यूडी टैक्स निर्धारण के लिये हर संपत्ति का होगा सर्वे राजस्व वृद्धि के लिये निगम ने की तैयारी राजस्व वृद्धि से निगम द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को मिलेगी मजबूती
जयपुर, 01 नवम्बर। नगर निगम जयपुर की राजस्व वृद्धि के लिये निगम क्षेत्र की हर संपत्ति का सर्वे करवाया जायेगा। इसके साथ ही सभी निजी संपत्तियों पर लगे होर्डिग्स एवं ग्लो साइन बोर्ड का भी सर्वे करवाया जायेगा। अब तक नगर निगम द्वारा यूडी टैक्स और हाउस टैक्स की वसूली वर्ष 2005-06 के सर्वे के आधार पर की जाती रही है। जिसके अनुसार जयपुर में कर योग्य संपत्तिया लगभग 1 लाख 32 हजार है। जबकि इस सर्वे के बाद जयपुर शहर में कई नई संपत्तियों का निर्माण हो चुका है और कई संपत्तियों के उपयोग में बदलाव भी हुआ है। सर्वे के अभाव में निगम को भारी मात्रा में राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके अतिरिक्त निजी संपत्तियों पर लगे होर्डिग्स एवं ग्लो साइन बोर्ड का डेटा नहीं होने से भी निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
उपायुक्त राजस्व प्रथम नवीन भारद्वाज ने बताया कि वर्तमान में नगर निगम में मात्र 16 राजस्व निरीक्षक है जबकि राजस्व गणना का कार्य सुचारू रूप से करने के लिये कम से कम एक वार्ड में एक राजस्व निरीक्षक होना चाहिए। राजस्व स्टाफ की कमी की वजह से उक्त कार्य को आउटसोर्सिग के माध्यम से करवाया जाना है। जिसमें आउटसोर्सिग फर्म द्वारा संपत्तियों का डोर-टू-डोर सर्वे कर कर निर्धारण किया जायेगा। फर्म द्वारा बिल तैयार करने उन्हें बांटने तथा टैक्स रिकवरी का कार्य भी किया जायेगा। गौरतलब है कि दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ तथा झारखण्ड आदि प्रदेशों में भी राजस्व वसूली का कार्य आउटसोर्सिग के माध्यम से करवाया जा रहा है।
यह होगे फायदेः-
इस प्रोजेक्ट से नगर निगम के पास हर संपत्ति का रियल टाइम डेटा होगा। जिससे किसी भी प्रकार के कर एवं यूजर चार्जेज की वास्तविक वसूली हो सकेगी तथा नगर निगम आर्थिक रूप से मजबूत होगा। नगर निगम की राजस्व वृद्धि से नगर निगम द्वारा आमजन को उपलब्ध करवाई जाने वाली सेवाओं को मजबूती मिलेगी।
राजस्व वसूली का कार्य आउटसोर्स किये जाने के लिये तैयार किये गये दस्तावेज के बिन्दुओं पर चर्चा करने के लिये शुक्रवार को आयुक्त विजयपाल सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इस दौरान सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
Source Press Release : DIPR
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