तकरीबन दो दशक से अटके पृथ्वीराज नगर के मामले को कैबीनेट की मंजूरी मिल गई। कभी कोर्ट की तारीख तो कभी सरकार की ढिलाई के कारण पृथ्वीराज नगर के नियमन का मामला अटकता चला आ रहा था। बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पृथ्वीराज नगर के नियमन का मसौदा घोषित किया। कैबिनेट बैठक में क्षेत्र के जल्दी से जल्दी विकास को प्राथमिकता दी गई। नियमन के लिए अलग अलग स्लैब बनाए गए हैं। भूखंडों के आकार के हिसाब से नियमन शुल्क रखा गया है।
रिहायशी और कॉमर्शियल की दरें अलग अलग रखी गई हैं। एक हजार वर्ग गज से अधिक साइज के भूखंड सरकार को सरेंडर करने होंगे, जिन्हें बाद में पच्चीस प्रतिशत के हिसाब से विकसित भूमि दी जाएगी। आवासीय श्रेणी में 100 वर्ग गज तक के भूखंडों के आबंटन के लिए 60 रुपए प्रति वर्ग गज शुल्क देना होगा। 101 से 300 वर्ग गज तक पर 100 रुपए प्रति वर्ग गज का चार्ज वसूला जाएगा। इसके अतिरिक्त सभी प्लाट पर 30 रुपए प्रति वर्ग गज प्रशासनिक शुल्क भी वसूला जाएगा, जो आगे चलकर इलाके के विकास में काम आएगा।
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