शुक्रवार को जयपुर नगर निगम की साधारण बैठक में जमकर हंगामा और धक्कामुक्की हुई। बैठक शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गई। मेयर के निगम से नदारद रहने के मुद्दे पर भाजपा पार्षदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। निगम की इस 14वीं बोर्ड बैठक में सुरक्षाकर्मियों और पार्षदों में जमकर धक्का-मुक्की हुई। इस बीच मेयर को डायस तक पहुंचने के लिए सुरक्षा बलों का सहारा लेना पड़ा। मेयर और भाजपा पार्षदों के बीच जमकर छींटाकशी हुई। सुबह 11 बजे शुरू हुई साधारण सभा तीन बार स्थगित हुई। सदन की कार्यवाही केवल 20 मिनट ही चल पाई। काफी हो-हल्ले के बीच मेयर ने शोक प्रस्ताव पढ़े और इसके तुरंत बाद सदन आधा घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया। भाजपा पार्षदों का आरोप था कि मेयर पिछले दो-तीन महीने से निगम में नहीं आ रही हैं, तो अब बोर्ड बैठक लेने का भी कोई हक नहीं है। भाजपा पार्षदों ने जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान कांग्रेसी पार्षदों ने नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी को भी उनकी कुर्सी पर नहीं बैठने दिया। इसी दौरान कांग्रेसी पार्षद संजय वर्मा ने सीईओ लोकनाथ सोनी को भ्रष्ट अफसर कहा। जिसके बाद हंगामा और तेज हो गया। वर्मा ने दर्शक दीर्घा में चढ़कर कूदने का प्रयास किया। इस दौरान भाजपा और कांग्रेसी पार्षदों के बीच भी गर्मागर्मी हुई। गौरतलब है कि नगर निगम बोर्ड की अब तक हुई 13 बैठकें काफी हगांमेदार रही हैं। इन बैठकों में पार्षदों ने लात-घूंसे चलाने से लेकर कुर्सियां तक फेंकी हैं।