जयपुर, 18 नवम्बर। प्रथम पूज्य गणेश जी भगवान और जयपुर के आराध्य देव गोविन्द देव जी की पूजा अर्चना के साथ सोमवार को 292वां जयपुर स्थापना दिवस मनाया गया। मुख्य सचेतक महेश जोशी, महापौर विष्णु लाटा, विधायक गंगा देवी एवं अन्य अतिथियों ने अल सुबह मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहुंचकर पूर्ण विधि विधान से गणेश जी की पूजा अर्चना की और जयपुर की खुशहाली की प्रार्थना की। मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने दुपटटा ओढ़ाकर अतिथियों का स्वागत किया और मंत्रोंच्चार के साथ प्रथम पूज्य की पूजा करवाई।
इसके बाद मुख्य सचेतक एवं महापौर अन्य अतिथियों के साथ गंगापोल गेट पहुंचे। यहां पहुंचकर अतिथियों ने गंगापोल द्वार पर स्थित गणेश प्रतिमा की पूजा की एवं जयपुर की सुख एवं समृद्धि की कामना की। गौरतलब है कि गंगापोल गेट की स्थापना जयपुर शहर की स्थापना के साथ ही की गई थी और परंम्परा के अनुसार प्रथम द्वार पर स्थित गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है।
इसके बाद सभी अतिथि गोविन्द देव जी मंदिर पहुंचे जहां महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने शहर आराध्य गोविन्द देव जी की पूजा करवाई। यहां इंडियन इस्टीटयूट ऑफ कत्थक डॉस एण्ड म्यूजिक की छात्राओं ने कत्थक नृत्यागना स्वाति अग्रवाल के नेतृत्व में आकर्षक कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया। कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से कृष्ण एवं गोपीयों की रास लीला प्रस्तुत की। इस दौरान विधायक अमीन कागजी, चैयरमेन मोहनलाल मीणा, भगवत सिंह देवल, धर्मसिंह सिघांनिया, मन्जू शर्मा, गोपाल कृष्ण शर्मा सहित नगर निगम की विभिन्न समितियों के चैयरमेन, पार्षद, जनप्रतिनिधि, देशी एवं विदेशी पावणे तथा बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।
विरासत और विकास दोनों को संभालेगेः-
इस अवसर पर मुख्य सचेतक श्री महेश जोशी ने कहा कि वल्र्ड हैरिटेज सिटी जयपुर पूरे विश्व में अपनी अनूठी विशेषताओं के लिये जाना जाता है। जयपुर का स्थापत्य मेहमान नवाजी, खान-पान, विरासत और लोगों का आपसी प्रेम इसे पूरे विश्व में एक अलग पहचान देता है। हम जयपुर की विरासत और विकास दोनों को संभाल रहे है। जहां-जहां विकास की आवश्यकता है वहां सभी आवश्यक कार्य पूरे किये जा रहे है और विरासत को संरक्षित किया जा रहा हैै।
महापौर श्री विष्णु लाटा ने कहा कि बड़े गर्व की बात है कि 292 साल पहले बसाया गया जयपुर शहर आज भी अपनी परम्पराओं और विरासत को अक्ष्क्षुण बनाये हुये है। जयपुर की अनूठी विरासत और परम्पराओं की वजह से ही जयपुर को वल्र्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा मिला है। हमारा लगातार प्रयास रहेगा कि जयपुर की विरासत को संरक्षित रखते हुये इसे प्रगति और विकास के पथ पर आगे बढ़ाये।
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