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होली के रंगो से सराबोर जयपुर

Jaipur holi

स्किन को बचाएगा हर्बल रंग
ट्रैंड और ट्रेडीशन हमेशा बदलता रहता है। इसका कारण है लोगों में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती अवेयरनेस। होली मनाना तो बंद नहीं  हो सकता लेकिन बेहतर ढंग से होली मनाई जा सकती है। कुछ वक्त पहले तक होली मनाने के नाम पर त्वाचा से खिलवाड़ किया जाता था। सीसे और केमिकल युक्त पक्के रंग लगाए जाते थे, कीचड़ और कोलतार से नहला दिया जाता था या फिर ग्रीस और अन्य घातर चीजों का भी इस्तेमाल किया जाता था, इससे होली की पवित्रता खटाई में पड़ जाती थी और  एक डर कायम हो जाता था। कई लोग तो होली जैसे त्योंहारों से अब भी डरते हैं और होली के दिन अपने आप को कमरों में बंद कर लेते हैं। होली पर पानी की बरबादी भी बहुत होती थी। लेकिन धीरे धीरे होली का  यह खिलंदड़ मिजाज बदलने लगा है। होली पर लोगों ने सूखे रंगों का इस्तेमाल करना आरंभ कर दिया है। गुलाल और अबीर के बाद अब बाजार में हर्बल क्रीम भी उपलब्ध है। यह क्रीम रंग का ही काम करेगी लेकिन इससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं होगा। तो क्यूं ना इस बार कमरों से बाहर निकल कर सब के साथ रंगों के इस पावन त्योंहार का आनंद उठाया जाए। आईये, जानें कि कैसे इस बार हम त्वचा की रक्षा करते हुए सुरक्षित होली मना सकते हैं-

हर्बल पिचकू रंगों का करें इस्तेमाल
हर साल होली पर विभिन्न प्रकार के रंग और  गुलाल मार्केट में आती है। इस बार पिचकू रंग प्रचलन में हैं। इस  रंग से न केवल पानी की बर्बादी रुकेगी बल्कि यह रंग त्वचा को नुकसान भी नहीं पहुंचाएगा। हर्बल क्रीम में अलग अलग सात रंगों को मिलाकर इसे तैयार किया गया है। क्रीम में कलर होने से यह आसानी से लगाया जाएगा और पानी से धोकर इसे उतारा भी जा सकता है। इस क्रीम के अलावा बाजार में हर्बल गुलाल भी है जिसका इस्तेमाल करना सुरक्षित रहेगा।

खुशबू वाल हर्बल गुलाल करेगी कमाल
अगर आप अपने अपनों से प्यार करते हैं तो हमेशा उनकी हिफाजत और सुरक्षा के बारे में सोचेंगे। आम गुलाल या पक्के रंगों का इस्तेमाल कर आप अपनों की त्वचा और आंखों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इससे अच्छा है आप हर्बल गुलाल का इस्तेमाल करें। फूलों और प्राकृतिक वस्तुओं से बनी यह खुशबूदार गुलाल इस रंग बिरंगे त्योंहार का आनंद तो बढ़ाएगी ही, रिश्तों में भी गर्माहट बनी रहेगी। इस इको फ्रेंडली गुलाल में किसी भी  प्रकार का केमिकल नहीं है। यह गुलाल अखरोट पाउडर, गुलाब, चंदन, केसर, गेंदा, कमल और केशु के फूलों से निर्मित होती है।

हर जबान, होली पान
इन दिनों होली के अवसर पर होली पान का नाम भी हर जुबान पर है। इन पानों  में किसी प्रकार के केमिकल का  इस्तेमाल नहीं किया जाता। बाजारों में रंग- बिरंगे होली पान बनाए जा रहे हैं। बच्चों के लिए विशेष तौर पर मैजिक माउथ फ्रैशनर बनाया गया है। इसमें विभिन्न रंगों की  सुपारियां, सौंफ, इलायची और चेरी डाली गई है। होली पर लाल, पीले, हरे, गुलाबी, नीले और नारंगी होली पान बनाए जा रहे हैं। ये किसी  भी तरह से सेहत पर  दुष्प्रभाव नहीं डालेंगे।


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