श्री पायलट ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश सरकार जनता को पट्टा आवंटन करने के नाम पर शिविर आयोजित कर रही है परन्तु सच्चाई यह है कि राजधानी में जयपुर विकास प्राधिकरण और जयपुर नगर निगम में सामंजस्य के अभाव से 500 से भी ज्यादा कॉलोनियों के सात हजार के करीब लोग पट्टों से वंचित रहेंगे। उन्होंने कहा कि विकास के नाम भी इन क्षेत्रों में दोनों संस्थाओं ने एक रुपया भी खर्च नहीं किया है जिसकी वजह से क्षेत्र की जनता मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह से वंचित है।
उन्होंने कहा कि राजधानी में सफाई व्यवस्था पुलिस निगरानी में संचालित की जा रही है जो बताता है कि प्रदेश की सरकार व उसके अधीन काम करने वाले निकाय जनता को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्वच्छता अभियान के तहत जारी शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में प्रदेश का एक भी शहर 150वें स्थान तक नहीं पहुँचा है जो बताता है कि प्रदेश में सफाई के कितने बुरे हालात है और यही कारण है कि भीषण गर्मी होने के बावजूद स्वाइन फ्लू ने महामारी का रूप ले लिया है और अब तक लगभग 24 लोग मर चुके है और 250 से भी ज्यादा लोग पॉजीटिव पाये गये है।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रत्येक कार्य राजनैतिक लाभ-हानि के आधार पर केन्द्रित है और जनता को राहत मिले या नहीं मिले, इससे सरकार को कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे शिविर लगाये जाये तो सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि जनता की समस्याओं का निदान हो ना कि खानापूर्ति करने के लिए शिविरों का आयोजन कर जनता के लिए दुविधा उत्पन्न की जाये। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी सरकार ने संभागों व जिलों में जाकर दावा किया था कि जनता की समस्याओं का निदान होगा जबकि सच्चाई यह है कि आज तक भी सरकार पुष्ट आंकड़ों के साथ नहीं बता पायी कि कितनी परिवेदनाओं का निस्तारण हुआ है।
उन्होंने कहा कि ये जनकल्याण शिविर आगामी वर्ष में होने वाले चुनाव के मद्देनजर सरकार द्वारा जनता को भ्रमित करने की कवायद है।
(डॉ. अर्चना शर्मा)
उपाध्यक्ष एवं मीडिया चेयरपर्सन