रॉयल राजस्थान ( Rajasthan Royal )के सफर को रॉयल बनाने लिए यह शानदार ट्रेन को कंटेम्प्रेरी डिजाइन दिया गया। इस खास गाड़ी में यात्रा करके आप अपने आप को राजा-महाराजा महसूस करेंगे। दिल्ली से आरंभ होने वाले इसके जादूभरे सफर में आप राजस्थान के शाही किलों और महलों से रूबरू होंगें तो रोमांचित करने वाले हजारों क्षण आपका स्वागत करेंगे।
शाही ट्रेन का यह सफर जब रणथम्भौर के ऐतिहासिक किले और टाइगर्स से भरी सेंचुरी, उदयपुर के झीलोंभरे एहसास, खजुराहो की कलात्मक दीवारों, वाराणसी की भक्तिमयी धाराओं और आगरा के ताज की भीनी बयारों के बीच से बहेगा तो आप नैसर्गिक अनुभूतियों से अपने आपको बचा नहीं पाएंगे।
रॉयल राजस्थान का यह सफर आपको राजा-महाराजाओं की भूमि, उनके आवास, रहन-सहन, संस्कृति और जीवन जीने के तरीकों से वाकिफ कराता चलता है। महलों और किलों में उनके शाही ठाठ-बाट को शिद्दत से महसूस कराने के लिए आपको ट्रेन के भीतर वैसा ही माहौल देने का प्रयास किया जाता है जिसमें आप अपने आप को किसी रियासत का राजा या रानी महसूस करें।
इसी थीम को लेकर चलने वाली इस राजसी गाड़ी की बाहरी चित्रकारी या आंतरिक साज-सज्जा को बारीकी से इस प्रकार उकेरने का प्रयास किया गया है कि इसका एक-एक कंपार्टमेंट किसी चलते फिरते महल का झरोखा-सा प्रतीत हो। यह ट्रेन आपको एक सप्ताह का शानदार और यादगार सफर कराती है जिसमें राजस्थान की विरासतें और वैभवशाली इतिहास आप अपने साथ चलता महसूस करेंगे।
शाही सफर के दो अनुभव-
रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स में सफर करने के लिए आपको दो विकल्प मिलते हैं, डीलक्स सैलून और सुपर डीलक्स सैलून। ट्रेन में कुल 14 सैलून हैं जिनमें ये दोनो विकल्प मौजूद हैं।
डीलक्स सफर-
गाड़ी के तेरह कोच में प्रत्येक पर तीन डीलक्स सैलून उपलब्ध हैं। इन सैलून को विशेष रूप से समकालीन ठाठ-बाट के मद्देनजर विशेष रूप से सजाया गया है। सैलून की हर चीज को हेरिटेज लुक दिया गया है जिसे महसूस करके अच्छा लगता है। सैलून की महिमा को और बढ़ाने के लिए राजस्थान की परंपरागत चित्रकारी और सुंदर रंग संयोजन का शानदार इस्तेमाल किया गया है।
सफर के दौरान आपकी हर सुख सुविधा का ध्यान रखते हुए आपके चेंबर की हर चीज को करीने से गढ़ा गया है। इसमें शानदार मखमली बिस्तर, सोफा, पढ़ने के लिए टेबल-कुर्सी और वे सारी खूबियां जो आप अपने फर्नीचर में देखना चाहते हैं। खास बात यह है कि हर कोच को राजस्थान के खूबसूरत स्मारकों या खूबियों का नाम दिया गया है, जैसे-हवामहल, चंद्रमहल, सूर्यमहल, मोतीमहल आदि। सैलून को और भी खूबसूरत बनाने के लिए विशेष रंग संयोजना भी की गई है। सैलूनों को कई रत्नों की आभा दी गई है- रूबी कलर, पर्ल कलर और नीलम कलर सैलून की खूबसूरती को दुगना करते हैं।
सुपर डीलक्स सफर-
रॉयल राजस्थान के 14 में से दो कोच सुपर डीलक्स सैलून हैं। सुपर डीलक्स कोच को ताजमहल नाम से पुकारा जाता है। ताजमहल कोच का सुईट यात्रियों को पूरी तरह से शाही ठाठ उपलब्ध कराता है। इस कोच में आपकी रॉयल लिविंग का विशेष खयाल रखते हुए रेशमी पर्दों और मखमली बिस्तर का इंतजाम किया गया है। कोच की हर वस्तु का अंदाज राजसी है। इंटीरियर लाजवाब। आपके लिए यहां लकड़ी पर बारीक नक्काशीदार फर्नीचर मौजूद है, जिनमें बड़ा पलंग विशेष है जो खास तौर से आरामदायक बनाया गया है वहीं रूम में छोटी से छोटी हर वस्तु को बहुत ही बेहतरीन ढंग से सजाया गया है। यहां आपके लिए तुर्क शैली के शाही सोफे रखे गए हैं जो बहुत ही आरामदायक होने के साथ खूबसूरत भी हैं। कोच के दो सुईट्स को दो रत्नों का नाम दिया गया है-एमरण्ड और डायमंड। जाहिर है, इन रत्नों की तरह आपकी यह सुईट भी बेशकीमती है।
डाइनिंग लाउंज-
इस शाही रेल में दो आपके स्वाद का विशेष खयाल रखने के लिए दो बेहतरीन रेस्टोरेंट हैं-स्वर्ण महल और शीश महल। शीश महल की छत को खूबसूत झूमरों से सजाया गया है, ये जब जलते हैं तो इसके चमकते हुए क्रिस्टल दीवाने खास शीश महल की याद ताजा कर देते हैं। यहां लकड़ी और क्रिस्टल से बना रेस्ट्रो-बार आपको खाने और पीने के बेहतरीन जायकों से अवगत कराता है। स्वर्ण महल को सोने की आभा देने के लिए पीतल की सुंदर कारीगरी की गई है। इस रेस्टोरेंट का ठेठ भारतीय, राजस्थानी, कांटीनेंटल और चाईनीज फूड का स्वाद आप ताउम्र याद रखेंगे। यहां के खुशमिजाज, सेवातुर और सधे हुए स्टाफ सदस्य बेहतरीन क्रॉकरी में जब मनुहार के साथ आपको खाना परोसते हैं तो खुद-ब-खुद आप अपने आपको किसी रियासत का राजा महसूस करेंगे।
यहां के लाउंज को विश्व के समृद्ध और जायका पसंद पर्यटकों के स्वाद के मद्देनजर विकासित किया गया है। यही कारण है यहां बेहतरीन वाईन और शराब के अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड्स मौजूद हैं। इसके अलावा ट्रेन बोर्ड पर एक उत्कृष्ट स्पा है, जो आपको सफरभर मे तरोताजा रखने की नायाब सुविधा है।
यह ट्रेन आपको उत्तर भारत के बेहतरीन शाही शहरों का दौरा करती है, लाजवाब डेस्टीनेशंस से रूबरू कराती है, लेकिन इस ट्रेन के भीतर वक्त बिताना आपको किसी शानदार महल में होने का अहसास लगतार कराता है।
राजस्थान पर्यटन विकास निगम की शाही रेल ’रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स’ इस पर्यटन सीजन के आखिरी फेरे के लिए शनिवार 31 मार्च को दिल्ली से रवाना हुई। अब सितम्बर से शुरू होने वाले नए पर्यअन सीजन में यह शाही रेल नए रूट पर चलेगी। शाही गाड़ी के आखिरी फेरे में 32 देशी विदेशी पर्यटक सफर कर रहे हैं। यह शाही रेल 3 अप्रैल को जयपुर पहुंचेगी। यह पहला मौका है जब यह गाड़ी आरटीडीसी को आर्थिक फायदा पहुंचा रही है।
शाही रेल का पुराना रूट-
दिल्ली से रवाना होकर जयपुर, उदयपुर, चित्तौडगढ, सवाईमाधोपुर, जयपुर, खजुराहो, बनारस से आगरा होती हुई वापस दिल्ली को।
प्रस्तावित नया रूट-
दिल्ली से रवाना होकर बनारस, खजुराहो, आगरा, उदयपुर, चित्तौडगढ, जोधपुर, सवाईमाधोपुर से जयपुर होती हुई वापस दिल्ली को।
शाही रेलों की ब्रांड इमेज के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण
पैलेस ऑन व्हील्स और रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स जैसी शाही रेलों के कर्मचारियों को बेहतर मेहमाननवाजी के गुर सिखाए जाएंगे। ये रेलें पिछले कई सालों से देसी विदेशी सैलानियों को राज्य के ऐतिहासिक स्थलों की सैर करा रही हैं। आरटीडीसी शाही रेलों में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण देगा। विभाग के अनुसार इससे ने केवल पर्यटन व्यवसाय में आगे बढने में मदद मिलेगी। बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन में भी अपना प्रभाव और ब्रांड इमेज बनाए रखने में सफलता मिलेगी। इस क्रम में बुधवार 22 मई को जवाहर सर्किल स्थित होटल ललित में प्रशिक्षण की शुरूआत हुई। ट्रेनिंग के दौरान सिखाया जाएगा कि मेहमानों को किस मौसम में किस तरह के व्यंजन परोसने चाहिएं। कर्मचारियों को हाउस कीपिंग और कंप्यूटर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।