जयपुर में रोप वे का सपना शायद सपना ही बन कर रह जाएगा। करीब 11 साल बाद शहर का पहला रोप-वे कुछ आगे बढ़ता दिखाई दे रहा था, लेकिन अब अनुबंघित कम्पनी इससे पीछा छुड़ाने की जुगत में है। कनक वृंदावन से जयगढ़-नाहरगढ़ के बीच करीब 1.5 किमी. लम्बाई में प्रस्तावित रोप-वे के लिए सुप्रीम कोर्ट की एम्पावर्ड कमेटी करीब दो माह पहले ही हरी झण्डी दे चुकी है। इसके बाद अनुबंघित कम्पनी को वन संरक्षण अघिनियम की धारा 2 के तहत प्रस्ताव तैयार कर औपचारिक अनुमति के लिए वन विभाग को भेजना था। जेडीए ने इस संबंध में कई बार कम्पनी प्रबन्धन से सम्पर्क साधा, लेकिन हर बार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। ऎसे में बाकी औपचारिकताएं भी अटकी पड़ी हैं। अब जेडीए ने कम्पनी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। संभव है कम्पनी की बैंक गारंटी भी जब्त कर ली जाए। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अन्तर्गत राष्ट्रीय वन्य जीव मण्डल की स्टेंडिंग कमेटी की सशर्त मंजूरी के बाद जेडीए ने करीब एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया था। बीओटी (बिल्ट-ऑपरेट-ट्रंासफर) आधार पर प्रस्तावित परियोजना की वर्तमान में अनुमानित लागत 17.50 करोड़ रूपए आंकी गई है।