जयपुर के प्रसिद्ध लोग (Famous People)
जयपुर की मिट्टी में कला और हवा में संगीत बहता है। इस भूमि की यही विशेषता है कि यहां की संस्कृति में पले-बढ़े लोगों ने सारी दुनिया में अपना और अपने शहर का नाम रोशन किया है। कुछ हस्तियां तो ऐसी हैं जो अपने आप में समूचा संसार और संस्कृति रखती हैं, महारानी गायत्री देवी ऐसे लोगों में शुमार थीं। आईये, जयपुर के 10 प्रसिद्ध लोगों के बारे में जानें-
जयपुर के 10 प्रसिद्ध लोग
राजीव खण्डेलवाल : बॉलीवुड फिल्म आमिर और टीवी शो सच का सामना से देशभर के चहेते बने अभिनेता जयपुर से हैं। राजीव जयपुर की सबसे बड़ी कॉलोनी मानसरोवर के निवासी हैं। स्वभाव में सादगी और काम के प्रति समर्पण उनकी सफलता की विशेषता है। राजीव के अनुसार उन्हें यहां तक पहुंचने में राजस्थान की उच्च संस्कृति का योगदान है जो उनके भीतर हमेशा जीवित रहती है।
जूही परमार : बहुमुखी प्रतिभा की धनी जूही परमार कार्यक्रम प्रस्तोता के रूप देशभर में अपना नाम रखती हैं। काफी समय से वे टीवी और सिनेमा की सिल्वर स्क्रीन पर अपने अभिनय का जलवा बिखेर रही हैं। टीवी कार्यक्रम बिग बॉस से उन्हें नई पहचान मिली। अभिनय के अलावा वे गायन और नृत्य में भी सक्रिय रही हैं। जयपुर में जन्मी जूही अपने नर्म दिल और स्वच्छ छवि के कारण लोकप्रिय हैं।
वसुंधरा राजे सिंधिया : राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री के तौर पर बीजेपी की सशक्त महिला सदस्य वसुंधरा राजे सिंधिया ने 2008 तक राजस्थान की बागडोर संभाली और राज्य को नई ऊंचाईयां प्रदान कीं। निम्न और मध्यम वर्ग के लिए वसुंधरा सरकार ने कई कार्यक्रम आरंभ किए वहीं महिला सशक्तिकरण के लिए भी अभिनव और सराहनीय प्रयास किए गए। उनकी प्रबुद्ध कार्यशैली और ठोस निर्णय क्षमता के कारण वे केन्द्र तक अपना प्रभाव रखती हैं।
राज्य वर्धन सिंह राठौड़ : एक निशानेबाज खिलाड़ी के तौर पर राज्यवर्धन राजस्थान का गौरव हैं। वर्ष 2004 के ओलंपिक खेलों में उन्होंने पुरूषों की डबल ट्रैप निशानेबाजी में रजत पदक जीतकर देश, राज्य और जयपुर का नाम रोशन किया। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने काम के प्रति अपने समर्पण और कड़ी मेहनत से युवाओं में नई आशाओं का संचार किया है। राज्यवर्धन ने अपने नाम के अनुरूप ही अपने राज्य का वर्धन किया है।
इरफान खान : इरफान खान जयपुर की वह प्रतिभा हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत के बल पर अंतर्राष्ट्रीय पहचान बना ली है। थिएटर से अभिनय आरंभ करने के बाद इरफान ने लगातार कड़ा संघर्ष किया। टीवी में भी उन्होंने लम्बे अरसे तक पहचान कायम करने के लिए कड़ा परिश्रम किया। अपने संघर्ष और प्रतिभा के कारण उन्हें बॉलीवुड में प्रवेश मिला और वे छा गए। देश ही नहीं विदेशों में भी उनके अभिनय के जलवे सराहे गए। आज वे सफल बॉलीवुड सितारा ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय फिल्मकारों के भी पसंदीदा कलाकार बन चुके हैं। हाल ही उन्होंने बैटमैन सिरीज की फिल्म में काम करके अपनी अंतर्राष्ट्रीय छवि का लोहा मनवाया।
इला अरूण : अपनी अनोखी और कर्कश आवाज में गायन के कारण, दैदिप्यमान अंदाज और जोशीले स्वभाव के कारण इला ने वैश्विक स्तर ख्याति प्राप्त की है। गायन के अलावा वे हिन्दी फिल्मों में अभिनेत्री के तौर पर भी अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ चुकी हैं। कई संवेदनशील फिल्मों में उनके अभिनय की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई है। राजस्थानी लोग गायन को उन्होंने इस कदर देशभर में फैलाया है कि उन्हीं की आवाज को राजस्थानी गायन का प्रमुख स्वर मान लिया गया है। राजस्थानी लोक गायन और गायकों को उन्होंने सफलता के नए मार्ग बताए हैं और प्रेरणा दी है।
राजमाता गायत्री देवी : जयपुर शहर के कछवाहा वंश के राजाओं की प्रिय सदस्य और विश्वभर में अपने सौन्दर्य और प्रेम से अप्रतिम छवि निर्मित करने वाली ख्यातनाम हस्ती राजमाता गायत्री देवी 2010 में दिव्य ज्योति में विलीन हो गई। वर्ष 1939 से 1970 तक वे जयपुर की महारानी के रूप में दुनियाभर की स्नेहिल व्यक्तित्व रही, उसके बाद उन्हें राजमाता का दर्जा मिला। वर्ष 2010 तक उन्होंने लगातार सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहकर महिला शिक्षा और महिला उत्थान के कार्यक्रमों का संचालन किया। अपने शिखर सौन्दर्य के दिनों में उन्हें विश्व की सबसे खूबसूरत दस महिलाओं में प्राथमिक स्थान प्राप्त था। दुनियाभर की महिलाओं ने उन्हें फैशन आईकन के रूप में स्वीकार किया।
प्रतिभादेवी सिंह पाटील : प्रतिभा पाटील ने देश की प्रथम महिला राष्ट्राध्यक्ष होकर राजस्थान का गौरव बढ़ाया। देश के 12 वें राष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने अनेक सकारात्मक कदम उठाए। शिक्षा और महिला उत्थान उनके प्रमुख सामाजिक दायित्वों में शुमार थे। वे निजी तौर पर लोगों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना करती थी और हरसंभव सहायता करती थी। इससे पूर्व वे राजस्थान की राज्यपाल भी रही। स्वच्छ छवि, निर्मल स्वभाव और सशक्त व्यक्तित्व उनकी विशिष्टता थी। उनका विवाह राजस्थान के देवीसिंह शेखावत के साथ हुआ था। वे राजस्थान की बहू और महराष्ट्र की बेटी हैं।
पंडित विश्वमोहन भट्ट :
शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में जयपुर का नाम दुनिया के कोने कोने में फैला रहे पंडित विश्वमोहन भट्ट जयपुर के रत्न कहे जाते हैं। वीणा वादन से शास्त्रीय संगीत को पसंद करने वाले लोगों में उतरने की क्षमता रखने वाले पंडित विश्वमोहन ने मोहनवीणा का आविष्कार किया। संगीत के क्षेत्र में प्रयोगधर्मिता अपना कर उन्होंने न केवल संगीत को नए आयाम दिए हैं बल्कि जयपुर की प्रतिभा का लोहा भी मनवाया है।
के सी बोकाडिया : जयपुर की सरजमीं पर जन्मे निर्देशक के सी बोकाडिया की कर्मभूमि मुम्बई रही। 1980 के दौर में उन्होंने निर्देशन में पर्दापण किया और फिल्मों के प्रति जीवन समर्पित कर दिया। अपने शिखर दौर में बोकाडिया ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ कई सफल फिल्में दी। इनमें ’प्यार झुकता नहीं’, ’मेरे सजना साथ निभान’ और ’जनता की अदालत’ जैसी कई हिट फिल्मों से उन्होने अपनी बड़ी पहचान बनाई।
ये सभी व्यक्तित्व रत्नों के शहर जयपुर के अनमोल रतन हैं। जब भी जयपुर के गौरवमयी इतिहास पर लेख लिखे जाएंगे तो इन लोगों का जिक्र जरूर किया जाएगा। जयपुर को नए स्तर पर ले जाने में इन सभी ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं, जयपुर इनका सम्मान करता है-
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