हालात खराब हो रहे हैं। सूखे की स्थिति बन रही है। सरकार की चिंताएं बढऩे लगी हैं। मॉनसून का पहला फेज सामान्य से भी कम बारिश करा कर गया। अब दूसरा फेज आ ही नहीं रहा। ऐसे में प्रदेश में सूखे की स्थिति दिख रही है। प्रधानमंत्री तक अपने बयान में सूखे से महंगाई बढऩे की आशंका जता चुके हैं।
केन्द्र ने राज्य सरकार से कंटीजेंसी प्लान मांगा है। राज्य में अभी तक महज 58 लाख हैक्टयेर एरिया में खरीफ की बुवाई हुई है। पश्चिमी राजस्थान के हालात तो और भी ज्यादा विकट हैं। बारिश न होने से बोई गई फसल भी चौपट होने का खतरा है।