शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का बाकी यही निशां होगा। यह शेर कुछ गलत नही हैं। स्थानीय प्रशासन की लापरवाही तो यही गवाही देती है। करगिल में शहीद हुए अमित भारद्वाज को हमारी शहरी सरकार भुला चुकी है। यही कारण है कि जेएलएन मार्ग को मालवीय नगर से जोडऩे वाले मार्ग पर उनके नाम की लगी पट्टिका टूटे तीन माह हो गए, लेकिन प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली। बुधवार को जब भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूटा तो प्रशासन हरकत में आया और चौबीस घंटे में इसे दुरुस्त कराने की बात कही। शहीद के अपमान से गुस्साए भाजपा कार्यकर्ताओं ने करीब आधे घंटे तक जेएलएन मार्ग जाम कर दिया