साइकिल पोलो फैडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा 25 से 29 नवम्बर तक होगी आयोजित, पांच टीमों में शामिल होंगे 40 भारतीय एवं 10 विदेशी खिलाड़ी
इस अवसर पर सीपीएफआई के वाईस प्रेसीडेंट ग्रुप कैप्टन दीपक अहलूवालिया, साइकिल पोलो फेडरेशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल गजानंद बर्डे और साइकिल पोलो लीग के एडीशनल डायरेक्टर मनोज भारद्वाज भी उपस्थित थे। ग्रुप कैप्टन अहलूवालिया ने बताया कि साइकिल पोलो टीम का चयन लॉटरी सिस्टम के आधार पर किया जाएगा। साइकिल पोलो लीग की विजेता टीम को दो लाख रूपए और रनर-अप टीम को एक लाख रूपए का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार प्लेयर ऑफ द लीग, गोल्डन मैलेट व गोल्डन साइकिल ऑफ द लीग को 25-25 हजार रूपए के पुरस्कार दिए जाएंगे। इस लीग के दौरान सीपीएफआई की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों व उत्कृष्ट खिलाड़ियों का सम्मान भी किया जाएगा। भारतीय वायु सेना, सेना और इसके सदस्य राज्य संघों के साथ मिलकर इस लीग की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
भारत में होर्स पोलो के एक ऑफशूट के रूप में भारत में साइकिल पोलो की शुरूआत हुई थी। गर्मी के महीनों में जयपुर, जोधपुर, बारिया, कपूरथला, कूच बिहार व पटियाला के शाही परिवारों के साथ-साथ डिफेंस पोलो प्लेयर्स द्वारा स्वयं को फिट और चुस्त-दुरूस्त रखने के लिए इस खेल का अभ्यास किया जाता था। 1966 में तत्कालीन उप रक्षा मंत्री एम.आर. कृष्णा द्वारा सीपीएफआई की स्थापना और पंजीकरण किया गया। गत कुछ वर्षों में इस खेल को देशभर में विशेष रूप से भारतीय वायु सेना, सेना और टेरिटोरीअल आर्मी में लोकप्रियता हासिल हुई।
उल्लेखनीय है कि सीपीएफआई की ओर से वर्ष भर में पुरूष एवं महिला श्रेणियों में तीन वर्गों – (सब जूनियर, जूनियर और सीनियर) में 6 नेशनल साइकिल पोलो चैम्पियनशिप का आयोजन किया जाता है। इसके द्वारा दो फैडरेशन कप भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें देश की सर्वश्रेष्ठ 8 टीमें हिस्सा लेती हैं। भारत आगामी 10 से 14 दिसम्बर, 2019 तक अर्जेंटीना में होने वाली वर्ल्ड साइकिल पोलो चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए भी तैयार है।