Site icon

सोनिया नाराज, प्रदेश अध्‍यक्ष को खतरा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दौरे के बाद प्रदेश कांग्रेस में भारी उथल-पुथल की तैयारी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि संसद सत्र स्थगित होने के साथ ही प्रदेश में परिवर्तन की कवायद शुरू हो जाएगी। शुरूआत संगठन में परिवर्तन से होगी। इसके तहत प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान पर तालमेल नहीं बैठाए जाने को लेकर कार्रवाई की जा सकती है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश चुनाव के परिणाम आने के साथ ही प्रदेश में परिवर्तन की खबरों को पर लग गए थे। इस दौरान करीब तीन दर्जन से अघिक असंतुष्ट विधायक आलाकमान और प्रमुख केंद्रीय नेताओं को अपनी नाराजगी बता आए हैं। उन नेताओं को केंद्र से पुख्ता कार्रवाई किए जाने का आश्वासन भी मिला था। हाल ही में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाड़मेर के दौरे ने इन कवायदों को और हवा दे दी है। माना जा रहा है कि पहले गांधी सिर्फ  बाड़मेर के ही दौरे पर आ रही थी लेकिन अचानक उनका जयपुर के मदरामपुरा का दौरा किया जाना प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रमुख कांग्रेसी नेताओं के लिए चिंता का कारण बन गया था। इन मामलों ने बढ़ाई चर्चा प्रदेश में स्थाई राज्यपाल बनने और मार्गेट अल्वा जैसी वरिष्ठ नेता को इस पद पर बैठाए जाने के बाद से ही सत्ता-संगठन में परिवर्तन की बातों को पर लगे हैं। इसके बाद असंतुष्ट विधायकों की ओर से केंद्र में आलाकमान को अनदेखी करने की शिकायत ने इस बात को और हवा दी। प्रदेश में सूखा और फिर अतिवृष्टि के दौरान सरकार के रवैये और राज्यपाल के पीडितों से बस्ती में जाकर मिलने के बाद प्रदेश में सरगर्मियां बढ़ने लगीं।  इन तमाम कवायदों के बीच यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का प्रदेश में दौरा और विशेषकर मदरामपुरा की यात्रा किए जाने की सूचना ने इस बात को और पुख्ता कर दिया कि प्रदेश में सरकार और संगठन की ओर से किए जा रहे काम से केंद्रीय नेतृत्व संतुष्ट नहीं है। हाल ही केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी के पक्ष में चुनाव याचिका को लेकर आए फैसले का असर भी इस राजनीतिक उठा-पटक के बीच देखने को मिल सकता है।


Exit mobile version