जयपुर-स्थानीय बाजार ( Jaipur Shopping )

इस तथ्य से हर कोई वाकिफ है कि जानता है कि जयपुर का अपना एक शाही अंदाज है और वह किसी से छुपा नहीं है। जयपुर का शाही जीवन हर कहीं देखा जा सकता है। जयपुर की इसी राजसी संस्कृति को अपनी परंपराओं के माध्यम से यहां के स्थानीय लोग देश-दुनिया में पहुंचा रहे हैं। लेकिन राजस्थान की इन महान परंपराओं का अभिव्यक्त करने का तरीका क्या हो सकता है? ऐसा कौन सा रास्ता हो सकता है जिससे विजिटर्स को यह पता चले कि जयपुर में हैंडीक्राफ्ट, मॉडर्न आर्ट, कंटेम्प्रेरी आर्ट और राजस्थान के शाही स्वर्णकार समूची राजस्थानी संस्कृति की झलक दे सकें।
एक रास्ता तो यह हो सकता है कि उन्हें यहां के लोगों से जोड़ा जाए। किसी भी शहर के लोग ही वास्तविक गाईड होते हैं। उन्हीं से जानकारियां लेकर पर्यटक यहां की संस्कृति के बारे में रूबरू भी हो सकते हैं और यहां के बेहतरीन सांस्कृतिक उत्पादों को खरीद भी सकते हैं। एक तथ्य यह है कि जयपुर देश का वह बेहतरीन शहर है जो पर्यटकों को अपने यूनीक उत्पादों से बेहद आकर्षित करता है और उन्हें मजबूर करता है कि वह खास उत्पाद वे जयपुर में ही खरीदें।
आज दुनिया का ऐसा कौन सा शहर है जिसमें शॉपिंग मॉल नहीं और जहां सभी तरह के उत्पाद एक छत के नीचे मिलते हों। लेकिन फिर ऐसा क्या है जो जयपुर आकर ही खरीददारी करने से पूरा होता है। इसका एक निश्चित सा जवाब हो सकता है कि जयपुर के यूनीक प्रोडेक्ट्स सिर्फ और सिर्फ यहां के लोकल मार्केट में ही मिल सकते हैं और यहां इन बाजारों में चहल-कदमी करते हुए न सिर्फ जयपुर की परंपराओं और संस्कृति को समझा जा सकता है बल्कि खरीददारी का वास्तविक आनंद भी लिया जा सकता है।
जयपुर के स्थानीय बाजारों में जौहरी बाजार, बापू बाजार, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, इंदिरा बाजार, त्रिपोलिया बाजार, चौड़ा रास्ता, हवामहल बाजार, रामगंज बाजार, गणगौरी बाजार, किशनपोल बाजार और चांदपोल बाजार शामिल हैं। यदि आपको जयपुर की राजसी साड़ी या फिर शादी के लिए भारी वर्क से सजा बेस, लहंगा या फिर राजपूती ड्रेस चाहिए तो आप जौहरी बाजार, बापू बाजार या चौड़ा रास्ता से खरीददारी कर सकते हैं। कुदन और जरी का काम इन साडियों की विशेषता है।
जयपुर में हस्तशिल्प उत्पाद भी खरीदारी का मुख्याकर्षण होते हैं। सदियों से यहां के कारीगर हस्तकला के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। हस्तशिल्प चाहे पत्थर पर किया जाए या फिर लकड़ी पर जयपुर के हस्तशिल्प उत्पादों का कोई मुकाबला नहीं। जयपुर के कारीगर इसमें निपुण और सिद्धहस्त हैं। अच्छी बात यह है कि यह शिल्प आपको अन्य शहरो की तुलना में सस्ता और उम्दा किस्म का मिल जाता है। बेडशीट्स से लेकर बैंगल बॉक्स, बैग, लकड़ी के शो केस, सिंदूर-बॉक्स, मोजडियां, कठपुतलियां आदि सैंकड़ों उत्पाद हैं जो यहां मिल जाते हैं। जयपुर को यदि हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों का मॉल कहा जाए तो कम नहीं है। ये उत्पाद जयपुर के सभी प्रमुख मॉल्स, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़ जौहरी बाजार, गणगौरी बाजार, सिरहड्योढ़ी बाजार और कई आर्ट गैलरीज में मिल जाते हैं।
खरीददारी में सबसे प्रमुख उत्पाद आभूषण हैं। दुनियाभर के आभूषण प्रेमी जयपुरी डिजाइन और आभूषण शिल्प से बड़ा प्रेम करते हैं। जयपुर दुनिया की बेहतरीन आभूषण मंडी है। यहां के डिजाइन कई मायनों में मॉडर्न भी हैं और पारंपरिक भी। यहां के राजस्थानी शैली के आभूषण बहुत पसंद किये जाते हैं। यहां महंगे और सस्ते दोनो तरह के आभूषणों की बहुत सी दुकानें और शोरूम हैं। जयपुर की कुंदनकारी और मीनाकारी विश्वप्रसिद्ध है। राजस्थान में शरीर पर बहुत सारे गहने पहनने की परंपरा ही यहां की शाही संस्कृति का प्रतीक है जो देश विदेश से पर्यटकों और खरीददारों को यहां खींच लाता है। जयपुर में जौहरी बाजार, त्रिपोलिया और एमआई रोड खास तौर से आभूषणों की खरीददारी के लिए मशहूर हैं। जयपुर में कई नामी शोरूम भी हैं जो आभूषणों के विक्रय के लिए देशभर में मशहूर हैं।
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