स्थान होता है जहां सांसद व विधायक पहुंचकर विरोध दर्शाते है। श्री मिश्र ने कहा कि वे कभी वैल में नही गये। वैल में जाना उनके सिद्वांतों में कभी नही रहा। उन्होंने सदैव संसदीय परम्पराओं का निर्वाह किया। वैल में नही जाने पर उन्हें वरिष्ठों की नाराजगी भी झेली, लेकिन वह अपने सिद्वांतों से कभी डिगे नही।
बच्चे भी सरकारी योजनाओं में भागीदारी निभा सकते है – राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि बच्चों को भी सरकारी योजनाओं में भागीदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं के लिए विद्यालयों के बच्चों को भागीदारी निभानी चाहिए।
एन सी सी को बढ़ावा देने की जरूरत – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि विद्यालयों को एन सी सी को बढ़ावा देना चाहिए। छात्र-छात्राओं को एन सी सी के लिए प्रेरित करना होगा। एन सी सी सैनिक बनने की पे्ररणा का प्रशिक्षण है।
बच्चें खेलों में भाग ले – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि बच्चों को खेलों से जुड़ना चाहिए। ‘‘खेलों इंडिया‘‘ के माध्यम से देश की खेल प्रतिभाओं को खोजा जा रहा है, जो अच्छा प्रयास है।
राजस्थान रंग-रंगीला है – एक बच्चे के प्रश्न के जबाब में राज्यपाल श्री कलराज मिश्र बोले कि राजस्थान अद्भुत प्रदेश है। यहां रेगिस्तान है तो पहाड़ भी है और कही झीले भी हैं। यह रंग-रंगीला प्रदेश है। यहां के त्यौहारों को देखने देश-विदेश के लोग आते है। इस बार की दीपावली उन्होंने जयपुर में मनाई। वे यहां की रोशनी देखने गये। बहुत ही उल्लास और उत्साह से लोग यहां त्यौहार मनाते है।
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र और राज्य की प्रथम महिला श्रीमती सत्यवती मिश्र की मौजूदगी में बच्चों ने गुरूवाणी सुनाई तो एक बच्ची ने चाचा नेहरू पर कविता भी प्रस्तुत की। राज्यपाल के सचिव श्री सुबीर कुमार ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
राज्यपाल श्री मिश्र और श्रीमती सत्यवती मिश्र ने पं. जवाहर लाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्वाजंलि दी। इस मौके पर राज्यपाल के विशेषाधिकारी श्री गोविंद राम जायसवाल सहित राजभवन के अधिकारी और जयपुर शहर के मूक-बाधिर विद्यालय, अनाथालय सहित राजकीय व निजी विद्यालय के विद्यार्थियों सहित स्पोर्टस क्लब के बच्चे मौजूद रहे। राजभवन में बच्चें घूमे। राजभवन के उद्यान में खेले। पेड़-पौधे, मोर, तोते देखे। राजभवन के बैंक्वेट हॉल को देखा। हॉल में पूर्व राज्यपालों के चित्रों को भी देखा। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र और राज्य की प्रथम महिला श्रीमती सत्यवती मिश्र से मिलकर विद्यालयों के छात्र-छात्राएं गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। समारोह का संचालन डॉ. लोकेश चन्द्र शर्मा ने किया।
राज्यपाल ने दुःख जताया – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने खाटूश्यामजी सड़क मार्ग पर हुए हादसे में आठ लोगों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुःख जताया है। राज्यपाल श्री मिश्र ने दिवगंतों की आत्मशांति और शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए परमात्मा से प्रार्थना की है।
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