सेराग्लास इंडिया – 2012 ( Ceraglass India -2012 )
- 15 दिसम्बर से आरंभ
- ‘सेराग्लास इंडिया’ सिरेमिक और ग्लास इण्डस्ट्री को करेगा प्रोत्साहित
- गिलोट में सिरमिक हब निवेश को करेगा आकर्षित
सेरा ग्लास इंडिया 2012 का द्वित्तीय संस्करण का आयोजन जयपुर के सीतापुरा स्थित निर्यात संवर्धन पॉर्क (ईपीआईपी) में 15-18 दिसम्बर को हो रहा है। इस अंतराष्ट्रीय बीटूबी (बिजनेस टू बिजनेस) ट्रेट फेयर एवं सेमीनार का आयोजन संयुक्त रुप से राजस्थान स्टेट डवलपमेंट एंड इंवेस्टमेंट कॉपोरेशन लिमिटेड (रीको), कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) एवं इंडियन सिरेमिक सोयायटी (आईसीएस) की ओर से संयुक्त रुप से किया जा रहा है। इसका सहभागीदार वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार है।
प्रमुख सचिव उद्योग और अयक्ष, रीको एवं चैयरमेन सेराग्लास इंडिया 2012, सुनील अरोड़ा ने कहा कि सेरा ग्लास 2012 भारत में मौजूद सिरेमिक एवं ग्लास के कच्चे माल, तैयार माल, मशीनरी और प्रौद्योगिकी का एक छत के नीचे प्रदर्शित करने वाला बीटूबी शो है। इस शो के विशेष फीचर्स इसमें होने वाले अंतराष्ट्रीय सम्मेलन एवं बॉयर सेलर मीट होंगे। उन्होंने आगे कहा की यह चार दिवसीय एक्सपो बडे निर्माताओं एवं खरीददारों को एक जगह मौजूद होने का गवाह बनेगा। साथ ही सिरेमिक एवं ग्लास सेक्टर में आधुनिकतम तकनीकों और रुझान को दर्शायेगा। कच्चे माल एवं भूमि की प्रचुर उपलब्धता एवं संभावित गैस पाइपलाइन राजस्थान को सिरेमिक एवं ग्लास सेक्टर में पहले पायदान पर पहुंचा सकती है।
रीको के प्रबंध निदेशक, नवीन महाजन ने कहा कि शो के दौरान सिरेमिक और ग्लास इण्डस्ट्री की नवीनतम तकनीक, चुनौतियों और उनके समाधान पर आधारित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होंगे। इन सम्मेलनों में विभिन्न विषयों जैसे सिरेमिक और ग्लास इण्डस्ट्री: राजस्थान में उन्नति और प्रारूप, सिरेमिक टाइल्स: सतत विकास में भूमिका, सिरेमिक फाइबर लाइनिंग फॉर सेविंग इन फर्नेस (Ceramic Fibre Lining for Energy Saving in Furnaces), ग्रीन बिल्डिंग के लिए स्ट्रक्चर ग्लेजिंग (Structure Glazing for Green Buildings) – फ्लैट ग्लास में विकास (Recent Developments in Flat Glass), बेनिफिसिएटेड क्लेज (Beneficiated Clays) और मूल्य वर्धित उत्पाद, जयपुर ब्लू पोट्री – राजस्थान का सदाबहार सिरेमिक उत्पाद, राजस्थान – सिरेमिक खनिजों का अद्भूत खजाना जैसे अन्य कई विषयश्शामिल है। महाजन ने विशेष रुप से उल्लिखित करते हुए कहा कि हमारा मकसद राजस्थान को संगठित सिरेमिक हब बनाना है। यह इस लिए भी संभव है क्योकि करीब 80 फीसदी कच्चा मॉल सिरेमिक उद्योग के लिए राजस्थान मे उपलब्ध है।
नीमराना के पास गिलोट में रीको द्वारा 750 एकड़ में विकसित एक्सक्लूसिव सिरेमिक हब कच्चे माल के आधार, बाजार, आने वाली गैस पाइपलाइन और मानव श्रम की प्रचुरता के साथ भारी निवेश को आकर्षित कर रहा है। हमें इस दिशा में निवेश आर्कषित करने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है, उन्होंने आगे कहा। साथ ही रीको की योजना 15 करोड़ रुपये की राशि बेरोजगार लोगों में स्कील डवलपमेंट के लिए खर्च करेगा। इससे विभिन्न सेक्टर जिसमें सिरेमिक, टेक्सटाइल एवं ऑटोमोटीव शामिल हैं। इससे लोगों को रोजगार तो उपलब्ध होगा ही साथ प्रदेश के उद्योगों को आवश्यकता के अनुसार कुशल मानव श्रम भी उपलब्ध होगा।
सेराग्लास इंडिया 2012 के को-चैयरमेन और सोमानी सिरेमक्स लिमिटेड के सीएमडी, श्रीकांत सोमानी ने बताया कि यह शो सिरेमिक और ग्लास इण्डस्ट्री में क्षेत्र के प्रमोशन के लिए बिल्डरों, निर्माताओं, वास्तुकारों, इंटीरियर डिजानरों, परामर्शदाताओं, निवेशकों, आयातकों, निर्यातकों, व्यापारियों, अन्तर्राष्ट्रीय बिजनेस प्रतिनिधिगणों और अन्य बड़े हितधारकों को एक मंच पर लाएगा।
सिरेमिक एवं ग्लास सेक्टर विशाल संभावनाओं से युक्त है। सिरेमिक एवं ग्लास उत्पादों का उपयोग प्रति व्यक्ति उपयोग 12 किलोग्राम है।, जबकि यह पश्चिम में प्रति व्यक्ति 10 केलोग्राम है, वहीं यूएसए में 35 से 40 किलोग्राम है। भारत में सिरेमिक टाइल्स का प्रति व्यक्ति उपयोग 04 वर्गमीटर है। आंकड़ो के अनुसार चीन एवं ब्राजील के बाद भारत विष्व में सिरेमिक टाइल्स निर्माण में तीसरे स्थान पर है। भारत की 120 करोड़ जनसंख्या साथ यह सेक्टर बड़ी संभावनाओं वाला क्षेत्र हैं।
सिरेमिक, ग्लास एवं संबंधित उत्पादों पर बॉयर्स-सेलर्स मीट का आयोजन अग्रणी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, कपेक्सिल (CAPEXIL) द्वारा किया जाएगा। यह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा स्थापित प्रमुख निर्यात संर्वान परिषद है। लगभग 25 देशों से बॉयर्स की इसमें शामिल होने की आशा है, जिसमें बांग्लादेश, ब्राजिल, क्रोशिया, मिस्र, इथोपिया, जर्मनी, हंगरी, इराक, लताविया, नाम्बिया, नाइजिरिया, श्रीलंका, तंजानिया और युगाडा सहित अन्य देश है।
सीआईआई, के क्षेत्रीय निदेशक पिकेन्दर पाल सिंह ने कहा कि ‘सेराग्लास इंडिया’ इस क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों, उत्पादों और सेवाओं के बारे में सीखने और उन्हें प्रदर्शित करने के लिए हितधारकों को एक शानदार अवसर प्रदान करेगा। इस शो ने दुनिया भर के एक्जीबिटर्स को इसमें भाग लेने के लिए आकर्शित किया है जिनमें इटली, चीन, फ्रांस, जर्मनी और कोरिया के एक्जीबिटर शामिल होने के साथ-साथ भारतीय राज्य राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश और नई दिल्ली के एक्जीबिटर भी सम्मिलित है।
इस शो का विशेष आकर्षण ’सेरा हॉट’ होगा। यह एक ऐसा स्थान होगा जहां सेरा उत्पाद निर्माण करने वाले कारीगरों से सम्पर्क किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त इसमें हस्त निर्मित परम्परागत सिरेमिक उत्पाद, पॉटरी एवं ग्लास क्लस्टर जिसमें ग्लास वर्क, बैंगल्स एवं ब्लू पॉटरी का प्रोत्सहन एवं प्रदर्शन किया जाएगा। इस शो में कारीगर अपनी रूचिकर प्रक्रिया के बारे में चर्चा कर सकेंगे।
मेले में भाग लेने वाले ब्रांडों में से मुख्य रुप से कजारिया सिरामिक्स, सोमानी सिरामिक्स, एच एंड आर जॉनसन, मोडेना, साक्मी, गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, हिन्दवेयर, भारत पोट्ररिज, डाटा सिरेमिक, श्री सीमेंट, वंडर सीमेंट, फोशेना ओसिबो, शुंग इन डेकोमो, इमेरिश, विस्त्रा, आईरिच, फोशन, मॉडर्न इंसूलेटर्स, गोलछा माइक्रोम, सेंट गोबेन, लोयड इंसुलेशन, वाम इंडिया, रूडा, आरएसएमएम एवं यूनीफ्रैक्स शामिल है।
राजस्थान में निर्माण क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, इसकी मुख्य वजह दिल्ली-मुंबई इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए दिए गए वित्तीय प्रोत्साहन है। आय के स्तर और आवास के लिए वित्तपोषण विकल्पों की उपलबता ने आवास निर्माण में तेजी से विकास किया है। प्रदेश में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय ऑटोमेकर्स की बढ़ती संख्या मोटर वाहन क्षेत्र में संभावनाओं की ओर संकेत कर रही है। यह सभी कारक ग्लास एवं सिरेमिक उद्योग में मयम एवं लंबी अवधि में सकारात्मक संभावना को प्रदर्शित कर रहे हैं। सिरेमिक एवं ग्लास सेक्टर में बढ़ रहे निर्यात भारतीय उद्यमियों की क्षमता में सुधार को परिलक्षित कर रहा है। उद्योग की मौजूदा संभावनाएं संभावित और वर्तमान निवेशकों के लिए बेहतर अवसर उपलब करवा रही है। राजस्थान में कच्चे माल की प्रचुर उपलबता, भूमि एवं संभावित गैस की उपलबता होने के साथ सिरेमिक एवं ग्लास सेक्टर में अग्रणीय होने की संभावना है।
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