अब बेफिक्र होकर किसी बाहरी बैंक खाते में पैसा जमा करवाइए या इंटरनेट और फोन बैंकिंग से फंड ट्रांसफर कीजिए। सभी बैंक जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक मनी ट्रांसफर पर लगने वाला शुल्क खत्म करने वाले हैं। रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद राज्य के एसबीबीजे व ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने इसकी शुरूआत कर दी है और दूसरे बैंक भी इसकी तैयारी में हैं।
पिछले कुछ वर्षो से अधिकांश बैंकों में इलेक्ट्रॉनिक मनी ट्रांसफर पर निर्धारित शुल्क वसूला जाता था। अघिकांश बैंकों में 10 हजार से लेकर पांच लाख रूपए तक भेजने पर 30-60 रूपए और पांच लाख से ज्यादा की रकम भेजने पर 60-100 रूपए लगते हैं। एसबीबीजे में 25 हजार रूपए तक जमा करने या ट्रांसफर करने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। 25 हजार से पांच लाख रूपए पर 25 रूपए और पांच लाख से ऊपर पर 50 रूपए शुल्क लिया जाता था। अब एक अगस्त से बैंक में किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा। देश में इलेक्ट्रॉनिक मनी ट्रांसफर के दो नेटवर्क हैं। एनईएफटी और आरटीजीएस। दोनों के लिए बैंकों में अलग-अलग शुल्क निर्धारित हैं। इससे उपभोक्ता भ्रमित होते हैं। कोई रकम कहीं भेजता है तो पाने वाले को कम पैसे मिलते हैं। बाद में पता चलता है कि शुल्क के रूप में वसूली हो गई है।
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