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’विरासत बचाओ अभियान’

‘विरासत बचाओ अभियान' ( Mission Save Heritage)

यूनेस्को ने राजस्थान के छह किलों को विश्व विरासत घोषित किया है। जयपुर का जंतर मंतर और भरतपुर का घना पक्षी विहार पहले ही विश्व विरासत सूची में शामिल हो चुके हैं। राजस्थान अब अचनाक विश्व विरासतों की समृद्ध स्थली नजर आने लगा है। सरकार, प्रशासन और लोगों में उत्साह की लहर है। राजस्थान की नई विश्व विरासतों के इतर इस मरूधरा के गांव-गांव ढाणी-ढाणी में ऐतिहासिक और पुरामहत्व की विरासतें बिखरी पड़ी हैं। वक्त के थपेड़ों से वे लगातार जर्जर हो रही हैं, खंडहर बन रही, धूल-धूसरित हो रही हैं, लेकिन उनकी सुध किसी को नहीं है। यूनेस्को, सरकार, प्रशासन, पुरातत्व विभाग, वन विभाग, विरासत संरक्षण संस्थान, देवस्थान विभाग, एनजीओ आदि किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं है। आप सरकार का ध्यान उन विरासतों की ओर खींच सकते हैं जो किसी के स्वामित्व में नहीं हैं और लगातार जीर्ण-शीर्ण हो रही हैं। आप उन्हें बचाने के लिए पिंकसिटी डॉट कॉम की मुहिम ’विरासत बचाओ’ का हिस्सा बनकर अपनी बात सरकार और प्रशासन के समक्ष रख सकते हैं।

‘विरासत बचाओ अभियान'

21 जून 2013 को यूनेस्को ने राजस्थान के छह पहाड़ी दुर्गों को विश्व विरासत घोषित किया है। इससे दुनियाभर का ध्यान राजस्थान की विरासतों की ओर केंद्रित हुआ है। राजस्थान एक ऐसा राज्य है जिसके गांव गांव में विरासतें हैं। अगर आपको लगता है कि आपकी ढाणी, गांव, कस्बे, तहसील, शहर, जिले में या फिर आपकी जानकारी में राजस्थान में कहीं भी कोई ऐसी पुरामहत्व की विरासत है जो जीण-शीर्ण हो रही है और सरकार उसके संरक्षण के उपाय नहीं कर रही है तो आप उस विरासत को बचाने के अभियान में जुट सकते हैं। पिंकसिटी डॉट कॉम की पहल पर राज्य में ’विरासत बचाओ अभियान’ की शुरूआत की गई है। इस अभियान में आप अपने आस-पास की जीर्ण-शीर्ण विरासत के बारे में जानकारी हमें भेजिए, आप इन विरासतों की फोटो, इतिहास, विशेषता, वर्तमान दशा, प्रमुख समस्या और समाधान के सुझाव लिखकर हमें पत्र या ई-मेल प्रेषित कर सकते हैं।

पिकसिटी डॉट कॉम को दें सूचना

हम आपके द्वारा भेजी गई सूचना/खबर/लेख को विरासत के फोटो और आपके नाम के साथ पिंकसिटी डॉट कॉम में प्रकाशित करेंगे और सरकार व प्रशासन का ध्यान इस विरासत की ओर आकर्षित करने का प्रयास करेंगे। कृपया उक्त विरासत के बारे में छह सौ शब्दों में एक लेख जरूर भेजें जिसमें आप यह बताएं कि जिस भवन अथवा स्थल का आपने जिक्र किया है उसे विरासत क्यों माना जाए, उसकी वर्तमान दशा कैसी है और उसके संरक्षण के बाद क्या संभावनाएं विकसित हो सकती हैं। हो सके तो स्थल/ विरातस के इतिहास की भी जानकारी दें एवं स्थानीय स्तर पर उसका क्या महत्व है, यह भी उल्लेखित करें। पिंकसिटी डॉट कॉम आपके द्वारा भेजी गई जानकारी को अपने स्तर पर विभिन्न मीडिया से शेयर करने का प्रयास भी करेगा और विरासत के संरक्षण के लिए सामाजिक, राजनीतिक व प्रशासनिक स्तर पर भी प्रयासरत रहेगा।

विरासतें आपके कर्तव्य के इंतजार में

आपकी अपनी विरासतें, जो धीरे-धीरे लुप्त हो रहीं हैं, उनके लिए निश्चित तौर पर आपके मन में पीड़ा होगी। आप इन्हें संरक्षित करना चाहते हैं लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक उदासीनता व उपेक्षा के कारण अगर आपकी आवाज नहीं सुनी गई है तो हम आपकी आवाज को देश दुनिया तक पहुंचाएंगे। आपकी अपनी स्थानीय विरासतों के बारे में यूनेस्को की टीम भी आपसे ज्यादा नहीं जानती। ये विरातसें आपके कर्तव्य के इंतजार में हैं।

हमें ई-मेल अथवा पत्र भेजें

ईमेल- info@pinkcity.com

पता- SP-2, शास्त्री मार्केट, बीस दुकान,
राजा पार्क, जयपुर (राजस्थान)

संपर्क- 0141-2600445


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