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राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर

राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर ( Rajasthan University, Jaipur )

राजस्थान विश्वविद्यालय को आरयू के नाम से भी जाना जाता है। यह राज्य का सबसे बड़ा केंद्रीय विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय स्थानीय, राष्ट्रीय और विदेशी  छात्रों को पाठ्यक्रम शिक्षा के साथ साथ शोध शिक्षा भी प्रदान करता है। यह देश की सबसे खूबसूरत और सुविधापूर्ण यूनिवर्सिटीज में से एक है। राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के सबसे व्यस्ततम मार्गों में से एक जेएलएन मार्ग पर स्थित है। राजस्थान विश्वविद्यालय एनएएसी द्वारा ए प्लस मान्यता प्राप्त है। विश्वविद्यालय में 37 पीएचडी कार्यक्रमों, 20 एम फिल, 28 मास्टर्स डिग्री प्रोग्राम और राज्य में 14 स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम कराने में उत्तम रिकॉर्ड रखता है। इस विश्वविद्यालय से 6 घटक कॉलेज, 11 अनुसंधान कॉलेज, 305 संबद्ध कॉलेज और 37 विभिन्न स्नातकोत्तर विभाग जुड़े हैं।
राजस्थान विश्वविद्यालय की स्थापना 8 जनवरी 1947 को राजपूताना विश्वविद्यालय के नाम से हुई। बाद में 1956 में इसे राजस्थान विश्वविद्यालय नाम दिया गया। अपनी स्थापना के बाद से इस विश्वविद्यालय ने लगातार प्रगतिपूर्ण गुणात्मक विस्तार किया है। 285 एकड जमीन में फैला यह भव्य विश्वविद्यालय यूजीसी से मान्यता प्राप्त है और राजस्थान के सात जिलों से शैक्षिक कार्यक्रमों से जुड़कर शिक्षा का सबसे बड़ा एजुकेशन हब बन गया है। यहां का विशाल पुस्तकालय भी अपने आप में एक शोध प्रयोगशाला से कम नहीं है। यहां हजारों महत्वपूर्ण पुस्तकें, ई-जर्नल्स, रिपोर्ट और चार लाख से अधिक शोध पत्र और दस्तावेंजों का संग्रह है। हाल ही यहां की दुर्लभ पुस्तकों का डिजिलाईजेशन भी किया जा रहा है, ताकि शोध के विद्यार्थी घर बैठे ऑनलाईन  इन दुर्लभ पुस्तकों का अध्ययन कर सकें।

स्नातकोत्तर स्तर पर भी इस विश्वविद्यालय मे कई विषय संकाय हैं-

भाषा संकाय :
अंग्रेजी, क्षेत्रीय अध्ययन, तुलनात्मक साहित्य, यूरोपीय भाषाएं, संस्कृति अध्ययन, दर्शन, उर्दू, संस्कृति, फारसी, हिन्दी और अनेकानेक भाषाएं शामिल हैं।

कॉमर्स :
फैकल्टी ऑफ कॉमर्स संकाय में लेखा और व्यावसायिक सांख्यिकी, आर्थिक प्रशासन और वित्तीय प्रबंधन के विभाग शामिल हैं।

शिक्षा संकाय :
शिक्षा संकाय में शिक्षा, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान, शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान, व्यस्क और सतत शिक्षा कार्यक्रम आदि शिक्षा संकाय से जुड़े हैं।

ललित कला :
ललित कला संकाय में नाटक विभाग, चित्रकला विभाग, शिल्प विभाग, ग्राफिक्स डिजाईन, इतिहास एवं शोध, प्रिंट मेंकिंग और संगीत संकाय शामिल हैं।

विधि संकाय :
विधि संकाय में कानून के संकाय शामिल हैं, विश्वविद्यालय परिसर में लॉ कॉलेज की शिक्षा भी प्राप्त की जा सकती है। इन विभागों में कानून, अपराध और न्याय संकाय शामिल हैं।

प्रबंधन संकाय :
प्रबंधन संकाय में छात्र मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इन संकाया में भी पोद्दार प्रबंधन संस्थान शामिल है।

विज्ञान संकाय :
विज्ञान संकाय से भी  कई विभाग संबंद्ध हैं, इनमें वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, भू विज्ञान, जीनोम विज्ञान, गृह विज्ञान, गणित, भौतिकी, मनोविज्ञान, सांख्यिकी, भूतल विज्ञान, जूलोजी और हीप्स के लिए इंदिरागांधी केंद्र विभाग शामिल हैं।

सामाजिक विज्ञान संकाय :
सामाजिक विज्ञानों में नागरिक शास्त्र, इतिहास, पुरातत्व, संचार और पत्रकारिता, जनसाख्यिकी, अर्थशास्त्र, शिक्षा अनुसंधान और विकास, भूगोल, भारतीय  संस्कृति, औद्योगिक संबंध, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान, राजनीति विज्ञान, लोक प्रशासन, समाज शास्त्र, जेंडर स्टडीज आदि शामिल हैं।

बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन संकाय :
बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के केंद्रों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, मानव संसाधन प्रबंधन, वाणिज्य बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और कार्यकारी एमबीए आदि में स्नातकोत्तर और प्रौद्योगिकी कवरिंग, नैनो प्रोद्योगिकी, अभिसरण विभाग, यांत्रिकी, तंत्रिका विज्ञान, जैव प्रोद्योगिकी, जैव सूचनाविज्ञान, जैव रसायन और आण्विकी जीव विज्ञान, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी प्रबंधन आदि में पीएचडी संकाय शामिल हैं।

राजस्थान विश्वविद्यालन ने समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निबाही है। विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक कार्यक्रमों से अपना विशेष योगदान साठ से ज्यादा वर्षों से दे रहा है। समय के साथ यह विश्वविद्यालय लगातार  अपने शिक्षा कार्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण सुधार कर रहा है।

राजस्थान हैरिटेज – डिजिटलाइजेशन ऑफ रेयर बुक्स

जयपुर। भारत सरकार के सूचना व तकनीकी विभाग और संवाद व तकनीकी मंत्रालय ने दुर्लभ दस्तावेजों की डिजिटल संरचना के लिए इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी है। जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में रखी दुर्लभ पुस्तकों का इस प्रोजेक्ट के तहत डिजिलाइजेशन आरंभ हो गया है। इन दिनों लाईब्रेरी में दशकों पुरानी किताबों का डिजिलाइजेशन किया जा रहा है। अब तक आबू कलेक्शन का डिजिलाइजेशन हो चुका है। प्रोजेक्ट का डिजिलाइजेशन केंद्र वनस्थली विद्यापीठ में बनाया गया है। डिजिलाइजेशन से पुस्तकें पढ़ने के इच्छुक छात्र घर बैठे कंप्यूटर पर क्लिक करके मनचाही पुस्तकें पढ़ सकते हैं। इस प्रक्रिया से छात्रों को विश्वविद्यालय गए बिना ही दुर्लभ पुस्तकों का अध्ययन ऑनलाईन करने की सुविधा मिल जाएगी। शोध के विद्यार्थियों को भी इससे लाभ मिलेगा।


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