-जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल 2013
-साहित्य समारोह 24 से 28 जनवरी तक होगा
जयपुर। जयपुर के डिग्गी पैलेस में होने वाले जयपुर साहित्य समारोह ने जयपुर को एक नई और खास पहचान दे दी है। साहित्यप्रेमी अब जनवरी का बेसब्री से इंतजार करने लगे हैं। अगला साहित्य समारोह 2013 में 24 से 28 जनवरी तक आयोजित होगा। लेकिन, बड़ा सवाल यह है क्या यह इस भी डिग्गी पैलेस ही लिटरेचर फेस्टीवल की मेजबानी करेगा? अभी यह तय होना बाकी है। लेकिन जिस तरह पिछले साल यह वेन्यू ओवरफ्लो हुआ उस से यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार इस समारोह का मेजबान कोई और वेन्यू हो सकता है।
दरअसल 2006 में जयपुर के डिग्गी पैलेस होटल से आरंभ हुआ यह शानदार साहित्य समारोह वर्तमान में अपनी और जयपुर की खास पहचान बना चुका है। कुछ ही वर्षों में इस समारोह ने अपना दायरा बहुत बढ़ा लिया है। डिग्गी पैलेस अच्छा वेन्यू है। वहां का शांत और सुकून भरा वातावरण, लॉन, वृक्षावली और इमारत सभी एक अच्छे वेन्यू का निर्माण करते हैं। दूसरे, यह ओल्ड सिटी के बहुत करीब भी है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या होटल तक पहुंचने वाले संकड़े मार्ग की है जो टोंक रोड से कुछ मिनटों की दूरी पर अंदर अशोकनगर की तरफ है। फेस्टीवल में आने वालों की तादाद देखते हुए उस गैलेरीनुमा रास्तों में गाडि़यों प्रवेश तो कर सकती हैं लेकिन मुड़ने लायक जगह नहीं है। गाडि़यां निकलने का कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है। इस तरह इस गैलरी वाहनों की कतारें लग जाती हैं और इरिटेशन हो जाता है। ऐसे में धीरे धीरे हजारों विजिटर्स को सुविधापूर्वक वेन्यू तक लाने के लिए आयोजक किसी अन्य जगह को वेन्यू बनाने पर विचार कर रहे हैं जहां पार्किंग की सुविधा बेहतर हो।
इस बार ये-
2013 में होने वाले आयोजन में देश के ख्यातनाम साहित्यकार तो शिरकत करेंगे ही साथ ही इस दफा
उम्बर्टो इको, एरियल डॉर्फमैन, मिशेल पेलिन, एलिजाबेथ गिल्बर्ट, नोएम चॉम्र्सकी, फिलिप पुलमैन, बिल ब्राइसन, मोनिका अली, झुम्पा लाहिडी जैसे दुनिया के बड़े साहित्यकारों के नाम भी इस बार विजिटर्स की सूची में शामिल हैं।
फेस्ट इज बेस्ट-
कुछ ही बरसों में हर साल होने वाले इस साहित्य समारोह ने दुनियाभर में जयपुर को पाठकों-लेखकों की कुंभ-नगरी बना दिया है। बरस-दर-बरस, जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल अपना दायरा बढ़ा रहा है।
फेस्ट के विजिटर्स बढ़ने से भले ही वेन्यू सिकुड़ती सी मालूम हो रही हो लेकिन शहर के डिग्गी पैलेस होटल का शाही ठाठ-बाट वाला माहौल, उतरती सर्दियों की पीली धूप, कहीं खुला मंच तो कहीं मुगल शैली का टैन्ट, मिट्टी के कुल्हड़ों में चाय की चुस्कियों के साथ साहित्य की गहराईयों-ऊंचाईयों में डूबने-उड़ने का आनंद साहित्य के इस महाकुंभ में खूब लिया गया है।
जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल की शुरूआत जयपुर में 2006 में हुई थी। देखते देखते इस साहित्य उत्सव ने अपना विशेष स्थान बना लिया है और दुनिया की नजर में जयपुर का रुतबा और बढ़ा दिया है। वर्तमान में यह एशिया-पेसेफिक में होने वाला सबसे बड़ा साहित्यिक आयोजन है। इस बात का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि 2012 में साहित्य समारोह में पांच दिनों के दौरान 1 लाख लोगों ने सौ से अधिक सेशंस में भाग लिया।
एक खास बात इस समारोह की यह है कि विजिटर्स के लिए यहां एंट्री फ्री है। आप साहित्य से प्रेम करते हैं तो यहां आइये। अपने प्रिय लेखकों, साहित्यकारों की बातें सुनिए और उनकी विशेष रचनाओं पर उनके साथ चर्चा में शामिल होइए। इस सब में बड़ा आनंद आता है। तो कमर कस लिजिए। जनवरी आने को है, और एक बार फिर हमारे जयपुर में जुटेगा साहित्य का महाकुंभ।
जयपुर को विजिट करने के लिए अब ट्यूरिस्ट भी जनवरी-फरवरी के महिनों को पसंद कर रहे हैं ताकि जयपुर के मॉन्यूमेंट्स का लुत्फ लेने के साथ-साथ लिटरेचर फेस्ट का भी आनंद ले सकें। ठीक ऐसा ही पांच दिन के लिए इस उत्सव में आने वाले मेहमानों के साथ भी है। लिटरेचर फेस्ट को अटेंड करने के साथ साथ उनका मोह जयपुर के खूबसूरत लोकेशंस और शानदार हॉस्पिटिलिटी के प्रति बढ़ रहा है। कहा जा सकता है कि जयपुर लिटरेचर फेस्ट और जयपुर शहर एक दूसरे की विशेषताओं का भरपूर फायदा उठा रहे हैं।
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