कोरोना संकट की घड़ी में दुग्ध उत्पादक और डेयरीकर्मी हर चुनौती के लिये तैयार – पूनियां
1 करोड़ 11 लाख रूपयें मुख्यमंत्री सहायता कोष में दुग्ध उत्पादक देगें मदद
जयपुर, 29 मार्च 2020। जयपुर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाष पूनियां ने एक लाख दुग्ध उत्पादक परिवारो की तरफ से मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1 करोड़ 11 लाख रूपयें की मदद की घोषणा की, उन्होने बताया कि संकट की इस घड़ी में पूरा डेयरी परिवार सरकार के साथ खड़ा हैं।
पूनियां ने आगे बताया कि जब कोरोना संक्रमण के इस दौर में एक और जहां डाॅक्टर, नर्स, पुलिस और मीडियाकर्मी आम लोगो को कोरोना के संक्रमण के बचाने के लिये अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। वहीं दूसरी और छोटे-छोटे गांव और ढाणियों के एक लाख से अधिक दुग्ध उत्पादक दूध इकट्ठा कर उसे प्रोसेसे करने, पैक करने और उपभोक्ताओं तक पहुचाने में डेयरीकर्मियों की भी महत्ती भूमिका है।
कोरोना वायरस के डर से लोग जहां अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, वहीं जयपुर डेयरी के कर्मचारी पांच हजार से अधिक डेयरी बूथों और शाॅप एजेन्सियों के माध्यम से अकेले जयपुर शहर में रोजाना आठ लाख लीटर दूध की सप्लाई कर रहे हैं। इस सप्लाई को मैन्टेन करने के लिये जयपुर डेयरी परिसर में सैकड़ों कर्मचारी दिन रात काम कर रहें है। हालात यह है कि डेयरी प्रबन्धन इन कर्मचारियों को दिन रात काम करने के लिये पैकेट में भोजन ही मुहैय्या करा रहा है। जयपुर डेयरी से जुड़ी 2500 से अधिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के एक लाख दस हजार से ज्यादा दुग्ध उत्पादक औसतन दस लाख लीटर दूध रोजाना जयपुर डेयरी को उपलब्ध करा रहे है।
सामान्य दिनो की अपेक्षा इन दिनों शहर व गांवों मे कफ्र्यू जैसे हालत के चलते गांवो से दूध इकट्ठा करना, उसे पीने के लिये सुरक्षित रखना, ठण्डा करना, प्रोसेस करना, पैक करना और फिर उपभोक्ताओं तक पहुचाना अपने आप में एक कड़ी चुनौती है, जिसे जयपुर डेयरी बखूबी निभा रही हैं। दुग्ध उत्पादको, दूध की हैण्डलिगं में लगे कर्मचारियों, डेयरी प्लान्ट और लेबोरेट्री में काम कर रहे तकनीकी अधिकारियों और पैकिंग से लेकर दुग्ध वितरण तक सभी गतिविधियों में लगे कार्मिको को कोरोना वायरस से बचाव के लिये सभी प्रयास किये जा रहे है।
गांव और ढाणियों में प्राथमिक स्तर पर गठित दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में सोषल डिस्टेन्सिंग के नियम का कढ़ाई से पालन कर दूध इकट्ठा किया जा रहा है। दुग्घ उत्पादको के हाथ बार-बार साबुन से धुलवाने के अलावा इन्हें उपयोग के लिये मास्क भी उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। दुग्ध समिति पर दूध की जांच के सभी उपकरणों को सेनेटाईज करने के बाद ही दूध की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। दुग्ध के परिवहन में लगे सभी वाहनो को नियमित रूप से सेनेटाईज किया जा रहा हैं। समितियों से दूध की गुणवत्ता की अच्छी तरह से जांच के बाद उसे जयपुर डेयरी प्लान्ट में लाया जाता है।
दस लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता के अत्याधुनिक जयपुर डेयरी प्लान्ट और सम्पूर्ण परिसर को नियमित रूप से सेनेटाईज किया जा रहा है। प्लान्ट में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को थोडे़-थोडे़ अन्तराल के बाद साबुन से हाथ धोने, सेनेटाईज करने, मास्क के अनिवार्य उपयोग के निर्देष दिये गये हैं। दूध की प्रोसेसिंग और पैकिंग में काम आने वाले सभी मैटेरियल और वाहनो को सेनेटाईज किया जा रहा है। वितरण व्यवस्था में शामिल सभी स्टाॅफ को आवष्यक रूप से मास्क पहनने और सेनेटाईज करने के निर्देष दिये गये है।
देशव्यापी लोकडाउन के चलते दुग्ध उत्पादको को समय पर भुगतान, पशु आहार की उपलब्धता सुनिष्चित करना, कर्मचारियों की उपलब्धता, समय पर दूध की सप्लाई, गुणवत्ता बनाये रखना, सोषल डिस्टेन्सिगं मैनटेन कर काम करने वाले कर्मचारियो को कोरोना के प्रभाव से बचाये रखने जैसी अनेक चुनौतियां है, जिनका सामना कर जयपुर डेयरी आपदा की इस विषम परिस्थिति में भी दूध की सप्लाई नियमित रूप से कर रही है। पूनियां ने राज्य प्रषासन विषेषकर राज्य पुलिस का भी आभार प्रकट किया कि उनके द्वारा डेयरी कर्मियो को निर्वाध रूप से ड्यूटी आने पर, दुग्ध परिवहनकर्ताओं के सप्लाई में लगे वाहनो को जिस तरह से सहयोग दिया जा रहा है, वह काबिले तारीफ है। इनके सहयोग से ही डेयरी आम उपभोक्ताओं तक निर्वाध तरह से दूध पहुँचा पा रही है।
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