दीवान-ए-खास
मिर्जा राजा जयसिंह का आमेर की रियासत पर शासन 1621 से 1667 तक रहा। इस दौरान महाराजा ने आमेर महल के खूबसूरत हिस्सों का निर्माण कराया जिनमें दीवान-ए-खास एक था।
आमेर महल में जलेब चौक से सीढि़यां चढ़कर दूसरे प्रस्तर पर पहुंचा जाता है जहां खुले चौक में दीवान-ए-आम स्थित है। यह वह जगह है जहां राजा महाराजा आम जनता से मिलते और उनसे बातचीत किया करते थे। इस चौक के दक्षिण में एक भव्य त्रिपोल है जिसे गणेश पोल कहा जाता है। गणेशपोल से होकर महल के भीतरी भाग में पहुंचा जा सकता है जहां दीवान-ए-खास स्थित है। दीवान-ए-खास का निर्माण राजा जयसिंह प्रथम ने कराया था इसलिए इसे जय मंदिर भी कहा
Video: दीवान-ए-खास
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जाता है। सन 1592 में निर्मित यह खूबसूरत हॉल दीवान-ए-खास राजाओं की वह प्राईवेट जगह होती थी जहां वह अपने मंत्रियों अमात्यों और गुप्तचरों और विशिष्ट लोगों के साथ खास मंत्रणा किया करते थे। खास जगह होने के साथ साथ इस स्थल की खूबसूरती भी खास है। यह प्राइवेट जगह मंत्रियों और गुप्तचरों से मंत्रणा के अलावा महल में आने वाले खास मेहमानाओं और राजपरिवार के सदस्यों से बातचीत करने के लिए आरक्षित होती थी। गणेशपोल से प्रवेश करने पर दो इमारतें आमने सामने हैं। इन दोनो इमारतों के बीच खूबसूरत मुगल शैली का गार्डन है। गणेश पोल से प्रवेश करने पर बायें हाथ की ओर स्थित खूबसूरत इमारत ही जय मंदिर है। जय मंदिर में दीवारों और छतों पर शीशे का बहुत ही बारीक और खूबसूरत काम किया गया है। यह धातु पर की जाने वाली मीनाकरी की तरह सूक्ष्म और लाजवाब है।
आशीष मिश्रा
पिंकसिटी डॉट कॉम
For English: Diwan-I-Khas Amber
Diwan-I-Khas Amber Gallery
Diwan-I-Khas Amber in Jaipur, Rajasthan